जिला कलेक्टर के आदेश की जलदाय विभाग के अधिकारी सरेआम उड़ा रहे हैं धज्जियां
भरी दुपहरी में पानी के लिए इधर से उधर भटकते रहते हैं शिमला के ग्रामीण

शिमला : शिमला ग्राम में पानी की सप्लाई के हालात बहुत बुरे हैं। पहले 8 दिन में एक बार पानी की सप्लाई होती थी। अब 4 दिन में एक बार होती है। वो भी महज 20 मिनट। जिला कलेक्टर के सख्त निर्देश के बावजूद भी अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। जबकि इन दिनों गांवो में पानी की विकट समस्या है। ऐसे में सप्लाई प्रतिदिन होनी चाहिए। क्योंकि गांव में गरीब लोग निवास करते हैं वो इतने साधन संपन्न नहीं होते हैं कि रोजाना घरों में पानी टैंकर डलवा सकें। जिला कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर समस्त जलदाय विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि पानी की सप्लाई की कोई भी लापरवाही माफ नहीं की जाएगी इसके बावजूद भी अधिकारी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि अधिकारियों को पानी की सप्लाई को मुख्य मानते हुए नियमित पानी की सप्लाई करनी चाहिए। ग्राम शिमला में ग्रामीण लोग कुंभाराम योजना के पानी की सप्लाई पर आधारित है जब यह पानी नहीं आता है महिलाएं सर पर घड़ा लेकर दर-दर भटकती हैं। हरियाणा से 3 किलोमीटर पैदल चलकर पानी लाना पड़ता है।

अवैध पेयजल कनेक्शन की वजह से परेशान है क्षेत्र की जनता
एक तरफ अवैध कनेक्शन को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव सुधांश पंत गंभीर हैं तो वहीं दूसरी तरफ खेतड़ी में अधिकारियों की मिलीभगत से लोगों ने मुख्य राइजिंग लाइन में ही 50 से अधिक अवैध कनेक्शन कर रखे हैं। बार बार शिकायत के बावजूद भी अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। यहां सीएस के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ रही हैं। खेतड़ी नगर से लेकर ढ़ोसी तक आ रही मुख्य राइजिंग लाइन में लोगों ने जगह जगह अवैध कनेक्शन कर रखे हैं। ग्राम रवां में तो शिमला आ रही मुख्य लाइन के एयर वाल में ही मोटा पाइप लगाकर 50 से अधिक घरों में अवैध कनेक्शन कर रखे हैं। जिनमें दिनभर बेवजह पानी बहता रहता है। ओर दूसरी तरफ जनता 3 माह से पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रही है।
अधिकारियों की मिलीभगत से मुख्य लाइन में ही लोगों ने कर रखे हैं 50 से अधिक कनेक्शन
दूसरी ओर अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ग्राम रँवा में अवैध कनेक्शनों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इसी तरह लीलू की ढाणी व ग्राम दुधवा में भी मुख्य राइजिंग लाइन को तोड़कर लोगों ने अवैध कनेक्शन कर रखे हैं। अवैध कनेक्शन की वजह से क्षेत्र में लोगों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जिसकी वजह से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। महिलाएं दिन भर भरी दुपहरी में पानी के लिए इधर से उधर भटकती रहती हैं। घरों में 4 दिन में एक बार पानी सप्लाई हो रहा है। इतनी भयंकर गर्मी में पानी की कमी नासूर बनी हुई है। ग्रामीण अवैध कनेक्शन की शिकायत कर कर के थक चुके हैं लेकिन अधिकारी गहरी नींद में हैं। वो दिन ज्यादा दूर नहीं जिस दिन जनता का गुस्सा फूटेगा तो बड़े आंदोलन को कोई रोक नहीं सकेगा। विभाग को शीघ्र ही अवैध कनेक्शन पर कार्यवाही कर हटाना चाहिए ताकि पेयजल संकट दूर हो सके।
308 कुएं खुदवाने वाले शेरशाह का गांव शिमला प्यासा
दिल्लीके बादशाह शेरशाह सूरी ने अपनी जन्मस्थली झुंझुनूं जिले की खेतड़ी तहसील के जिस शिमला गांव में तीन सौ से ज्यादा कुएं खुदवाए थे, वो गांव आज पानी के लिए तरस रहा है। हिंदुस्तान के शाही तख्त पर बैठने वाले शिमला में पैदा हुए शेरशाह ने गांव वालों के आग्रह पर इलाके में 308 कुएं खुदवाए थे। करीब सात सौ साल पहले उस समय हालांकि क्षेत्र की आबादी महज पांच सौ लोगों की रही होगी, इसलिए पीने के पानी और खेती के लिए प्रचुर मात्रा में पानी मिल जाता था। शिमला उस समय नारनौल परगने में था।
शेरशाह सूरी का परिवार नारनौल में रहता था। उनके दादा इब्राहिम का मकबरा नारनौल में आज भी है। इब्राहिम नारनौल तथा शिमला के जागीरदार थे। इब्राहिम के पुत्र हसन यानी शेरशाह के पिता सौदा गिरी का धंधा छोड़कर पुलिस में भर्ती हो गए थे। गांव में आज भी इसकी चर्चा होती है।
बादशाह ने गांववालों को बुलाया था दिल्ली
बुजुर्ग लोगों के अनुसार दिल्ली की गद्दी पर बैठते ही फरीद को अपनी जन्म स्थली शिमला की याद आई। उसने हरकारा भेजकर यहां के लोगों को दिल्ली बुलवाया। उस समय शिमला में किला बनाया जा रहा था। लोगों ने उनसे खेती के लिए कुएं बनवाने की मांग की। शेरशाह ने उसी समय किले का निर्माण कार्य बंद कर कुएं खुदवाने का फरमान जारी कर दिया।