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झुंझुनूं प्रशासन नेतृत्वविहीन:कलेक्टर और SP के पद खाली, 40 दिनों से SP भी नहीं, अब कलेक्टर भी नहीं


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झुंझुनूं प्रशासन नेतृत्वविहीन:कलेक्टर और SP के पद खाली, 40 दिनों से SP भी नहीं, अब कलेक्टर भी नहीं

झुंझुनूं प्रशासन नेतृत्वविहीन:कलेक्टर और SP के पद खाली, 40 दिनों से SP भी नहीं, अब कलेक्टर भी नहीं

झुंझुनूं : प्रशासनिक सेवा में हुए एक बड़े फेरबदल के बाद झुंझुनूं जिला प्रशासनिक नेतृत्वविहन हो गया है। राज्य सरकार द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 62 अधिकारियों के तबादले की सूची में झुंझुनूं के कलेक्टर रामावतार मीणा का नाम भी शामिल है, जिन्हें जयपुर में विभागीय जांच निदेशक के पद पर स्थानांतरित किया है। उनकी जगह किसी नए अधिकारी की नियुक्ति अब तक नहीं हुई है।

इससे भी अधिक गंभीर स्थिति यह है कि जिले में पुलिस अधीक्षक (SP) का पद भी पिछले करीब 40 दिनों से खाली पड़ा है, जिससे जिले में ‘प्रशासनिक नेतृत्व शून्यता’ की स्थिति बन गई है।

एक साथ दो शीर्ष पद खाली

यह पहला मौका है जब झुंझुनूं जैसे महत्वपूर्ण जिले में जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक जैसे दोनों शीर्ष प्रशासनिक पद एक साथ रिक्त हैं। सरकार की ओर से न तो किसी कलेक्टर की नियुक्ति की गई है और न ही एसपी की। यह स्थिति जिले की सामान्य कार्यप्रणाली और कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। आम तौर पर, एक जिले में कलेक्टर और एसपी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, और इन पदों का लंबे समय तक खाली रहना स्थानीय प्रशासन को पंगु बना सकता है।

40 दिनों से SP भी नहीं
40 दिनों से SP भी नहीं

SP का पद 40 दिनों से खाली

झुंझुनूं में प्रशासनिक नेतृत्व का संकट 13 मई को तत्कालीन एसपी शरद चौधरी को एपीओ किए जाने के साथ शुरू हुआ था। इसके बाद 20 मई को IPS अधिकारी लोकेश सोनवाल को एसपी नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्हें मौखिक आदेशों के माध्यम से जॉइन करने से रोक दिया गया। तब से लेकर आज तक जिले में एसपी की तैनाती नहीं की गई है, जिससे कानून व्यवस्था और पुलिसिंग से जुड़े मामलों में सीधे तौर पर कोई शीर्ष अधिकारी मौजूद नहीं है।

अब जब कलेक्टर रामावतार मीणा का भी तबादला हो गया है, तो यह स्थिति और भी जटिल हो गई है। हालांकि मीणा फिलहाल कार्यमुक्त (रिलीव) नहीं हुए हैं, लेकिन जैसे ही वह जयपुर में कार्यभार ग्रहण करते हैं, झुंझुनूं प्रशासन पूरी तरह से नेतृत्वविहीन हो जाएगा।

कलेक्टर रामावतार मीणा का तबादला, निदेशक विभागीय जांच लगाया
कलेक्टर रामावतार मीणा का तबादला, निदेशक विभागीय जांच लगाया

कलेक्टर मीणा का अचानक तबादला: सवाल और अटकलें

रामावतार मीणा को महज 9 महीने पहले ही झुंझुनूं का कलेक्टर बनाया गया था। उनकी कार्यशैली को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं रही हैं, लेकिन अचानक उनका तबादला और पदस्थापन विभागीय जांच निदेशक के रूप में होना कई सवाल खड़े कर रहा है। प्रशासनिक गलियारों में यह चर्चा तेज है कि यह बदलाव एक बड़ा संदेश हो सकता है, और इसके पीछे कुछ आंतरिक कारण हो सकते हैं।

सोनवाल को लगाया था झुंझुनूं एसपी पर उन्होंने ज्वाइन नहीं किया
सोनवाल को लगाया था झुंझुनूं एसपी पर उन्होंने ज्वाइन नहीं किया

एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि तबादला सूची में आईएएस अभिषेक ढाका को भी विभागीय जांच निदेशक के पद पर लगाया गया है। यानी एक ही पद पर दो अधिकारियों की नियुक्ति दर्शाई गई है। ऐसे में सूची में संशोधन की पूरी संभावना है, जिससे और भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

जनता में असमंजस, अफसरों में बेचैनी

जिले में दो शीर्ष पदों के खाली होने से आम जनता में असमंजस की स्थिति है। कई विकास योजनाएं, कानून व्यवस्था से जुड़ी कार्रवाइयां और फील्ड विजिट फिलहाल ठप पड़ सकती हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच भी यह चर्चा तेज हो गई है कि इतने लंबे समय तक खाली पदों पर सरकार की चुप्पी आखिर किस संकेत की ओर इशारा कर रही है।

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