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रोज शराब पीकर पीटता था पति, परेशान होकर रहने लगी लिव-इन पार्टनर के साथ, जान पर खतरा होने पर कोर्ट ने दी सुरक्षा


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रोज शराब पीकर पीटता था पति, परेशान होकर रहने लगी लिव-इन पार्टनर के साथ, जान पर खतरा होने पर कोर्ट ने दी सुरक्षा

High court directs police protect live-in partner: जोधपुर में एक महिला ने पति की ओर से जान का खतरा होने के चलते हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग की। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को उसे और उसके लिव-इन पार्टनर को सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं।

High court directs police protect live-in partner: राजस्थान के जोधपुर में एक महिला के पति ने दूसरे शख्स के साथ लिव-इन में रहने के चलते उसे घर से बाहर निकाल दिया। इस मामले में महिला और उसके लिव इन पार्टनर ने उसके पति और परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है कि उन्हें जान-माल का खतरा है। इसके साथ ही हाईकोर्ट में उनके वकील निखिल भण्डारी ने बहस करते हुए यह कोर्ट से अपील कि जोधपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक को यह आदेश दिया जाए कि वे लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले इन प्रेमी-प्रेमिका को पुलिस सुरक्षा प्रदान करें।

कोर्ट से लगाई सुरक्षा देने की गुहार

मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित महिला सोनी और उसके पार्टनर सुखाराम के वकील निखिल भण्डारी ने हाईकोर्ट को बताया कि वह आपस में लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं। लेकिन मोनी के पति व ससुराल पक्ष वालों से उन दोनों को जान व माल का खतरा लगातार बना हुआ है। मोनी का पति रोजाना शराब पीकर उसके साथ गाली-गलौच व मारपीट करता था। एडवोकेट निखिल भण्डारी ने बहस करते हुए यह कोर्ट से अपील कि जोधपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक को यह आदेश दिया जाए कि वे लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले इन प्रेमी-प्रेमिका को पुलिस सुरक्षा प्रदान करें।

कोर्ट ने पुलिस को दिए सुरक्षा देने के निर्देश

एडवोकेट निखिल भण्डारी ने हाईकोर्ट के सामने यह भी बहस की कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में सभी नागरिकों को जीवन जीने तथा व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मूलभूत अधिकार प्राप्त हैं और किसी के द्वारा भी इसका उल्लंघन व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन है। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस कुलदीप माथुर ने एडवोकेट निखिल भण्डारी के तर्कों से सहमत होते हुए लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले प्रेमी प्रेमिका को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का आदेश पारित किया।

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