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Rajasthan Election 2023: शिव सीट पर भाजपा की राह का रोड़ा बने भाटी-रावलोत, कांग्रेस के अमीन खान भी फंसे


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Rajasthan Election 2023: शिव सीट पर भाजपा की राह का रोड़ा बने भाटी-रावलोत, कांग्रेस के अमीन खान भी फंसे

Rajasthan Election 2023: बाड़मेर की शिव सीट इस बार पंचकोणीय मुकाबले में फंस गई है। ऐसे में यह कयास लगा पाना मुश्किल है कि यहां से जीत का दावेदार कौन है?

Rajasthan Election 2023: बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट हाॅट सीट तो नहीं है लेकिन भाजपा-कांग्रेस के बागियों ने मुकाबले को काफी रोचक बना दिया है। इस सीट पर रिकाॅर्ड तोड़ मतदान हुआ है। चुनाव आयोग की मानें तो इस सीट पर इस बार 83.28 फीसदी मतदान हुआ है। शिव विधानसभा जैसलमेर के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी विधानसभा है। जनसंख्या नहीं क्षेत्रफल के आधार पर।

भाजपा के बागी उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी और कांग्रेस के फतेह खान ने समीकरण बिगाड़ दिए हैं। इस सीट से भाजपा ने स्वरूप सिंह खारा, कांग्रेस ने 5 बार के विधायक अमीन खान और रालोपा ने भाजपा के पूर्व विधायक जालमसिंह रावलोत को मैदान में उतारा है। बता दें कि इस सीट पर जाट, राजपूत वोटर्स के अलावा मुस्लिम मतदाता भी निर्णायक भूमिका में हैं। जब कांग्रेस ने अमीन खान को टिकट दिया तो नाराज फतेह खान ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया। उधर भाजपा ने जब स्वरूप सिंह खारा को उम्मीदवार बनाया तो नाराज होकर भाटी और रावलोत भी निर्दलीय मैदान में कूद गए।

भाजपा का जीतना हुआ मुश्किल

इससे जाट, राजपूत, मुस्लिम और ओबीसी वोट बैंक बंटने के आसार है। ऐसे में शिव सीट पर भाजपा का पेच फंस गया है। भाजपा के मूल काडर को छोड़ दे तो दूसरे वोटर्स भाटी और रावलोत की ओर जा सकते हैं। ऐसे में भाजपा के लिए यह सीट जीतना लगभग नामुमकिन सा हो गया है। अब आते है कांग्रेस पर कांग्रेस से 5 बार के विधायक अमीन खान को फतेह खान से टक्कर मिल रही है। फतेह खान मुस्लिम वोटों में सेंधमारी करते हैं तो भी कांग्रेस का मूल काडर तो अमीन खान के साथ ही जाएगा। ऐसे में यह सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है।

किसके सिर बंधेगा जीत का सेहरा

इस सीट से कभी भाजपा कभी कांग्रेस जीतती आई है। ऐसे में इस बार बारी भाजपा की थी लेकिन भाटी और रावलोत के मैदान में उतरने से भाजपा को नुकसान होना तय है। 2018 के चुनाव में भी इस सीट पर 80.45 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। वहीं इस सीट पर 3 लाख वोटर्स हैं। इस बार ढाई लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। ऐसे में अब देखना दिलचस्प है कि पंचकोणीय मुकाबले में जीत का सेहरा किसके सिर पर बंधेगा।

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