पेड़ों को राखी बांधकर दिया संरक्षण का संदेश, डॉ. अभिलाषा रणवा की अनूठी पहल
पेड़ों को राखी बांधकर दिया संरक्षण का संदेश, डॉ. अभिलाषा रणवा की अनूठी पहल

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : नैना शेखावत
सीकर : रक्षाबंधन के पावन अवसर पर राजस्थान के सीकर जिले में पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ महिलाओं ने एक अनूठी पहल चला रही है. यहां ये महिलाएं पेड़ों को राखी बांध रही हैं और मिठाई की जगह उन्हें खाद और पानी अर्पित कर रही हैं. ‘बेबी प्लांट’ के नाम से मशहूर डॉ. अभिलाषा रणवा और उनकी टीम पिछले आठ वर्षों से पेड़-पौधों के साथ रक्षाबंधन मना रही हैं. इस बार भी उन्होंने अपने भाई को राखी बांधने से पहले सीकर के स्मृति वन में जाकर उन पेड़ों को राखी बांधी, जिन्हें उन्होंने खुद लगाया था. राजस्थानी पारंपरिक वेशभूषा में सजी उनकी टीम ने उन पौधों को राखी बांधकर उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया है.
पांच लाख से अधिक पौधे लगा चुकी
डॉ. अभिलाषा रणवा बताती हैं कि उन्होंने वर्ष 2011 में अपने पिता की स्मृति में पेड़ लगाना शुरू किया था. अब तक वे और उनकी टीम पूरे राजस्थान में पांच लाख से अधिक पौधे लगा चुकी हैं, जिनमें से साढ़े तीन लाख पौधे अब बड़े होकर पेड़ बन चुके हैं. वे जब भी कोई पौधा लगाती हैं, तो एक संकल्प के साथ लगाती हैं कि वह पौधा सुरक्षित रहे और पेड़ बनकर बढ़े. इसके लिए वे उसकी देखभाल और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी खुद उठाती हैं. इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए हर साल रक्षाबंधन पर वे इन पेड़-पौधों के साथ यह त्योहार मनाती हैं.
डॉ. रणवा ने बताया कि रक्षाबंधन भाई-बहन के एक-दूसरे की रक्षा करने की भावना का प्रतीक है. उनकी यह पहल लोगों को पर्यावरण से जोड़ने के उद्देश्य से की जाती है, ताकि वे पेड़-पौधों की महत्ता समझें और उनकी रक्षा के लिए प्रेरित हों. इसलिए वे और उनकी पूरी टीम भाई की कलाई पर राखी बांधने से पहले उन पेड़-पौधों को राखी बांधती हैं, जिन्हें उन्होंने लगाया है. उनका मानना है कि हमारा जीवन और अस्तित्व पेड़-पौधों से जुड़ा हुआ है, ये हमें ऑक्सीजन, छाया और जीवनदायिनी ऊर्जा देते हैं. ऐसे में इनकी रक्षा करना हम सबका कर्तव्य बनता है.
भाई बहन को
डॉ. अभिलाषा रणवा के टीम की सदस्य ममता चौधरी बताती हैं कि रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन को एक-दूसरे को एक-एक पौधा उपहार में देना चाहिए और उसे मिलकर अपने घर या खेत में लगाना चाहिए. रक्षाबंधन पर लगाया गया यह पौधा उनके प्रेम और रिश्ते का प्रतीक बन जाएगा. जब भी वे उसे देखेंगे, उन्हें एक-दूसरे की याद आएगी. इसके अलावा, पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से घर में आयोजित किसी भी कार्यक्रम में ग्रीन गोल्ड यानी पौधों को गिफ्ट के रूप में देना चाहिए, ताकि हर अवसर प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाए।