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गहलोत बोले- मंत्री के छापा मारने की परंपरा ठीक नहीं:हाईकमान से हरी झंडी मिल गई तो मुख्यमंत्री-मंत्री अपने विभागों में छापेमारी करें; करप्शन मिटेगा


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गहलोत बोले- मंत्री के छापा मारने की परंपरा ठीक नहीं:हाईकमान से हरी झंडी मिल गई तो मुख्यमंत्री-मंत्री अपने विभागों में छापेमारी करें; करप्शन मिटेगा

गहलोत बोले- मंत्री के छापा मारने की परंपरा ठीक नहीं:हाईकमान से हरी झंडी मिल गई तो मुख्यमंत्री-मंत्री अपने विभागों में छापेमारी करें; करप्शन मिटेगा

जयपुर : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के खाद-बीज की फैक्ट्रियों पर छापेमारी करने पर कहा कि मेरी नजर में मंत्री की ओर से छापा मारने की परंपरा ठीक नहीं है। यह काम ब्यूरोक्रेसी का है। अधिकारी पहले रेकी करते हैं, जानकारी लेते हैं। उसके बाद में छापा डाला जाता है। इस तरह के मामलों में पुख्ता रिपोर्ट मिलने पर जो भी एजेंसियां होती है, वो कार्रवाई करती है। मंत्री खुद जाकर इस प्रकार छापा डाले, उसके कई बार दुष्परिणाम भी आ जाते हैं, जो मैं अभी बोलना उचित नहीं समझता हूं। अगर इन्होंने तय कर लिया है, हाईकमान से हरी झंडी मिल गई है तो तमाम मंत्री एक साथ निकलें, हर विभाग में कमी निकलेगी तो फिर गुड गवर्नेंस हो जाएगी। तमाम विभागों के अंदर से करप्शन मिट जाएगा। बेईमानी, मिलावटखोरी सब ठीक हो जाएगी। देश के अंदर नए रूप में राजस्थान उभरकर आएगा। ये प्रयोग ये लोग करके बताए।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद कोई देश खुलकर हमारे साथ नहीं आया

अशोक गहलोत ने कहा- विश्व में हमारी पहचान निर्गुट देश की थी। हम किसी भी गुट में नहीं थे, लेकिन आज स्थिति ऐसी बनी हुई है कि हमारी विदेश नीति किसी को समझ में नहीं आ रही है। हमारे तमाम पड़ोसी देश श्रीलंका, बांग्लादेश, और भूटान हमसे अलग हो गए हैं।

पहलगाम हमले के बाद हमने जो ऑपरेशन सिंदूर चलाया। उसमें कोई भी देश खुलकर हमारे साथ नहीं आया। बल्कि पाकिस्तान के साथ चीन, तुर्की और कई देश खड़े हो गए थे। रशिया हमारा मददगार देश होता था। वो भी उस समय चुप रहा। कहने का मतलब यह है कि दुनिया में सबसे बड़ी डेमोक्रेसी होने के कारण दुनिया के देश हमसे उम्मीद करते हैं कि भारत क्या बोल रहा है, लेकिन आज के समय हमारी विदेश नीति कंफ्यूज कर रही है।

लच्छेदार भाषण देकर दुनिया को गुमराह किया

पूर्व सीएम ने कहा- आरएसएस और बीजेपी से पूछो कि इन्होंने आजादी के पहले तो खैर अंगुली भी नहीं कटाई। आजादी के बाद में आपने हिंदुत्व और हिंदू धर्म को भड़काने के अलावा देश को कौनसा मार्गदर्शन, सिद्धांत और प्रोग्राम दिए। देश में संजय गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह ने क्रांतिकारी कदम उठाए। ये तमाम बातें हम देख रहे हैं, लेकिन यह अपनी सोच बताए कि इन्होंने क्या किया। बड़ी-बड़ी बातें करना, लच्छेदार भाषण देना और भाषण से जनता को गुमराह कर देना।

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