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लोकसभा में घुसे युवक की हनुमान बेनीवाल ने की पिटाई:बोले- सांसद घबरा गए थे, कहीं कोई हथियार तो नहीं; मैंने और कुछ MP ने दबोचा


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लोकसभा में घुसे युवक की हनुमान बेनीवाल ने की पिटाई:बोले- सांसद घबरा गए थे, कहीं कोई हथियार तो नहीं; मैंने और कुछ MP ने दबोचा

नई दिल्ली : संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी के दिन सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई। विजिटर्स गैलरी से 2 युवक अचानक नीचे कूद गए। इस घटना के समय संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित 6 मंत्री मौजूद थे। युवकों ने जब भीतर धुआं छोड़ा तो अंदर बैठे करीब 150 सांसद घबरा गए थे।

इस दौरान एक युवक को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने दबोच लिया। उस युवक को जमकर पीटा। इस घटना के चश्मदीद रहे हनुमान बेनीवाल से हमारी मीडिया टीम ने आंखों-देखा हाल जाना। उन्होंने बताया कि इन युवकों के इरादे कुछ और थे। ये बेंच पर कूदते हुए अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचना चाह रहे थे। एक युवक को मैंने पकड़ा और दूसरे को अन्य ने।

लोकसभा की कार्यवाही में घुसा शख्स सीटों पर भी कूदा। इससे सदन में अफरा-तफरी मच गई।
लोकसभा की कार्यवाही में घुसा शख्स सीटों पर भी कूदा। इससे सदन में अफरा-तफरी मच गई।

जब शोर सुना तो पीछे देखा, एक लड़का बेंच पर कूद रहा था…

हनुमान बेनीवाल बताते हैं- सदन में ‘शून्यकाल’ चल रहा था। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष अपने चैंबर में थे। पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल शून्य काल की कार्यवाही को संचालित कर रहे थे। उस समय लोकसभा में बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे। उनके बाद मेरे बोलने का नंबर आने वाला था। अचानक से हंगामा हो गया। मेरा ध्यान पीछे की ओर गया। हम सभी ने पीछे मुड़कर देखा। एक युवक दर्शक दीर्घा से कूदकर नीचे आ रहा है।

बेंच पर उछल-कूद करते हुए वह आगे बढ़ रहा है। सदन में उस वक्त अफरातफरी मच गई थी। कई महिला सांसदों को लांघते हुए वह आगे बढ़ा। इतनी ही देर में एक दूसरा युवक भी नीचे कूद गया। दर्शक दीर्घा की ऊंचाई 6 से साढ़े 6 फीट के करीब होगी। दूसरा युवक भी आगे बढ़ने लगा।

ये सब इतना अचानक हुआ कि पहले तो किसी भी सांसद को कुछ समझ में नहीं आया। मैं भी अपनी जगह से उठकर उन लड़कों की ओर लपका। मैंने पहले कूदने वाले को आगे बढ़कर पकड़ लिया। कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने गैलरी में कूदे दूसरे शख्स को पकड़ लिया।

काबू करने के बाद अन्य सांसदों ने भी उसे दबोच लिया। असल में विजिटर गैलरी में बैठे दो युवाओं ने हरकत की। दोनों एक के बाद एक विजिटर गैलरी से अंदर कूद गए, जहां संसद चल रही थी।

संसद में धुआं उड़ाने वाले युवकों को पकड़कर पीटते सांसद हनुमान बेनीवाल व अन्य नेता।
संसद में धुआं उड़ाने वाले युवकों को पकड़कर पीटते सांसद हनुमान बेनीवाल व अन्य नेता।

चार थे, पकड़ने पर बोले, हम प्रोटेस्ट कर रहे हैं और धुआं छोड़ा

बेनीवाल के अनुसार, जब दोनों लड़कों को दबोच लिया, तो उन्होंने कहा कि हम प्रोटेस्ट कर रहे हैं। उन्होंने अचानक अपने जूते से पीले रंग का स्मोक कलर निकाला। पकड़ने से पहले और पकड़ने के बावजूद उन लड़कों ने काफी धुआं छोड़ा। इससे सदन के भीतर धुआं-धुआं हो गया। सभी सांसद घबरा गए। कुछ का दम भी घुटने लगा था। सांसदों में इस बात का डर था कि कहीं ये गैस जहरीली तो नहीं। साथ ही इनके पास कोई गन तो नहीं है।

सदन में जो धुआं फैला, वो पीले रंग का था।
सदन में जो धुआं फैला, वो पीले रंग का था।

सांसद कमजोर नहीं
बेनीवाल ने कहा- संसद भवन के मार्शल आने से पहले ही हम सांसदों ने दोनों युवकों को दबोच लिया था। हमने यह बताने का प्रयास किया कि सांसद भी कमजोर नहीं हैं। सांसदों ने जब लड़कों को पीटा, तो कहने लगे कि साब हम प्रोटेस्ट कर रहे हैं। हमें मत मारो। हम तो प्रोटेस्ट कर रहे हैं।

ये कुल मिलाकर चार लोग थे। दो विजिटर गैलरी में बैठे थे। इनमें से एक युवती भी थी। विजिटर गैलरी में बैठकर कूदे हुए दोनों लड़कों को मोटिवेट कर रहे थे। युवती को पकड़ लिया गया है। दूसरे ने बाहर भागने का प्रयास किया, जिसे गार्डों ने पकड़ लिया था।

कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने गैलरी में कूदे शख्स को पकड़ा। उनके हाथ में भी पीला रंग लग गया।
कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने गैलरी में कूदे शख्स को पकड़ा। उनके हाथ में भी पीला रंग लग गया।

सुरक्षाकर्मियों को आने में लगा समय, यही दिन क्यों चुना?

नागौर सांसद ने कहा- इस घटना के दौरान सुरक्षा कर्मी सदन में नहीं आ पाए थे। मार्शल सिक्योरिटी के लोगों को 2-3 मिनट से ज्यादा का समय लग गया। लड़कों को काबू करने के बाद भी वे छुड़ाने का प्रयास कर रहे थे। हमने उन्हें नहीं छोड़ा।

इस मामले की जांच होनी चाहिए कि प्रोटेस्ट किस चीज का था। यह पता लगाने की जरूरत है कि इसी दिन को क्यों चुना इन लोगों ने। उनका मकसद कुछ और था। वे चेयर (अध्यक्ष जहां बैठते हैं) की ओर बढ़ रहे थे। लग रहा था कि वे सीधा चेयर की ओर ही जाना चाहते थे। लोकसभा की हाई क्लास सिक्योरिटी में करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं। ऐसे तो कोई भी भीतर आकर हमला कर देता या किसी सांसद को चोट पहुंचा देगा।

आज लोकसभा में आतंकी हमले की बरसी है। उस समय नेताओं-सांसदों को बचाने के लिए जिन्होंने शहादत दी, उन्हें याद किया जा रहा है। आज ही के दिन इस तरह की ब्लंडर मिस्टेक होना बहुत गंभीर है।

ये नीलम है। इसे संसद के बाहर से गिरफ्तार किया गया। नीलम के साथ अन्य युवक अमोल भी था।
ये नीलम है। इसे संसद के बाहर से गिरफ्तार किया गया। नीलम के साथ अन्य युवक अमोल भी था।

आखिर किसने बुलाए थे विजिटर, पता किया जाए

वो किस सांसद, मंत्री या नेता के विजिटर थे। सिक्योरिटी में किन लोगों की जिम्मेदारी थी और जिन्होंने लापरवाही की। सभी की जांच होनी चाहिए। वो लोग जूतों में छिपाकर जो चीज लाए थे, वो सबसे गंभीर था। वो तो ठीक रहा कि उन्हें हमने पकड़ लिया। यदि कोई खतरनाक चीज होती, तो सांसद घायल हो सकते थे। महिला सांसद भी अंदर थीं।

लोकसभा में कोई अनहोनी हो सकती थी, लेकिन नहीं हुई। ईश्वर की कृपा है। यदि वे चाहते तो बड़े ही आराम से कोई कांड कर सकते थे।

2001 में इसी दिन संसद पर हमला

13 दिसंबर 2001 को संसद में शीत सत्र चल रहा था। महिला आरक्षण बिल पर हंगामे के बाद सुबह 11:02 बजे सदन को स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी संसद से जा चुके थे।

सुबह करीब साढ़े 11 बजे उपराष्ट्रपति के सिक्योरिटी गार्ड उनके बाहर आने का इंतजार कर रहे थे। तभी सफेद एंबेसडर में सवार 5 आतंकी गेट नंबर-12 से संसद के अंदर घुस गए। उस समय सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे हुआ करते थे।

ये सब देखकर सिक्योरिटी गार्ड ने उस एंबेसडर कार के पीछे दौड़ लगा दी। तभी आतंकियों की कार उपराष्ट्रपति की कार से टकरा गई। घबराकर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों के पास एके-47 और हैंड ग्रेनेड थे, जबकि सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे थे।

संसद में मौजूद थे आडवाणी, प्रमोद महाजन और कई पत्रकार

गोलियों की आवाज सुनते ही CRPF की एक बटालियन भी एक्टिव हो गई। उस वक्त संसद में गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी, प्रमोद महाजन समेत कई बड़े नेता और पत्रकार मौजूद थे। सभी को अंदर ही सुरक्षित रहने को कहा गया।

इस बीच एक आतंकी ने गेट नंबर-1 से सदन में घुसने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसे वहीं मार गिराया। इसके बाद उसके शरीर पर लगे बम में भी ब्लास्ट हो गया। बाकी के 4 आतंकियों ने गेट नंबर-4 से सदन में घुसने की कोशिश की। इनमें से 3 आतंकियों को वहीं पर मार दिया गया।

बचे हुए आखिरी आतंकी ने गेट नंबर-5 की तरफ दौड़ लगाई। वो भी जवानों की गोली का शिकार हो गया। जवानों और आतंकियों के बीच सुबह 11:30 बजे शुरू हुई मुठभेड़ शाम को 4 बजे खत्म हुई थी।

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