दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं ने घर से डाले वोट, वोट फ्रॉम होम के तहत मतदान प्रक्रिया शुरू
झुंझुनूं एसडीएम कविता गोदारा, बीएलओ और पोलिंग टीम ने सबसे पहले पूरी प्रक्रिया समझाई और बाद में वोटिंग करवाई.

झुंझुनूं : इस बार निर्वाचन आयोग ने वोट फ्रॉम होम का कार्यक्रम शुरू किया है. जिसके तहत दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाता, जो मतदान केंद्र तक पहुंचने में सक्षम नहीं हैं उनसे उनके घर पर ही वोट डलवाया जा रहा है. झुंझुनूं में इस मतदान कार्यक्रम को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. पहले दिन झुंझुनूं कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी बचनेश अग्रवाल ने खुद कई मतदाताओं के घर पर जाकर व्यवस्था देखी और वोट डालने पर मतदाताओं को शुक्रिया अदा किया. तो वहीं मतदाताओं ने भी कलेक्टर व चुनाव आयोग की इस पहल पर धन्यवाद दिया.
झुंझुनूं शहर के रोड नंबर दो और तीन के बीच एक मोहल्ले में रहने वाले बनवारीलाल तथा गनी कॉलोनी में रहने वाले मोहम्मद याकूब जिन्होंने आज निर्वाचन आयोग के वोट फ्रॉम होम के तहत अपने घर पर ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. जिनसे मिलने और पूरी प्रक्रिया का जायजा लेने जिला निर्वाचन अधिकारी बचनेश अग्रवाल पहुंचे.
जिला कलेक्टर ने बताया कि मोहम्मद याकूब के परिवार के सदस्यों ने बताया कि याकूब पेरेलाइसिस से पीड़ित है और बीते तीन दशक से बैड पर ही है. ना तो उठ सकते है, ना बैठ सकते है और ना ही चल सकते है. ऐसे में उन्होंने 30 सालों में चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया. लेकिन इस बार जब वोट फ्रॉम होम के तहत मतदान की व्यवस्था की गई तो ना केवल उन्हें, बल्कि याकूब को खभी खुशी हुई. कलेक्टर ने बताया कि आगामी पांच दिनों में 50 से अधिक पोलिंग पार्टियां घर-घर जाकर 2208 मतदाताओं को मतदान करवाएंगी. पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाई जा रही है. ताकि इस व्यवस्था पर सवाल खड़े ना हो.
इधर, मोहम्मद याकूब ने वोट डालने के बाद आम मतदाताओं की तरह खुद के मताधिकार पर फक्र महसूस किया और नीली स्याही लगी उंगली को भी उठाने की कोशिश की. लेकिन बीमारी के कारण वे पूरी अंगुली नहीं दिखा सके. लेकिन उन्हें वोट देने की खुशी कितनी थी यह साफ उनके चेहरे पर दिख रही थी. मोहम्मद याकूब के बेटे मोहम्मद सूफियान ने बताया कि तीन दशक से उन्होंने नहीं देखा कि उनके पिता ने कभी वोट डाला हो.
जिस दिन उनके पास बीएलओ आया और एसडीएम कार्यालय से फोन आया कि इस बार उनके पिता वोट डालेंगे. उसी दिन उन्होंने वोटर आईडी कार्ड निकालकर रख लिया था. पूरे परिवार में इस दिन का बेसब्री से इंतजार था. उनके पिता भी एक-दो बार उनसे पूछा कि मेरा वोट डलवाने कब आएंगे. आज पूरा परिवार निर्वाचन आयोग को शुक्रिया अदा करता है.