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Uttarkashi Tunnel Accident: 40 जिंदगियों को बचाने की जंग जारी, सुरंग में फंसे मजदूरों को पाइप से पहुंचाया जा रहा खाना और ऑक्सीजन


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Uttarkashi Tunnel Accident: 40 जिंदगियों को बचाने की जंग जारी, सुरंग में फंसे मजदूरों को पाइप से पहुंचाया जा रहा खाना और ऑक्सीजन

चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से पोलगांव के बीच राज्य की सबसे लंबी (4.5 किमी) सुरंग में भूस्खलन हो गया। सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने के पास सुरंग का 30 से 35 मीटर हिस्सा टूट गया। जिससे सुरंग में मलबा आने के कारण 35 से 40 मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए हैं।

उत्तराखंड : उत्तरकाशी के यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग में 12 घंटे की शिफ्ट खत्म कर मजदूर दीपावली की छुट्टी मनाने वाले थे, सुबह 8 बजे शिफ्ट खत्म होने वाली थी कि उससे पहले हादसा हो गया। सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से 250 मीटर आगे सुरंग का 30 से 35 मीटर हिस्सा टूट गया। जिसके चलते निर्माण कार्य में लगे 30 से 35 मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है। सुरंग में 40 मजदूर फंसे हुए हैं। प्रशासन पाइप लाइन के जरिए सुरंग में ऑक्सीजन पहुंचाने के साथ-साथ खाना और पानी भी पहुंचा रहा है। जानकारी मिली है कि बचाव टीम लगातार मजदूरों से बात कर रही है। इसके अलावा हैवी मशीनरी के जरिए मलबा हटाने का काम जारी है।

लैंड स्लाइड की वजह से टूट गया था टनल का एक हिस्सा

ब्रह्मखाल-यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा रविवार को लैंड स्लाइड की वजह से टूट गया था। इस वजह से इस टनल में काम करने वाले 40 मजदूर इसमें फंस गए हैं। उत्तराखंड के सर्कल ऑफिसर प्रशांत कुमार ने बताया है कि टनल में फंसे सभी लोग सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि टनल में अभी 15 मीटर तक आगे बढ़ चुका है और 35 मीटर तक अभी और बढ़ना बाकी है। टनल के भीतर जाने के लिए साइड से एक रास्ता बनाया जा रहा है।

ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध करा दिया है: प्रशांत कुमार
उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर उत्तरकाशी के सर्किल ऑफिसर प्रशांत कुमार का कहना है, “सुरंग के अंदर 40 लोग फंसे हुए हैं। सभी सुरक्षित हैं, हमने उन्हें ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है। वर्तमान स्थिति यह है कि कल हमने सुरंग के अंदर फंसे लोगों के साथ संचार स्थापित किया था। हम सुरंग के अंदर लगभग 15 मीटर तक चले गए हैं, और लगभग 35 मीटर अभी भी तय करना बाकी है। हर कोई सुरक्षित है, हमने ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है। हम सुरंग के अंदर जाने के लिए बगल में अपना रास्ता बना रहे हैं। Uttarkashi Tunnel Collapse Landslide in Uttarkashi Tunnel Yamunotri National Highway, Many Workers Trappedहेडरेस टनल – फोटो : संवाद

सर्किल ऑफिसर प्रशांत कुमार ने कहा कि मलबा लगभग 60 मीटर तक है। जैसे हम मलबा हटा रहे हैं, ऊपर से मलबा गिर रहा है। हमने लगभग 15-20 मीटर तक मलबा हटा लिया है। सभी लोग सुरक्षित हैं।

कई टीमें बचाव में जुटी

40 जिदंगियों को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर बचाव कार्य चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन में NDRF, SDRF और पुलिसकर्मी जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि पाइप के जरिए फंसे मजदूरों को खाने के लिए चने पहुंचाए गए हैं। टनल में फंसे मजदूरों में से 4 बिहार, 2 उत्तराखंड के, पश्चिम बंगाल के तीन, ओडिशा से 5 मजदूर फंसे हुए हैं।

सबसे ज्यादा मजदूर झारखंड से

सुरंग में फंसे मजदूरों में सबसे ज्यादा 15 मजदूर झारखंड से हैं. यूपी के 8 श्रमिक भी अंदर फंसे हुए हैं। इसके अलावा असम के दो और हिमाचल का एक मजदूर भी भीतर है।

Uttarkashi Tunnel Collapse Landslide in Uttarkashi Tunnel Yamunotri National Highway, Many Workers Trappedउत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूर – फोटो

आपको बता दें कि चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से पोलगांव के बीच राज्य की सबसे लंबी (4.5 किमी) सुरंग बनाई जा रही है। जिसमें अब करीब 500 मीटर हिस्सा ही सुरंग के आर-पार होने के लिए बचा है। दिन-रात दो शिफ्ट में मजदूर इस सुरंग का निर्माण कार्य कर रहे हैं।
Uttarkashi Tunnel Collapse Landslide in Uttarkashi Tunnel Yamunotri National Highway, Many Workers Trapped
उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूर – फोटो
बीते शनिवार रात आठ बजे शिफ्ट शुरू हुई थी। जिसमें 40 से 50 मजदूर काम पर गए थे। यह शिफ्ट रविवार को बड़ी दीपावली के दिन सुबह 8 बजे खत्म होने वाली थी। जिसके  बाद सभी मजदूर दीपावली की छुट्टी मनाने के लिए उत्साहित थे। लेकिन इससे पहले ही सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से 230 मीटर अंदर सुरंग टूट गई। पहले धीरे-धीरे मलबा गिरा। जिसे सभी ने हल्के में लिया।Uttarkashi Tunnel Collapse Landslide in Uttarkashi Tunnel Yamunotri National Highway, Many Workers Trapped
उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूर – फोटो
फिर अचानक भारी मात्रा में मलबा आया और सुरंग बंद हो गई। इस दौरान 3-4 मजदूरों ने भाग कर अपनी जान बचाई। लेकिन अन्य सुरंग के अंदर ही फंस गई। जिनकी संख्या 35 से 40 के करीब बताई जा रही है। सुरंग के निर्माणकार्य में लगे झारखंड निवासी मजदूर हेमंत नायक ने बताया कि 12 घंटे की शिफ्ट में करीब 65 से 70 मजदूर काम करते हैं। Uttarkashi Tunnel Collapse Landslide in Uttarkashi Tunnel Yamunotri National Highway, Many Workers Trapped
उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूर – फोटो
शनिवार रात को शिफ्ट मजदूर काम करने के लिए गए थे। जिनकी शिफ्ट रविवार सुबह 8 बजे खत्म होने वाली थी। लेकिन ढाई घंटे पहले करीब 5:30 बजे सुरंग में हादसा हो गया। बताया कि शिफ्ट खत्म होने के बाद सभी मजदूर दिनभर दीपावली की छुट्टी मनाने वाले थे।
Uttarkashi Tunnel Collapse Landslide in Uttarkashi Tunnel Yamunotri National Highway, Many Workers Trapped
उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग धंसी – फोटो
रात-दिन दो शिफ्ट में चल रहा था काम 
सुरंग में रात-दिन दो शिफ्ट में काम चल रहा था। जिसमें दिन की शिफ्ट सुबह 8 से रात 8 बजे तक और फिर रात की शिफ्ट रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक चलती थी। शिफ्ट में चार कंपनी के अलग-अलग मजदूर कार्य करते थे। इनमें नवयुगा, श्री सांई कंस्ट्रक्शन, नव दुर्गा व पीबी चंडा कंपनी शामिल है।

घटना की सूचना पर हेली से पहुंचे डीएम, रेस्क्यू कार्य की कर रहे निगरानी 
आपको बता दें कि यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग में दीपावली के दिन बड़ा हादसा हो गया। सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने के पास सुरंग का 30 से 35 मीटर हिस्सा टूट गया। जिससे सुरंग में मलबा आने के कारण मजदूर सुरंग के अंदर फंसे हैं।

घटना की सूचना पर निर्माण एजेंसी के साथ पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ व आपदा प्रबंधन विभाग की टीम मौके पर रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई है। घटना की सूचना पर दीपावली की छुट्टी पर गए डीएम अभिषेक रूहेला भी हेलीकॉप्टर से पहुंचे। जो रेस्क्यू कार्य की निगरानी कर रहे हैं।

डीएम ने रद्द की सभी अधिकारियों की छुट्टी
यमुनोत्री हाईवे के निकट निर्माणाधीन सुरंग में हादसे के बाद डीएम अभिषेक रूहेला ने जनपद के सभी अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी है। सभी अधिकारियों से तत्काल अपने-अपने कार्यस्थल पर लौटने और राहत एवं बचाव कार्यों के लिए चौबीसों घंटे तत्पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

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