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सीकर में पति-पत्नी की एक चिता पर अंतिम विदाई:24 घंटे मूंगफली के छिलकों में दबे रहे थे दंपती और बेटी; घर में नया मेहमान आने वाला था


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सीकर में पति-पत्नी की एक चिता पर अंतिम विदाई:24 घंटे मूंगफली के छिलकों में दबे रहे थे दंपती और बेटी; घर में नया मेहमान आने वाला था

सीकर में पति-पत्नी की एक चिता पर अंतिम विदाई:24 घंटे मूंगफली के छिलकों में दबे रहे थे दंपती और बेटी; घर में नया मेहमान आने वाला था

सीकर : सीकर के राजेंद्र गुर्जर (28) ने 5 माह की प्रेग्नेंट पत्नी अनु (22) और ढाई साल की बेटी अयांशी के साथ इष्टदेव के दर्शन का प्लान बनाया। परिवार इस बात से खुश था कि घर में कुछ महीने बाद नया मेहमान (बच्चा) आने वाला है। परिवार खुशी-खुशी रविवार सुबह घर से निकला, लेकिन किसे पता था कि वे कभी घर नहीं लौटेंगे।

अजीतगढ़ थाना क्षेत्र के धाराजी घाटा पर रविवार सुबह 8 बजे मूंगफली के छिलकों से भरा ट्रक उनकी बाइक पर पलट गया। पुलिस ने ट्रक तो हटा दिया, लेकिन सड़क किनारे गहरे गड्ढे में गिरे छिलकों के ढेर के नीचे एक पूरा परिवार दफन हो गया।

पुलिस और परिवार के लोग हादसे के 24 घंटे बाद सोमवार सुबह 8 बजे उन तक पहुंचे। मूंगफली के छिलकों के नीचे चतरपुरा गांव निवासी राजेंद्र, अनु और अयांशी की जिंदगी थम चुकी थी। सोमवार शाम 6 बजे राजेंद्र और अनु का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार हुआ। ढाई साल की बेटी अयांशी और अनु के पेट में पल रहे अर्ध विकसित भ्रूण को पास में ही दफनाया गया।

धाराजी घाटा पर सड़क किनारे गड्‌ढे में मूंगफली के छिलकों के ढेर के नीचे दबे शव निकालते ग्रामीण और परिजन।
धाराजी घाटा पर सड़क किनारे गड्‌ढे में मूंगफली के छिलकों के ढेर के नीचे दबे शव निकालते ग्रामीण और परिजन।

इष्टदेव के दर्शन के लिए निकला था परिवार

अनु की बुआ के बेटे राजेंद्र गुर्जर ने बताया कि जीजा राजेंद्र गुर्जर और बहन अनु रविवार को मौसम सुहाना होने पर घर से इष्टदेव जगदीश धाम दर्शन के लिए निकले थे। दोपहर तक वे घर नहीं लौटे। परिजनों ने दोपहर दो बजे तक इंतजार किया। दंपती और उनकी बेटी का कुछ पता नहीं चला। रिश्तेदारों से भी संपर्क किया, लेकिन दंपती के मोबाइल स्विच ऑफ मिले।

राजेंद्र गुर्जर, अनु और उनकी बेटी अयांशी। पति-पत्नी कुछ महीने बाद पैदा होने वाली अपनी दूसरी संतान को लेकर खुश थे।
राजेंद्र गुर्जर, अनु और उनकी बेटी अयांशी। पति-पत्नी कुछ महीने बाद पैदा होने वाली अपनी दूसरी संतान को लेकर खुश थे।

परिचितों से पूछताछ की, अस्पतालों में पता किया

राजेंद्र गुर्जर ने बताया कि परिजनों को अनहोनी का अंदेशा हुआ तो उन्होंने अजीतगढ़ सहित आसपास के इलाकों में परिचितों से पूछताछ की। लगभग 60-70 किलोमीटर के दायरे में स्थित अस्पतालों में भी पता किया। पुलिस के पास भी कोई सूचना नहीं थी। शाम को अनु के भाई पप्पूराम ने शाहपुरा पुलिस थाने में बहन, बहनोई और भांजी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

राजेंद्र और अनु का सोमवार शाम को एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। पास में ढाई साल की बेटी अयांशी दफनाई गई।
राजेंद्र और अनु का सोमवार शाम को एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। पास में ढाई साल की बेटी अयांशी दफनाई गई।

देर रात पुलिस को लोकेशन मिली

राजेंद्र गुर्जर ने बताया- देर रात पुलिस को उनके मोबाइल की आखिरी लोकेशन धाराजी घाटी के पास मिली, जो शाहपुरा से जगदीश धाम जाने का रास्ता है। परिजन सुबह वहां पहुंचे। आसपास खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। फिर पुलिस और परिजनों ने रविवार को पलटे ट्रक से गिरे मूंगफली के छिलकों के ढेर के नीचे देखने का फैसला किया। छिलकों का ढेर हटाने पर तीनों के शव और बाइक मिली। घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने अजीतगढ़-शाहपुरा स्टेट हाईवे को जाम कर दिया। उन्होंने 50 लाख के मुआवजे और संविदा पर नौकरी की मांग रखी। पुलिस के समझाने पर तीन घंटे तक चला धरना समाप्त हुआ।

हादसे की जानकारी मिलने के बाद परिजन और ग्रामीणों ने शाहपुरा-अजीतगढ़ रास्ते पर 3 घंटे तक जाम लगा दिया था।
हादसे की जानकारी मिलने के बाद परिजन और ग्रामीणों ने शाहपुरा-अजीतगढ़ रास्ते पर 3 घंटे तक जाम लगा दिया था।

2021 में हुई थी शादी राजेंद्र गुर्जर ने बताया कि साल 2021 में राजेंद्र और अनु की शादी हुई थी। राजेंद्र खेती-बाड़ी करता था। एक बेटी के बाद परिवार दूसरे संतान की खुशियां मनाने वाला था, लेकिन इससे पहले ही तीन चिराग बुझ गए।

सुबह जब शव मिले तो केवल अनु का पैर चोटिल था। अन्य दोनों के शरीर पर कोई चोट नहीं थी। ऐसे में दम घुटने से मौत का अंदेशा है। वास्तविक कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से स्पष्ट होगा।

परिजनों ने शव उठाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें समझाया।
परिजनों ने शव उठाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें समझाया।

टक्कर या बचाव में गड्ढे में गिरी हो सकती है बाइक

अजीतगढ़ थानाधिकारी मुकेश सेपट ने बताया- प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ट्रक अजीतगढ़ से शाहपुरा की तरफ जा रहा था। बाइक सवार तीनों लोग विपरीत दिशा से आ रहे थे।

पुलिस के अनुसार दो संभावनाएं हैं – या तो बेकाबू ट्रक की टक्कर से बाइक सवार तीनों लोग गड्ढे में गिरे होंगे, या फिर बचाव के प्रयास में राजेंद्र ने बाइक को गड्ढे की तरफ मोड़ दिया होगा।

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