रगाह जियारत के लिए आया पाकिस्तानी जायरीनों का दल रवाना, बोले- दोनों देश के PM अच्छा कार्य कर रहे
दरगाह जियारत के लिए अजमेर आया पाकिस्तानी जायरीनों का दल रवाना हो चुका है। जायरीन बोले, अजमेर आकर बहुत सुकून मिला। दोनों देश के प्रधानमंत्री अच्छा कार्य कर रहे हैं, मौका मिला तो फिर आएंगे।

अजमेर : विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के सालाना 812वें उर्स में शिरकत करने के लिए पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से अजमेर आए 230 पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अजमेर रेलवे स्टेशन से स्पेशल ट्रेन से अमृतसर के लिए रवाना हुआ। यह ट्रेन रविवार को दिल्ली होते हुए अमृतसर पहुंचेगी।
इससे पहले अजमेर के चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में पिछले पांच दिनों से रह रहे पाकिस्तानी जायरीनों को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच रोडवेज बसों से रेलवे स्टेशन पर लाया गया। रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद सभी के सामान की गहनता से जांच की गई और उसके बाद उनको विशेष ट्रेन में बैठाया गया। वतन लौटते समय पाकिस्तानी जायरीन लाहौर निवासी इशरत कमाल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें अजमेर आकर बहुत सुकून मिला है और जिला प्रशासन व पुलिस की ओर से उनको किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने सरकार का शुक्रिया अदा किया, उन्होंने दोनों देशों के रिश्ते अच्छे हो इसकी दुआ मांगी है और कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो दोबारा हिंदुस्तान आएंगे।
वहीं अन्य पाकिस्तानी जायरीन ने सरकार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि हमने दरगाह में मन्नत मांगी है कि दोनों मुल्क आपस में मिलजुल कर रहें, उन्हें यहां रहकर मजा आया। किसी तरह को कोई उन्हें परेशानी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में रह रहे हिंदू अच्छे हैं और दोनों देश के प्रधानमंत्री अच्छा कार्य कर रहे हैं। आपको बता दें कि धार्मिक यात्रा संधि के तहत पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था हर साल ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स में शिरकत करने के लिए अजमेर आता है।