खेतड़ी में जंगली जानवरों का कहर: एक सप्ताह में घटी 4 घटनाये,जंगली जानवर ने 10 बकरियों का किया शिकार
आतंक के साये में जीने को मजबूर खेतड़ी कस्बे के लोग: ग्रामीणों ने वन विभाग पर लगाये गम्भीर आरोप, आन्दोलन की दी चेतावनी

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : विजेन्द्र शर्मा
खेतड़ी : खेतड़ी कस्बे में इन दिनों जंगली जानवर ने आतंक मचा रखा है, जिससे कस्बे वासी सदमे में हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग की कमियों के कारण जंगली जानवर आबादी क्षेत्र में आकर पशुपालकों की बकरियों पर हमला कर रहे हैं। वन विभाग की चारदीवारी मात्र चार फीट की होने के कारण जंगली जानवर आसानी से बाहर निकल आते हैं।वन विभाग द्वारा जंगली जानवरों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था नहीं होने के कारण वे आबादी क्षेत्र में आकर भोजन की तलाश में पशुपालकों की बकरियों पर हमला कर देते हैं। इससे पशुपालकों को भारी नुकसान हो रहा है और उनकी बकरियों की जान जा रही है।
जंगली जानवर ने एक सप्ताह में करीब 10 बकरियों का किया शिकार, 4 घटनाएं
विभिन्न वार्डों में हुई घटनाओं में रविवार को वार्ड नंबर 15 गुगोजी मंदिर के पास सुनीता देवी के बाड़े में चार बकरियों का शिकार किया गया और एक बकरी को उठा ले गया। इसके अलावा वार्ड नंबर 16 में तीजो वाले बांध के पास बुधवार को केसर देवी सैनी के बाड़े में जंगली जानवर ने तीन बकरियां का शिकार किया और एक बकरी गंभीर घायल कर दी। बुधवार देर शाम को पवन सैनी की एक बकरी का शिकार किया गया और शनिवार को वार्ड नंबर 21 में शुकली देवी के बाड़े में जंगली जानवर ने एक बकरी को गम्भीर घायल कर दिया।
बांसियाल खेतड़ी कन्वर्सेशन में है एक दर्जन पैंथर
बांसियाल खेतड़ी कन्वर्सेशन में एक दर्जन के करीब पेंथर हैं। वन विभाग द्वारा खेतड़ी वन्य क्षेत्र में एक दर्जन के करीब पेंथर लाकर तो छोड़ दिए, लेकिन आबादी क्षेत्र में पेंथर नहीं जाए, इसके लिए कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई।वन विभाग की दीवारें मात्र 4 फुट के करीब हैं, जिससे जंगली जानवर आसानी से आबादी क्षेत्र में घुस जाते हैं। साथ ही उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी वन विभाग द्वारा विशेष बंदोबस्त नहीं किया गया है।वन विभाग को चाहिए कि आबादी क्षेत्र में जंगली जानवरों के प्रवेश को रोकने के लिए चारदीवारी को ऊंचा करे और उनके ऊपर तारबंदी करे, ताकि जंगली जानवर आबादी क्षेत्र में न आ सकें। इससे पशुपालकों की बकरियों की जान भी सुरक्षित रह सकेगी और जंगली जानवरों के साथ भी कोई अनहोनी नहीं होगी।
ग्रामीण बोले पैंथर कर रहा है बकरियों का शिकार
चंदगीराम सैनी एवं कस्बे वासियों ने बताया कि घटना वाले स्थान पर पेंथर को देखा गया है। लेकिन वन विभाग यह मानने को तैयार नहीं है कि बकरियों का शिकार पेंथर ने किया है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग अपने नाकामियों को छुपाना चाहता है, जबकि जंगली जानवर की मौजूदगी और बकरियों के शिकार के सबूत स्पष्ट रूप से पेंथर की ओर इशारा कर रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग पर आरोप लगाया है कि वे अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए सच को छुपाने का प्रयास कर रहे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि वन विभाग इस मामले में गंभीरता से जांच करे और पेंथर के हमलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
ग्रामीण भय के साये में, दिनचर्या पर पड़ा प्रभाव
कस्बे में पेंथर के आतंक के कारण ग्रामीण भय के साये में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। एक के बाद एक घटनाएं हो रही हैं, जिससे लोगों की दिनचर्या में भी फर्क पड़ गया है।सुबह और शाम के समय में लोग घरों से बाहर नहीं निकलते हैं, क्योंकि उन्हें अपने जीवन की सुरक्षा की चिंता है। बच्चों के ऊपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और उन्हें अकेले बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। यहां तक कि सुबह-शाम मॉर्निंग वॉक करने वाले भी घर में ही कैद हो गए हैं।ग्रामीणों का कहना है कि पेंथर के आतंक ने उनके जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है और वे अपने दैनिक कार्यों को भी सामान्य रूप से नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें वन विभाग से मांग है कि पेंथर के आतंक को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
उपखंड क्षेत्र में हुई अनेको घटनाएं नहीं मिला एक को भी मुआवजा
खेतड़ी उपखंड क्षेत्र में जंगली जानवर के शिकार की अनेकों घटनाएं हो चुकी है लेकिन सरकार द्वारा अभी तक एक को भी मुआवजा नहीं मिला। इस मामले को लेकर जानकार सूत्रों ने बताया कि बजट का अभाव होने से अभी तक किसी को भी मुआवजा नहीं दिया गया है जब बजट आएगा तब इन लोगों को मुआवजा मिलेगा। पशुपालक मुआवजे की आस लगाए बैठे हैं
कस्बे वासियों ने दी आंदोलन की चेतावनी
खेतड़ी नगर पालिका क्षेत्र में जंगली जानवर द्वारा मवेशियों का शिकार किए जाने की घटनाएं लगातार हो रही हैं। कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष गोकुलचंद सैनी और ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की, तो खेतड़ी की जनता सड़कों पर उतरेगी और बड़ा आंदोलन करेगी।
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन को कई बार सूचित करने के बावजूद भी समय पर कार्रवाई नहीं की जा रही है और अधिकारी अपने फोन भी बंद कर लेते हैं। इससे कस्बेवासी भय के साये में जीने को मजबूर हैं और उन्हें डर है कि कहीं जंगली जानवर मवेशियों के साथ-साथ लोगों पर भी हमला न कर दे।ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जंगली जानवर को पकड़ने और क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। अगर प्रशासन ने ऐसा नहीं किया, तो ग्रामीण आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
जनप्रतिनिधियों को उठानी चाहिए आवाज, सरकार से मांगे बजट
बांसियाल खेतड़ी कन्वर्सेशन में जंगली जानवरों को छोड़ तो दिया गया है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। बजट के अभाव में न तो चारदीवारी का काम हो पा रहा है और न ही जंगली जानवरों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम है।जनप्रतिनिधियों को आगे आकर आवाज उठानी चाहिए और सरकार से बजट की मांग करनी चाहिए ताकि चारदीवारी निर्माण और उस पर तारबंदी की जा सके। इससे जंगली जानवरों को आबादी क्षेत्र में आने से रोका जा सकता है और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
वन विभाग ने शुरू की कार्रवाई, जंगली जानवर को ट्रैक करने के लिए लगाए कैमरे,
रेंजर विजय कुमार फगेड़ीया ने बताया कि शनिवार रात्रि को जो घटना हुई है उसमें पग मार्क लिए हैं जिससे प्रतीक होता है कि जंगली जानवर पैंथर नहीं भेड़िया है। उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है जंगली जानवर भेड़िए को ट्रैक करने के लिए घटनाओं वाली जगहो पर अलग अलग पांच कैमरे लगाए गए हैं जिससे भेड़िया ट्रैक हो सके। साथ ही 24 घंटे के लिए अलग-अलग सिप्टो में छह लोगों की ड्यूटी लगाई गई है। वन विभाग की टीम जंगली जानवर को पकड़ने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है और जल्द ही इस समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है।