हत्या के आरोपियों को गिरतार करने की मांग को लेकर कलक्ट्रेट का किया घेराव, युवक की हत्या के मामले में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर चलाई लाठियां
कलक्ट्रेट का घेराव कर रही भीड़ ने पूर्व-मंत्री की गिरेबान-पकड़ी:प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज; PHQ कर्मचारी पर युवक की हत्या का आरोप; 9 दिन बाद मौत

झुंझुनूं : दुबई से अपने गांव लौटे युवक की हत्या का मामला तूल पकड़ गया। परिजनों ने तीसरे दिन भी शव नहीं लिया। वे आरोपियों गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए। शव का अंतिम संस्कार कराने के मना कर दिया है। इस दौरान कलेक्ट्रेट तक रैली निकाल कर पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।
प्रदर्शन में पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी मौजूद रहे। गुस्साए ग्रामीणों से समझाइश कर रहे गुढ़ा पर प्रदर्शनकारी भड़क गए। गुढ़ा के साथ धक्कामुक्की कर डाली। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को बलपूर्वक खदेड़ा।

मामला झुंझुनूं के बिरमी के धनुरी थाना इलाके का है। शव बीडीके अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखा है।
जानकारी के अनुसार, सुभाष की पत्नी मनोज देवी ने 18 मई को धनूरी थाने में मामला दर्ज कराया था। इसमें बताया था कि त्रिलोका का बास निवासी मुकेश जाट, उसके साले व दो-तीन अन्य ने हमला कर उसके पति सुभाष मेघवाल की हत्या कर दी है। परिजनों के अनुसार, आरोपी मुकेश करीब 8 साल पहले अनुकंपा पर झुंझुनूं पुलिस में कनिष्ठ सहायक के पद पर लगा था। वरिष्ठ सहायक के पद पर प्रमोशन के बाद इन दिनों पुलिस मुख्यालय जयपुर में तैनात है।
आखिर क्यों चल रहा धरना…
होटल पर हुई थी मारपीट
ग्रामीण सचिन चौपड़ा के अनुसार, सुभाष मेघवाल दुबई में काम करता था। वह 5 मई को अपने गांव धनुरी आया था। उसे 20 मई को वापस दुबई लौटना था। इस दौरान 16 मई की रात वह धनुरी के रोहिड़ा बस स्टैंड के पास एक होटल पर खाना खाने गया था। जानकारी के अनुसार, खाना खाने के बाद उसकी त्रिलोका का बास निवासी मुकेश जाट से उसकी कहासुनी हो गई थी। इसके बाद वह होटल से अपने घर की ओर आ रहा था। इस दौरान पीछा कर मुकेश और अन्य ने उसके साथ बुरी तरह मारपीट की।
गिरफ्तारी तक नहीं होगा अंतिम संस्कार
सुभाष की मौत के बाद से सर्व समाज के लोग बीडीके अस्पताल में लगातार धरने पर बैठे हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक न तो पोस्टमार्टम होने दिया जाएगा और न ही अंतिम संस्कार। प्रशासन द्वारा उन्हें समझाने के लगातार प्रयास किए गए, लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने के कारण सभी वार्ताएं विफल रही हैं।
पुलिस पर निष्क्रियता और दोषियों को बचाने का आरोप
इस मामले में अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे लोगों में गहरा आक्रोश है। प्रदर्शनकारी आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस जानबूझकर मामले को दबाने का प्रयास कर रही है और दोषियों को बचा रही है। इसी के खिलाफ अब लोग एकजुट होकर आंदोलन की राह पर हैं और जल्द ही शहर में रैली निकालकर कलेक्ट्रेट का घेराव करने की तैयारी में हैं।
सामाजिक आंदोलन का रूप ले रहा है मामला
इस घटना ने न केवल दलित समुदाय में रोष फैलाया है, बल्कि अन्य समाजों के लोग भी पीड़ित परिवार के समर्थन में आ गए हैं।
9 दिन चले इलाज के बाद मौत
परिजनों को सुभाष होटल के बाहर खून से लथपथ हालत में मिला था। इसके बाद परिजनों ने उसे तुरंत झुंझुनूं के राजकीय बीडीके अस्पताल पहुंचाया। जहां से उसे 18 मई को जयपुर रेफर कर दिया गया था। जयपुर में भी इलाज के दौरान उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। ऐसे में, सुभाष को चौमूं के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। 25 मई की रात सुभाष ने दम तोड़ दिया। सुभाष के शव को झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया।
गिरफ्तारी तक नहीं होगा अंतिम संस्कार
चौपड़ा ने बताया- सुभाष की मौत के बाद से सर्व समाज के लोग बीडीके अस्पताल में लगातार धरने पर बैठे हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक न तो पोस्टमॉर्टम होने दिया जाएगा और न ही अंतिम संस्कार।
बीडीके अस्पताल में चल रहा है धरना
जयपुर के निजी अस्पताल में सुभाष की मौत के बाद शव बीडीके अस्पताल लाकर मोर्चरी में रखवाया गया। लेकिन परिजन ने शव नहीं लिया और आरोपियों की गिरतारी करने, मुआवजा देने व सरकारी नौकरी की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया। मंगलवार को धरने का तीसरा दिन था। ग्रामीण सचिन चौपड़ा समेत धरनार्थियों का कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरतारी समेत अन्य मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक शव का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल से हुई वार्ता विफल
कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट सभागर में प्रतिनिधिमंडल की एडीएम अजय आर्य, एसपी देवेंद्रसिंह राजावत, एएसपी फूलचंद मीणा, सीओ ग्रामीण हरिसिंह धायल समेत अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में वार्ता हुई। लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बनने की वजह से विफल रही।
लोगों पर लाठीचार्ज कर आंदोलन को कुचलने का प्रयास – गुढ़ा
हमारा आंदोलन शांतिपूर्वक तरीके से चल रहा था। बीडीके अस्पताल से रैली लेकर निकले थे और डेलीगेशन भी बना हुआ था। लेकिन कलेक्ट्रेट पर आंदोलन में कुछ ऐसे तत्व शामिल हो गए, जो आरोपी पक्ष के थे। हम उन्हें कंट्रोल कर रहे थे। पुलिस ने निहत्थे मृतक के परिजन व प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया है। इसकी घोर निंदा करते हैं। पुलिस ने लाठी व डंडे के दम पर आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया है। आंदोलन के अंदर जो तत्व घुसे हैं उनकी व पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में लाठीचार्ज हुआ है। उसकी जांच होनी चाहिए। हमारा आंदोलन जारी रहेगा। इसे खराब नहीं होने देंगे। -राजेंद्र गुढ़ा, पूर्व मंत्री
भीड़ को हटाने के लिए जमीन पर फटकारी थी लाठियां
प्रदर्शन के दौरान भीड़ में शामिल लोगों ने जबरदस्ती कलेक्ट्रेट में अंदर घुसने का प्रयास किया। वहां पर खड़ी महिला पुलिसकर्मियों से अपशब्द बोल रहे थे, धक्कामुक्की कर रहे थे। उन्हें अंदर घुसने से रोकने के लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत जमीन पर लाठियां फटकारी गई। लाठीचार्ज जैसी कोई स्थिति नहीं थी। मामले को लेकर प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की गई, लेकिन विफल रही। -देवेंद्रसिंह राजावत, एएसपी झुंझुनूं
देखिए, कलेक्ट्रेट पर झड़प की तस्वीरें….




