पिलानी की प्यास को लेकर सड़कों पर उतरे लोग – कुंभाराम लिफ्ट कैनाल परियोजना की मांग को लेकर चला जनजागरूकता अभियान
हजारों लोगों ने हस्ताक्षर कर मुख्यमंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन - "हमें पानी चाहिए, वादे नहीं"

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : निरंजन सैन
पिलानी : राजस्थान की शिक्षा नगरी कहे जाने वाली पिलानी में अब पानी के लिए संघर्ष तेज हो गया है। कुंभाराम लिफ्ट कैनाल परियोजना से पिलानी को जोड़ने की वर्षों पुरानी मांग को लेकर स्थानीय जनता ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को तालाब पार्क के सामने सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में एक विशाल हस्ताक्षर अभियान आयोजित किया गया, जहां नागरिकों ने गर्मी और धूप की परवाह किए बिना पूरे जोश के साथ अपनी भागीदारी दर्ज कराई। अभियान का आयोजन ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन और ऑल इंडिया खेत मजदूर संगठन के संयुक्त नेतृत्व में किया गया। आयोजनकर्ताओं ने बताया कि यह केवल एक हस्ताक्षर अभियान नहीं, बल्कि जनभावनाओं की मुखर अभिव्यक्ति है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इसमें प्रमुख मांग पिलानी क्षेत्र को कुंभाराम लिफ्ट कैनाल परियोजना से तुरंत जोड़ा जाए। पानी की आपूर्ति के स्थायी समाधान की योजना बनाई जाए। सरकार क्षेत्र के जल संकट को गंभीरता से ले और ठोस कार्रवाई करे।
अभियान में नेतृत्व कर रहे शंकर दहिया ने बताया, “पिलानी शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में जाना जाता है, पर जल संकट के चलते यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। कुंभाराम परियोजना इस क्षेत्र के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकती है।”
विष्णु वर्मा, महावीर प्रसाद शर्मा, डॉ. रविकांत पांडे सहित अन्य वक्ताओं ने भी क्षेत्र की उपेक्षा पर नाराजगी जताई और सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की। हस्ताक्षर अभियान के साथ-साथ क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों, गांवों में जनसभाएं और जागरूकता रैलियां भी आयोजित की जा रही हैं। स्थानीय महिलाओं, युवाओं और किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और इसे एक जनांदोलन का स्वरूप दे दिया है। हस्ताक्षरित ज्ञापन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सौंपा जाएगा, जिसमें पिलानी को परियोजना में शामिल करने की प्रमुख मांग होगी। आयोजकों ने चेताया है कि यदि मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।
“हमें पानी चाहिए, वादे नहीं” -जनभावना की गूंज , जनता के बीच गूंज रहा यह नारा अब केवल एक नाराजगी नहीं, बल्कि चेतावनी है। पिलानी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।