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सिंघाना में मंत्रालयिक कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन, कार्य आवंटन आदेश पर जताई आपत्ति, काली पट्टी बांधकर जताया रोष, शिक्षा ग्रुप-2 के पत्र को बताया असंवैधानिक


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सिंघाना में मंत्रालयिक कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन, कार्य आवंटन आदेश पर जताई आपत्ति, काली पट्टी बांधकर जताया रोष, शिक्षा ग्रुप-2 के पत्र को बताया असंवैधानिक

सिंघाना में मंत्रालयिक कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन, कार्य आवंटन आदेश पर जताई आपत्ति, काली पट्टी बांधकर जताया रोष, शिक्षा ग्रुप-2 के पत्र को बताया असंवैधानिक

सिंघाना : शिक्षा विभाग के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय सिंघाना में सोमवार को मंत्रालयिक कर्मचारियों ने कार्य आवंटन से जुड़ी प्रशासनिक असहमति के विरोध में प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर आदेश को वापस लेने की कार्रवाई को अनुचित ठहराया और इसे कर्मचारी अधिकारों का खुला उल्लंघन बताया।

प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि पूर्व में विभाग के तत्कालीन निदेशक के निर्देश पर अतिरिक्त निदेशक प्रशासन आरएस की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने कार्य विभाजन को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश तैयार किए थे। इस समिति में तीन शिक्षा अधिकारियों और एक विशेषज्ञ लेखा अधिकारी को शामिल किया गया था। समिति द्वारा प्रशासनिक सुधार विभाग, वित्त विभाग और कार्य विभाग द्वारा जारी नियमावली व परीपत्रों के विस्तृत अध्ययन के बाद संस्थापन और प्रशासनिक अधिकारियों के कार्य का स्पष्ट विभाजन किया गया था।

इसी आधार पर शिक्षा विभाग ने 1 जून 2020 को आदेश जारी कर अधीनस्थ कार्यालयों में उक्त व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे। लेकिन हाल ही में शिक्षा ग्रुप-2 द्वारा बिना किसी परीक्षण के शिक्षा निदेशक बीकानेर को यह आदेश वापस लेने की सिफारिश करते हुए पत्र भेजा गया, जिससे मंत्रालयिक कर्मचारियों में भारी नाराजगी फैल गई।

इस निर्णय का विरोध करते हुए पवन सिंह (संस्थापन अधिकारी), गुलाब चंद (प्रशासनिक अधिकारी), सुनील शर्मा (अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी), प्रवीण (अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी), राजपाल सिंह (सहायक प्रशासनिक अधिकारी), संदीप श्योराण (वरिष्ठ सहायक), सुमित चौधरी (वरिष्ठ सहायक), मनीष (कनिष्ठ सहायक) और यशवंत (कनिष्ठ सहायक) ने प्रदर्शन में भाग लिया।

कर्मचारियों का कहना है कि वर्षों से निर्धारित प्रक्रिया और आदेशों को बिना परीक्षण व संवाद के अचानक अपास्त करना तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने मांग की है कि कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए 1 जून 2020 को जारी आदेशों को पूर्ववत प्रभावी रखा जाए, ताकि विभागीय कार्यों में संतुलन और पारदर्शिता बनी रह सके।

प्रदर्शन को लेकर कार्यालय परिसर में दिनभर माहौल तनावपूर्ण बना रहा। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि आदेश वापस लेने की प्रक्रिया नहीं रोकी गई, तो आंदोलन को प्रदेश स्तर तक ले जाया जाएगा।

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