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सिंघानिया विश्वविद्यालय में ‘संस्थापक दिवस समारोह’ का भव्य आयोजन, युवा शक्ति को मिला सम्मान


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सिंघानिया विश्वविद्यालय में ‘संस्थापक दिवस समारोह’ का भव्य आयोजन, युवा शक्ति को मिला सम्मान

सिंघानिया विश्वविद्यालय में ‘संस्थापक दिवस समारोह’ का भव्य आयोजन, युवा शक्ति को मिला सम्मान

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अयूब खान 

पचेरी कलां : सिंघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी बड़ी में विश्वविद्यालय के संस्थापक दिवंगत डी.सी. सिंघानिया जी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में संस्थापक दिवस समारोह बड़े ही हर्ष, उत्साह और गरिमा के साथ आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम उनकी प्रेरणादायक विचारधारा, शिक्षा के प्रति समर्पण और समाजसेवा की भावना को समर्पित रहा। समारोह का शुभारंभ विशिष्ट अतिथियों द्वारा वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए किया गया, जिसके पश्चात सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का औपचारिक आरंभ हुआ।

विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार (रिटायर्ड आईएएस ) ने अपने स्वागत भाषण में डी.सी. सिंघानिया जी की उपलब्धियों, उत्कृष्ट शैक्षणिक दृष्टि और विश्वविद्यालय की प्रगतिशील शैक्षणिक सुविधाओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जीएसटी आयुक्त, राजस्थान अनुज गोगिया ने सिंघानिया विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि मरुस्थलीय क्षेत्र में डी.सी.सिंघानिया द्वारा स्थापित यह विश्वविद्यालय छात्रों के लिए उन्नत शिक्षा का सशक्त केंद्र बन चुका है और यह युवाओं के सपनों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सिंघानिया विश्वविद्यालय के विद्यार्थी आज हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं,चाहे वह खेलकूद हो,सांस्कृतिक गतिविधियाँ हों या फिर शैक्षणिक व प्रशासनिक क्षेत्रों में उत्कृष्टता की बात हो। यह देखना अत्यंत सराहनीय है कि विश्वविद्यालय ने अब तक जिस गति और गुणवत्ता का परिचय दिया है, उसे निरंतर बनाए रखा है।

समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्तिथ रंधीर यादव और श्रवण केजरीवाल (ट्रस्टी एवं सचिव, महाराजा अग्रसेन शिक्षा एवं जनकल्याण ट्रस्ट, झुंझुनू), राजकुमार यादव (चेयरमैन, राजस्थान ग्रुप ऑफ एजुकेशन), पचेरी पूर्व सरपंच ओमप्रकाश बोहरा , पानी वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध बलदेव सिंह ने डी.सी. सिंघानिया जी के प्रेरक जीवन से जुड़े संस्मरण साझा करते हुए कार्यक्रम को भावनात्मक बना दिया। अपने संदेश में संस्था के चेयरमैन रवि सिंघानिया ने कहा कि वे अपने पिता की विरासत “उद्देश्य के साथ शिक्षा”को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और आस पास के क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना उनका लक्ष्य है। आज सिंघानिया विश्वविद्यालय के छात्र हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी प्रतिभा, मेहनत और समर्पण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय द्वारा ‘यंग अचीवर्स अवॉर्ड’की शुरुआत की गई है,ताकि इन उभरती प्रतिभाओं को न केवल सम्मानित किया जा सके,बल्कि दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा बनाया जा सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आचार्य दीपक कौशिक (महंत, पचेरी धाम) ने कहा कि डी.सी. सिंघानिया जी एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, जिन्हें समाज, शिक्षा, संस्कृति और विकास के प्रत्येक क्षेत्र की गहरी समझ थी। उन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से समाज को आगे बढ़ाने में विशेष योगदान दिया। उन्होंने रवि सिंघानिया जी को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि वे अपने पूज्य पिताजी की विरासत को अत्यंत श्रद्धा, निष्ठा और दूरदृष्टि के साथ आगे बढ़ा रहे हैं, जो अत्यंत प्रशंसनीय है।”

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नर्मदा सिंघानिया स्कूल के संगीत शिक्षक सुरेंद्र सिंह और उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत हरियाणवी रागनी ने समां बांध दिया, वहीं विश्वविद्यालय एवं विद्यालय के विद्यार्थियों की आकर्षक नृत्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ‘यंग अचीवर्स सम्मान समारोह’ रहा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धियाँ प्राप्त करने वाले प्रतिभाशाली युवाओं – कौशेंद्र यादव (आई.पी.एस., 2024 बैच, दिल्ली), संजय यादव (आई.आर.एम.एस., 2023 बैच) एवं शिशिर ऐमा (सीनियर पद, मल्टीनेशनल कंपनी, स्कॉटलैंड) को सम्मान पत्र एवं ₹11,000/- की नकद राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्त करने के पश्चात, सभी सम्मानित अतिथियों ने मंच पर अपने-अपने अनुभव साझा किए और बताया कि उन्होंने किस प्रकार अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए लक्ष्य निर्धारण, कठिन परिश्रम और निरंतर प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डाला। उनके अनुभव विद्यार्थियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहे।

इसके अतिरिक्त समाजसेवा,शिक्षा एवं न्याय क्षेत्र से जुड़े अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह में मुख्य रूप से मूर्तिकार प्रसिद्ध मातूराम जी, एडवोकेट संतोष यादव (अध्यक्ष, नांगल बार एसोसिएशन), डॉ. मधुसूदन मलानी (प्रसिद्ध समाजसेवी), राकेश यादव (सेवानिवृत्त सीबीआई न्यायाधीश), वेदप्रकाश, एडवोकेट दीपक यादव, छज्जूराम रावत, कैप्टन इंद्राज सिंह, कैप्टन कैलाश चंद, रूपराम, मुख्तियार सिंह लांबा, सत्यपाल यादव, सुनील कुमार,धर्मेश श्रीवास्तव, मानसिंह लांबा, भंवर सिंह कसाना, श्रुति शर्मा, डॉ. वीरेंद्र, डॉ.आनंद यादव, संदीप डांगी, राजेश अग्रवाल, डॉ.कृष्ण कुमार, डॉ.अमित अवस्थी, विष्णुदत्त शर्मा, डॉ.मोनिका, सूरज गुर्जर, रामानंद शर्मा, एडवोकेट दिनेश सांखला, लीलाधर लांबा, वेदप्रकाश शेखावत और कंवर सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों को शॉल, मोमेंटो एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की परंपरा निभाते हुए नेशनल पैरा रग्बी चैम्पियनशिप की रनरअप टीम, स्टेट पैरा सिटिंग वॉलीबॉल खिलाड़ियों और नर्मदा सिंघानिया स्कूल के ओलंपिक नेशनल गेम्स विजेता विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन पी वी सी डॉ पवन त्रिपाठी और रजिस्ट्रार मो. इमरान हाशमी ने किया।

इस अवसर पर सिंघानिया परिवार से सोनल सिंघानिया, सुमन सिंघानिया, अभय अग्रवाल, सत्यनारायण अग्रवाल, रोहित जैन और उमेश अग्रवाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सुरभि गोगिया, कैंपस डायरेक्टर प्रोफेसर पी एस जस्सल एवं मुख्य वित् अधिकारी सुनील कुमार सोबती के साथ साथ विश्वविद्यालय एवं विद्यालय के शिक्षकों, गैर-शिक्षकीय कर्मचारियों, छात्रों एवं अभिभावकों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति रही। संस्थापक दिवस समारोह न केवल डी.सी. सिंघानिया जी की महान विरासत को नमन करने का अवसर बना, बल्कि युवा प्रतिभाओं को सम्मानित कर समाज में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार भी किया।

देखे तशवीरे :

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