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मानहानि के केस में अशोक गहलोत को झटका:दिल्ली की एडीजे कोर्ट ने रिवीजन याचिका की खारिज, मामला चलता रहेगा, पेश भी होना पड़ सकता है


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मानहानि के केस में अशोक गहलोत को झटका:दिल्ली की एडीजे कोर्ट ने रिवीजन याचिका की खारिज, मामला चलता रहेगा, पेश भी होना पड़ सकता है

मानहानि के केस में अशोक गहलोत को झटका:दिल्ली की एडीजे कोर्ट ने रिवीजन याचिका की खारिज, मामला चलता रहेगा, पेश भी होना पड़ सकता है

जयपुर : केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा दायर मानहानि के केस में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिल्ली की रिवीज़न कोर्ट से झटका लगा हैं। रिवीजन कोर्ट ने राउज एवेन्यू कोर्ट के समन जारी करने के आदेश के खिलाफ दायर गहलोत की याचिका को खारिज कर दिया है।

रिवीजन पिटिशन खारिज होने के बाद अब गहलोत के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में मामला चलता रहेगा। वहीं अब उन्हें आगामी पेशी 15 दिसंबर को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हाजिर भी होना होगा। हालांकि गहलोत की तरफ से हाजिरी माफी की एप्लिकेशन लगाकर व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट भी मांगी जा सकती है, लेकिन यह कोर्ट पर निर्भर करेगा कि उन्हें व्यक्तिगत पेशी से छूट मिलती है या नहीं।

गजेंद्र सिंह शेखावत ने दायर किया था मानहानि का केस
दरअसल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत की ओर से संजीवनी घोटाले में उनको और उनके परिवार को आरोपी बताने के मामले में मानहानि का दावा किया था। इस पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने 6 जुलाई को अशोक गहलोत के खिलाफ समन जारी किया था। इसके खिलाफ गहलोत ने सेशन कोर्ट में रिवीजन फाइल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

गहलोत ने कहा था- एसओजी ने जो बताया वो बोला
रिवीजन कोर्ट में 1 अगस्त 2023 को सुनवाई के दौरान अशोक गहलोत ने कहा था कि मेरे पास गृह विभाग भी है। गृहमंत्री होने के नाते एसओजी मुझे रिपोर्ट करती है। एसओजी ने केस को लेकर जो मुझे जानकारी दी, उसे मीडिया के साथ साझा किया। एसओजी को मिली शिकायत में गजेंद्र सिंह के परिवार का नाम भी है।

वहीं गजेंद्र सिंह शेखावत के वकीलों ने बहस करते हुए कहा था कि हमारा किसी भी शिकायत में नाम नहीं था। मानहानि का केस दर्ज होने के बाद एसओजी ने इस मामले में कथित तथ्य जुटाए।

करीब 10 महीने पहले गहलोत ने दिया था बयान
दरअसल, गहलोत ने 21 फरवरी को सचिवालय में बजट की समीक्षा बैठक के बाद कहा था कि संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह के मां-बाप, पत्नी सहित पूरा परिवार शामिल है। इस घटना से पहले भी दोनों नेताओं के बीच लगातार बयानबाजी होती आई है। इसके बाद केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का दावा पेश किया था। गजेंद्र सिंह ने संजीवनी घोटाले में उनके परिवार के बारे में दिए गए अशोक गहलोत के बयान को आधार बनाया था।

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