खेतड़ी में अधिकारियों एव कर्मचारियों की उदासीनता के चलते नानूवाली बावड़ी में कुंभाराम नहर लिफ्ट परियोजना की पाइपलाइन में लीकेज से लाखों लीटर पानी व्यर्थ बहा
पाइपलाइन लिकेज से नानुवाली बावड़ी से जसरापुर सड़क मार्ग पर भरा पानी, दो पहिया वाहन चालकों एवं विद्यार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : विजेन्द्र शर्मा
खेतड़ी : उपखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत नानूवाली बावड़ी के बंधा भीतर में कुंभाराम नहर लिफ्ट परियोजना की मेन पाइपलाइन में बडा लिकेज होने से लाखों लीटर पानी व्यर्थ सड़क पर बह गया। पाइपलाइन में लिकेज इतना बड़ा था कि पानी करीब चार-चार पांच-पांच फीट ऊपर उछाल कर बह रहा था। यह दृश्य देखकर ऐसा लगता है कि जैसे अधिकारियों और कर्मचारियों को पानी की कीमत का कोई अंदाजा नहीं है।लाखों लीटर पानी व्यर्थ बहने से पानी करीब 2 किलोमीटर बह कर नानू वाली बावड़ी के बस स्टेण्ड के पास सड़क पर जमा हो गया। रोड पर पानी जमा होने से दो पहिया वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा वहीं विद्यार्थियों को पानी के बीच में से गुजर कर अपने घर जाना पड़ा।
यह समस्या केवल वाहन चालकों और विद्यार्थियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र के लोगों को परेशानी हो हुई।खेतड़ी उपखंड में पानी की बात करें तो जगह-जगह ग्रामीण पीने के पानी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन उनको पानी नसीब नहीं होता है। ग्रामीण महंगे भाव से टैंकर गिराने को मजबूर हैं। वहीं अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उदासीनता के कारण लाखों लीटर पानी व्यर्थ बह रहा है। पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा हर बार पानी की समस्या उठाई जाती है, लेकिन उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं होता है। पानी की समस्या को लेकर अगर खेतड़ी नगर पालिका की बात करें तो खेतड़ी नगर पालिका के वार्डों में तीन-चार रोज से एक बार पानी आता है, जिससे कस्बे वासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और महंगे भाव से टैंकर गिराने को मजबूर हैं। यह समस्या केवल पानी की कमी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे लोगों के स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ रहा है।
नानू वाली बावड़ी के ग्रामीण समाजसेवी अशोक सैनी, रामवतार सैनी सहित ग्रामीणों ने बताया कि बार-बार अधिकारियों को पाइपलाइन लीकेज की सूचना देते हैं लेकिन अधिकारी उनपर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं।उन्होंने बताया कि कर्मचारी पाइप लाइन को ठीक करने आते हैं तो केवल लीपापोती कर चले जाते और कुछ दिनों बाद फिर से पाइप लाइन लिकीज हो जाती है।ग्रामीणों ने मांग की पाइपलाइन की मरम्मत करवाई जाए और पानी की बर्बादी रोकी जाए। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।अधिकारियों को चाहिए कि वे इस समस्या का समाधान करने के लिए तुरंत कार्रवाई करें। पाइपलाइन की मरम्मत करवाई जाए और पानी की बर्बादी रोकी जाए। इसके अलावा, अधिकारियों को चाहिए कि वे ग्रामीणों की समस्याओं को सुनें और उनका समाधान करने के लिए काम करें।