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कोटा में एक और छात्र ने फांसी लगाकर दी जान, इस साल सुसाइड का यह 28वां केस


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कोटा में एक और छात्र ने फांसी लगाकर दी जान, इस साल सुसाइड का यह 28वां केस

Kota Student Suicide: राजस्थान के कोटा में स्टूडेंट सुसाइड के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस साल अब तक 28 छात्रों ने फंदा लगाकर अपनी जान दे दी।

कोटा : कोटा में नीट की तैयारी कर रहे एक और स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया। बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल का रहने वाला 19 साल का फोरिद एक साल पहले कोटा आया था और यहां रहकर कोचिंग की तैयारी कर रहा था। घटना के बाद पुलिस ने परिजनों को सूचना दी। घटना शहर के दादाबाड़ी थाना इलाके के वक्फ नगर में सोमवार शाम करीब 7 बजे हुई। अभी शव को एमबीएस हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया है। वहीं सुसाइड के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है।

फोरिद दादाबाड़ी थाना इलाके के इसी मकान में किराए पर रहता था।
फोरिद दादाबाड़ी थाना इलाके के इसी मकान में किराए पर रहता था।

दिन में की थी कोचिंग अटेंड

थाना अधिकारी राजेश पाठक ने बताया कि फोरिद एक साल पहले जुलाई में पश्चिम बंगाल से कोटा आया था। वह वक्फ नगर के एक मकान में किराए पर रहता था। इस मकान में सभी स्टूडेंट पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। वहां के स्टूडेंट्स ने बताया कि सोमवार को फोरिद को​चिंग अटेंड करके आया। इसके बाद लंच भी साथ में लिया।

शाम 7 बजे जब फोरिद कमरे से बाहर नहीं आया तो वहां रहने वाले अन्य स्टूडेंट्स ने उसे आवाज दी। जब वह कमरे से बाहर नहीं निकला तो मकान मालिक को सूचना दी, इस बीच पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी। इसके बाद कमरे का गेट तोड़ा गया, जहां फोरिद फंदे से झूल रहा था। इस पर उसे नजदीकी निजी हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया।

इस साल 26 वां सुसाइड

कोटा में इस साल का ये 26 वां सुसाइड है। कोचिंग स्टूडेंट्स के सुसाइड मामलों को लेकर राज्य सरकार ने एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने स्टूडेंट्स के सुसाइड करने के कई प्रमुख कारण बताए थे।

-कॉम्पिटिटिव एग्जाम में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड और अच्छी रैंक लाने का प्रेशर।

-कोचिंग के प्रैक्टिस टेस्ट में अच्छा परफॉर्म न कर पाने से होने वाली निराशा।

-बच्चों की योग्यता, रूचि और क्षमता से ज्यादा पढ़ाई का बोझ और पेरेंट्स की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रेशर।

-टीनएज में होने वाले मानसिक और शारीरिक बदलाव, परिवार से दूर रहना, काउंसिलिंग और सपोर्ट सिस्टम का अभाव।

-बार-बार होने वाले असेसमेंट टेस्ट और रिजल्ट की चिंता, कम स्कोर करने पर डांट या टिप्पणी सुनना, रिजल्ट के आधार पर बैच बदलने का डर।

-कोचिंग इंस्टिट्यूट का टाइट शेड्यूल, को-करिकुलर एक्टिविटीज न होना और छुट्टियां न मिलना।

अभी शव को एमबीएस हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया है। परिजनों के आने पर पोस्टमार्टम होगा।
अभी शव को एमबीएस हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया है। परिजनों के आने पर पोस्टमार्टम होगा।

कमेटी की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने गाइड लाइन में बदलाव किए थे।

-स्टूडेंट्स 8 वीं क्लास से पहले कोचिंग इंस्टिट्यूट में एडमिशन नहीं ले सकेंगे।

-स्टूडेंट के कोचिंग छोड़ने पर उन्हें आसानी से एग्जिट और रिफंड दिया जाएगा।

– वीकली और मंथली टेस्ट में आई रैंक के हिसाब से स्टूडेंट्स को बैच अलॉट नहीं किए जाएंगे।

– वीकली टेस्ट के रिजल्ट पब्लिकली डिस्प्ले नहीं किए जाएंगे, कम स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की काउंसलिंग की जाएगी।

-स्टूडेंट के टेस्ट संडे को नहीं लिए जाएंगे, हफ्ते में करीब डेढ़ दिन का वीकली ऑफ मिलेगा।

– टीचर्स, इंस्टिट्यूट मैनेजर्स, स्टाफ मेंबर्स, हॉस्टल ओर PG के वार्डन को गेटकीपिंग ट्रेनिंग यानी स्टूडेंट में सुसाइड या डिप्रेशन के लक्षण को पहचानने की ट्रेनिंग दी जाएगी।

– कोचिंग में एडमिशन लेने के 45 दिनों के बाद सभी स्टूडेंट्स की काउंसलिंग होगी। 90 दिनों बाद दूसरा काउंसलिंग सेशन होगा और 120 दिनों के बाद तीसरा सेशन लिया जाएगा।

– कोचिंग इंस्टीट्यूट द्वारा टॉपर्स को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए जाने पर भी मनाई है।

कोटा में इस साल हुए सुसाइड

  • जनवरी: अली राजा ने सुसाइड किया। इसे कोटा आए पांच महीने ही हुए थे।
  • 8 फरवरी: बाड़मेर की कृष्णा और उत्तरप्रदेश के धनेश कुमार ने फांसी लगाई।
  • 12 जून: महाराष्ट्र के 17 साल के भार्गव केशव ने कमरे में फांसी लगा ली। 2 महीने तक कोटा में रहा। JEE की तैयारी कर रहा था।
  • 27 जून: उदयपुर के सलूंबर के रहने वाले मेहुल वैष्णव (18) ने हॉस्टल में फांसी लगाई थी। NEET की कोचिंग कर रहा था।
  • 7 जुलाई: यूपी के रामपुर के बहादुर सिंह (17) फांसी लगाकर सुसाइड किया। JEE की तैयारी कर रहा था।
  • 3 अगस्त: NEET की तैयारी कर रहे यूपी के छात्र मनजोत ने सुसाइड किया था।
  • 4 अगस्त: बिहार के चंपारण के भार्गव मिश्रा ने सुसाइड किया था। JEEकी तैयारी के लिए आया था।
  • 10 अगस्त: यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले मनीष प्रजापति (17) ने हॉस्टल में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मनीष 6 महीने पहले ही कोटा आया था और जेईई की तैयारी कर रहा था।
  • 16 अगस्त: बिहार का रहने वाला वाल्मीकि प्रसाद जांगिड़ (18) जुलाई 2022 में कोटा आया था। स्टूडेंट ने कमरे की खिड़की से लटक कर सुसाइड किया था।
  • 28 अगस्त: बिहार के रहने वाले आदर्श और महाराष्ट्र के स्टूडेंट अविष्कार संभाजी ने सुसाइड कर लिया।

पंखों में एंटी हैंगिंग डिवाइस अनिवार्य

मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया तो फाउरीद पंखे से लटका था। इसके बाद पुलिस ने उसे फंदे से उतारकर अस्पताल पहुंचाया लेकिन वहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने फाउरीद के परिजनों को भी सूचित कर दिया है। फिलहाल पुलिस उसके परिजनों के कोटा पहुंचने का इंतजार कर रही है। बता दें कि पिछले कुछ महीनों में कोटा में 28 छात्रों ने सुसाइड कर अपनी जान दे दी है।

इस बीच कोटा में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोटा कलेक्टर ने कोचिंग सेंटरों और हाॅस्टल के पंखों में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगवाना अनिवार्य कर दिया था। इतना ही नहीं कोचिंग सेंटरों को दो महीने के लिए टेस्ट लेने पर भी रोक लगा दिया था।

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