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विदेश में नौकरी के नाम पर धोखा,कुत्तों की देखभाल कराई:घर में नौकर बनाकर रखा, भरपेट खाना तक नहीं मिला, ID-पासपोर्ट छीनकर घर से निकाला


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विदेश में नौकरी के नाम पर धोखा,कुत्तों की देखभाल कराई:घर में नौकर बनाकर रखा, भरपेट खाना तक नहीं मिला, ID-पासपोर्ट छीनकर घर से निकाला

विदेश में नौकरी के नाम पर धोखा,कुत्तों की देखभाल कराई:घर में नौकर बनाकर रखा, भरपेट खाना तक नहीं मिला, ID-पासपोर्ट छीनकर घर से निकाला

उदयपुर : विदेश में नौकरी के लालच में प्रतापगढ़ के दो युवक ऐसे फंसे कि उनका जीवन नर्क बन गया। एजेंट ने होटल में वेटर की नौकरी का झांसा दिया और ओमान ले गया। वहां होटल मालिक ने इनको घर का नौकर बनाकर रखा। न भरपेट खाना मिलता था, न ही आराम। 20-20 घंटे काम कराए। घर के कुत्तों तक की देखभाल कराई। विरोध करने पर पीटा भी। सैलरी तक नहीं दी। एक रात ID और पासपोर्ट छीनकर घर से निकाल दिया। वतन वापसी के लिए दर-दर की ठोकरें खाईं। आखिरकार कुवैत सरकार में सीनियर इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. अमर सिंह सोलंकी की मदद से दोनों भारत लौटे।

मीडिया ने पीड़ित युवकों के जीजा उदयपुर के मादड़ी निवासी जितेंद्र सिंह से बात की। उन्होंने बताया कि कैसे उनके साले एजेंट के जाल में फंस गए, मस्कट में किस पीड़ा से गुजरना पड़ा और कैसे भारत लौटे। पढ़िए यह रिपोर्ट…

प्रतापगढ़ के बंबोरी निवासी संजय सिंह झाला (24) पुत्र गजराज सिंह और उसकी बुआ का लड़का धरियावद (प्रतापगढ़) निवासी कुलदीप सिंह (23) अपने घर तो लौट आए हैं, पर विदेश में झेली परेशानी को नहीं भूल पा रहे हैं।

मस्कट में होटल मालिक की हेयर कटिंग करते हुए संजय।
मस्कट में होटल मालिक की हेयर कटिंग करते हुए संजय।

मस्कट में जॉब करता है एजेंट

मादड़ी निवासी जितेंद्र सिंह ने बताया- उनका साला संजय अपने गांव बंबोरी में ही थैलियों की प्रिटिंग का काम करता था। वहीं बुआ सास का लड़का कुलदीप अहमदाबाद में एक नमकीन फैक्ट्री में काम करता था। दोनों विदेश में नौकरी कर अच्छा पैसा कमाने चाहते थे।

इनकी मुलाकात उदयपुर के मावली के सुखावाड़ा निवासी एजेंट मदन सिंह से हुई थी। वह मस्कट में ही जॉब करता है। कभी-कभी अपने गांव आता है। करीब छह महीने पहले अपने गांव आया था। जीजा ने बताया कि एजेंट उनके फूफाजी के गांव का रहने वाला है। इस कारण किसी प्रोग्राम में सालों से संपर्क हो गया।

एजेंट ने दोनों को मस्कट के होटल में वेटर की नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। करीब 8 से 10 घंटे काम के महीने के 25 से 30 हजार रुपए सैलरी दिलाने का वादा किया। इसके बदले 60 से 65 हजार रुपए लिए और कहा कि वहां जाने के बाद यह रुपए भी वापस लौटा देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दोनों साले 23 मार्च 2025 को मस्कट पहुंचे थे। एजेंट उन्हें मस्कट में ही मिला था।

रोटी मांगने पर मारपीट करता था मालिक

एजेंट दोनों को मस्कट में एक होटल मालिक किशोर पटेल के घर लेकर गया था। होटल मालिक ने दोनों को अपने घर में नौकर रखा। दोनों से घर का काम करवाया। कपड़े धोना, बर्तन धोना, घर के कुत्तों की सार-संभाल करवाना इसके अलावा मालिक अपनी हेयर कटिंग भी दोनों से ही करवाता था। एक दिन में 18 घंटे दोनों से काम लेता था।

दोनों को खाने में दो रोटी और थोड़े से चावल देता था। भूख लगने पर और खाना मांगते तो मारपीट की जाती थी। 30 मई को होटल मालिक ने संजय से मारपीट की थी। इसका वीडियो कुलदीप ने छुपकर बना लिया था। मारपीट का विरोध करने पर रात 12 बजे दोनों को घर से बाहर निकाल दिया था।

होटल मालिक काम के बदले सैलरी नहीं देता था। खाना भी भरपेट नहीं मिलता था।
होटल मालिक काम के बदले सैलरी नहीं देता था। खाना भी भरपेट नहीं मिलता था।

कुवैत सरकार के एडवाइजर ने मदद की

दोनों युवक मस्कट में ही रहने वाले परिचित वीरेंद्र सिंह के घर गए। उनके सहयोग से लेबर कोर्ट और पुलिस से होटल मालिक और एजेंट से शिकायत की।

परिवार ने उदयपुर में अपने रिश्तेदार जितेंद्र सिंह टैक्सी संचालक से संपर्क किया। उनका कुवैत सरकार में सीनियर इकोनॉमिक एडवाइजर से डॉ. अमर सिंह सोलंकी से परिचय है। डॉ. अमर सिंह मूल रूप से उदयपुर के ही रहने वाले हैं। जितेंद्र सिंह ने उन्हें पूरी घटना के बारे में बताया था। इसके बाद सोलंकी ने कुवैत, ओमान और मस्कट में वहां के मंत्रियों, अधिकारियों और भारतीय दूतावास से सम्पर्क किया था।

पुलिस ने होटल मालिक को बुलाकर युवकों के पासपोर्ट, सिविल आईडी और भारत भेजने के टिकट बनवाने को कहा। पहले तो वह आनाकानी करने लगा। काफी दबाव के बाद माना। इसके बाद दोनों को भारत रवाना किया गया। वे 2 जून को उदयपुर आए।

एजेंटों के चक्कर में न आएं

कुवैत सरकार में सीनियर इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. अमर सिंह सोलंकी हाल में उदयपुर आए हुए हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा- एजेंट के चक्कर में आने से पहले 100 बार सोचें। एजेंट सपने बड़े दिखाते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और होती है।

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