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पिलानी में पानी की पुकार : शिक्षा नगरी बनी टैंकरों की नगरी


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पिलानी में पानी की पुकार : शिक्षा नगरी बनी टैंकरों की नगरी

पिलानी में पानी की पुकार : शिक्षा नगरी बनी टैंकरों की नगरी

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : निरंजन सैन

पिलानी : पिलानी में रविवार को नहर के पानी की मांग को लेकर एक जोरदार हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। पानी के गंभीर संकट को देखते हुए लोगों में भारी आक्रोश और चिंता देखने को मिली। हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से लोगों ने कुंभाराम लिफ्ट कनाल परियोजना से पिलानी तक पानी पहुंचाने की मांग को फिर से बुलंद किया। अभियान के दौरान महावीर प्रसाद शर्मा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि “नासा की एक रिपोर्ट के मुताबिक शेखावाटी क्षेत्र का भूजल स्तर दुनिया में सबसे अधिक गिरता जा रहा है।

अब तो 1200 फीट की गहराई पर भी पानी नहीं मिल रहा है। अगर अभी भी हम नहीं जागे, तो आने वाले 4-5 वर्षों में यह क्षेत्र पानी के लिए पूरी तरह से निर्जल हो जाएगा। लोग यहां से पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे।” उन्होंने इसे जीवन-मरण का प्रश्न बताते हुए कहा कि “हम किसी भी कीमत पर नहर का पानी लाकर रहेंगे। यह हमारी अगली पीढ़ियों की लड़ाई है।” डॉ. रविकांत पांडे ने भी अभियान में भाग लेते हुए कहा, “पिलानी अब शिक्षा की नगरी नहीं, टैंकरों की नगरी बन गई है। हर गली में टैंकर दौड़ते मिलते हैं, लेकिन यह टैंकर भी आखिर कब तक चलेंगे?” उन्होंने प्रशासन से तुरंत नहर से जलापूर्ति शुरू करने की मांग की। यह आंदोलन 10 अप्रैल से लगातार जारी है और हर दिन इसमें लोगों की भागीदारी बढ़ती जा रही है।

अभियान को जनआंदोलन का रूप देते हुए नंदलाल सैनी ने कहा, “पानी किसी एक का नहीं, हम सबकी जरूरत है। यह हमारी सांझी लड़ाई है जिसे हम मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे।” हस्ताक्षर अभियान और आंदोलन में भाग लेने वालों में शंकर दहिया, खुशी, फरमान, कुरड़ाराम, मदीना, नजमीन, अमन, लाल मोहम्मद, कालू, हरिराम, असलम, मंगतू राम, लतीफ, साहिल, नंदलाल, अशोक बाडेटीया सहित अनेक स्थानीय लोग मौजूद रहे।

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