राजस्थान का ‘वैभव’, दुनियाभर के 3 लाख बच्चों में टॉपर:50 बार रिजेक्ट, फिर भी कोशिश की; अब अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित बैंक ने दी जॉब
राजस्थान का 'वैभव', दुनियाभर के 3 लाख बच्चों में टॉपर:50 बार रिजेक्ट, फिर भी कोशिश की; अब अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित बैंक ने दी जॉब

श्रीगंगानगर : रिजेक्शन लेटर तो मुझे रट चुके थे, रिजेक्ट पर रिजेक्ट, बैक टू बैक हमेशा रिजेक्शन आती रही मेरे रास्ते में, लेकिन मेरा रास्ता रोक नहीं पाई, मुझे पूरी उम्मीद और यकीन था कि एक दिन जरूर मुकाम हासिल करूंगा। यह कहना है श्रीगंगानगर के वैभव अग्रवाल का, जिसने अमेरिका में अपनी काबिलियत साबित की।
श्रीगंगानगर के जवाहर नगर निवासी वैभव (21) का यूएस के सबसे प्रतिष्ठित बैंक मॉर्गन स्टेनली में सिलेक्शन हुआ है। वे उनका बैंक के लिए इक्विटी, रिसर्च और सेल्स के फील्ड में काम करेंगे।
वैभव संभवतः इस बैंक के लिए चयनित होने वाला पहले भारतीय स्टूडेंट है। दावा है कि इस पोस्ट के लिए दुनियाभर से 3 लाख लोगों ने अप्लाई किया था। जिसमें से केवल वैभव का सिलेक्शन हुआ है।
दादाजी से कहा था- इस बार उम्मीदों पर पानी नहीं फेरूंगा
वैभव अभी अमेरिका के ही कैली बिजनेस स्कूल में फाइनेंस ग्रेजुएशन में सेकेंड ईयर के स्टूडेंट हैं। अपनी इस सक्सेस को मीडिया के साथ शेयर करते हुए उन्होंने बताया कि जब भी मेरी दादाजी से बात होती थी तो वो कहते थे कि तेरी दादी तो तेरा नाम लेकर सो रही है और तेरा नाम लेकर ही उठ रही है।
यह बात मुझे काफी इमोशनल कर देती थी। इस पर मैं दादाजी से कहता कि इस बार मैं उम्मीदों पर पानी नहीं फेरूंगा। यही बातें थी जिससे मुझे अपनी सक्सेस के लिए पूरा जोश और जुनून मिलता था।

जिस वॉल स्ट्रीट के बारे में सुना था, वहां जाने का भी मौका मिला
वैभव बताते हैं जब उन्हें मॉर्गन स्टेनली में सिलेक्ट होने की जानकारी मिली तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस बैंक में सिलेक्शन का सपना हर वह स्टूडेंट ड्रीम प्रोफेशन के रूप में देखता है, जो इस फील्ड से जुड़ा हुआ है। न्यूयॉर्क की जिस वॉल स्ट्रीट के बारे में केवल सुना था, चयन होने के बाद वहां तक जाने का भी मौका मिला।
वैभव ने बताया कि जब उनका सिलेक्शन हुआ, तब वो ट्रैफिक में थे। उन्होंने फोन पर जानकारी ली। फोन अटैंड होने के दौरान तो किसी तरह खुद को कंट्रोल किया, लेकिन उसके कुछ देर बाद खुशी से बहुत चिल्लाए।
मन किया कि उसी समय अपने परिवार को इसकी सूचना दे दें, लेकिन उस समय भारत में रात के 2 बजे थे। भारत में सुबह होने का इंतजार किया और परिवार को सुबह करीब 7 बजे सूचना दी।

फाइनल राउंड में केवल 9 स्टूडेंट थे
वैभव के पिता विपिन अग्रवाल (45) बिजनेसमैन हैं। उनके पिता ‘दी गंगानगर ट्रेडर्स एसोसिएशन‘ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वैभव के पिता ने बताया कि उसने 5 स्तरों पर लगातार इंटरव्यू दिए। इंटरव्यू में दुनियाभर के 3 लाख स्टूडेंट्स को पांच स्टेप से गुजरना पड़ा। फाइनल राउंड में वैभव सहित कुल 9 ही स्टूडेंट बचे थे।
पिता के साथ मीटिंग्स में जाने की करते थे जिद
वैभव की मां मुक्ता अग्रवाल (42) बताती हैं कि वैभव को अगर खाना खाने के लिए भी बुलाया जाता, तो उसका इंट्रेस्ट फाइनेंस से जुड़े इश्यूज में ही रहता था। वह खाना खाने से ज्यादा फाइनेंशियल इश्यूज पर बात करता था।
अपने पिता के साथ मीटिंग्स में जाने की जिद करते। उसका मानना था कि इसी से वे सफलता हासिल करेगा। वैभव का एक छोटा भाई है केशव अग्रवाल (17) जो गुरुग्राम के पाथवे स्कूल में पढ़ता है।

रतन टाटा, जेफ बेजोस की लाइफ ने किया इंप्रेस
वैभव के चाचा नितिन अग्रवाल (43) ने बताया कि वैभव शुरू से ही स्टडी पर फोकस करता था। उन्होंने श्रीगंगानगर में शुरुआती स्टडी के दौरान रतन टाटा, जेफ बेजोस जैसे फेमस बिजनेसमैन की लाइफ जर्नी के बारे में खूब पढ़ा है । शेयर, सेल्स और इक्विटी से जुड़ी बातें उसे बेहद पसंद है। इसी का रिजल्ट है उसे इतने बड़े लेवल पर सफलता मिली है।
क्या है मॉर्गन स्टेनली
मॉर्गन स्टेनली अमेरिका का मल्टीनेशनल इन्वेस्टमेंट बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी है। इसका हेड क्वार्टर न्यूयॉर्क के मैनहैटन में है। इसके 41 देश में ऑफिसेज हैं और 75 हजार से ज्यादा लोग इसमें काम करते हैं।
इस संस्थान के क्लाइंट में बड़े-बड़े बिजनेस ग्रुप, गवर्नमेंट इंस्टीट्यूशंस और इंडिविजुअल शामिल हैं। इसे वर्ष 2023 में रेवेन्यू के हिसाब से फॉर्च्यून 500 लिस्ट में 61वीं पॉजिशन पर रैंक किया गया था।