चिड़ावा में बिजली कंपनी के खिलाफ किसानों का रोष:बिना मुआवजा खेतों से लाइन खींचने का विरोध, सांठगांठ का लगाया आरोप
चिड़ावा में बिजली कंपनी के खिलाफ किसानों का रोष:बिना मुआवजा खेतों से लाइन खींचने का विरोध, सांठगांठ का लगाया आरोप

चिड़ावा : चिड़ावा-सिंघाना सड़क मार्ग के लालचौक बस स्टैंड पर नहर की मांग को लेकर किसान सभा का धरना जारी है। नहर जन जाग्रति यात्रा संयोजक रणधीर ओला की अध्यक्षता में यह धरना 530वें दिन भी चला। जिला उपाध्यक्ष बजरंग लाल क्रमिक अनशन पर बैठे।
नहर आंदोलन प्रवक्ता विजेंद्र शास्त्री ने किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि खेजड़ी के पेड़, मकान, तारबाड़ और जमीन का उचित मुआवजा दिए बिना कंपनियों के अधिकारी किसानों के खेतों में न घुसें। उन्होंने जिला प्रशासन पर कंपनी अधिकारियों से मिलीभगत का आरोप लगाया।
प्रवक्ता ने कहा कि किसानों की जमीनों की बर्बादी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह उनकी रोजी-रोटी का मामला है। राज्य वृक्ष रोहिड़ा भी इस लाइन की जद में है। किसानों के खेतों में मौजूद सभी पेड़ बेहद कीमती और जीवन में सहायक हैं।
खेजड़ी को लेकर शास्त्री ने बताया कि यह देश के कई प्रांतों में पाई जाती है। इसकी साल में तीन बार पूजा होती है – हल जोतते समय, गोगा नवमी से पहले कृष्ण जन्माष्टमी को और दशहरे के दिन। उन्होंने याद दिलाया कि 300 वर्ष पूर्व जोधपुर रियासत में खेजड़ी की रक्षा के लिए 366 लोगों ने बलिदान दिया था।
धरने में तहसील सचिव ताराचंद तानाण, सतपाल चाहर, राजवीर चाहर, तहसील अध्यक्ष राजेंद्र सिंह चाहर समेत कई किसान नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।