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कांग्रेस सांसद बोले-पहलगाम में धर्म पूछकर मारा, इसके सबूत नहीं:मोदी को बता देना..जैसी बातों का प्रचार अलग तरीके से हो रहा है, यह चिंताजनक


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कांग्रेस सांसद बोले-पहलगाम में धर्म पूछकर मारा, इसके सबूत नहीं:मोदी को बता देना..जैसी बातों का प्रचार अलग तरीके से हो रहा है, यह चिंताजनक

कांग्रेस सांसद बोले-पहलगाम में धर्म पूछकर मारा, इसके सबूत नहीं:मोदी को बता देना..जैसी बातों का प्रचार अलग तरीके से हो रहा है, यह चिंताजनक

बाड़मेर : भारत-पाकिस्तान में सीजफायर के बाद बॉर्डर पर हालात सामान्य हो रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने पहलगाम में धर्म पूछकर मारने के सबूत नहीं होने की बात कहकर नई बहस छेड़ दी है। बेनीवाल खुद राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर से सांसद हैं।

उम्मेदाराम बेनीवाल ने कहा- सरकार ने प्रेस वार्ता कर माना है कि सुरक्षा में चूक हुई है। सुरक्षा एंजेसियों को इनपुट मिले थे। उसके बाद सतर्कता बरतनी चाहिए थी, लेकिन उनसे चूक हुई है। धर्म पूछकर ऐसा किया है तो गलत है। इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि धर्म पूछकर या जाति पूछकर गोली मारी है। या मोदी को बता देना… इस टाइप का कोई पुख्ता सबूत किसी के पास नहीं है।

यह प्रचार- प्रसार अलग तरीके से हो रहा है। यह नहीं होना चाहिए। यह बहुत ही चिंताजनक विषय है। निहत्थे और निर्दोष लोगों पर कायराना हमला किया गया। इससे पूरे देश में अंसतोष था।

बेनीवाल ने कहा कि सीजफायर की मध्यस्थता तीसरे देश अमेरिका की ओर से करना लोगों को पसंद नहीं आया। 1971 युद्ध में अमेरिका ने धमकी दी थी, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी किसी के दबाव में नहीं आई। वे उस समय अमेरिका के सामने नहीं झुकी थी।

दरअसल, बेनीवाल सोमवार को बाड़मेर में थे। उन्होंने सर्किट हाउस में सुबह मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा शांति को प्राथमिकता दी है, लेकिन भारत और इसके किसी भी नागरिक पर जब भी खतरा आया है, तब- तब देश ने मुंहतोड़ जवाब दिया।

सीजफायर में तीसरे देश की मध्यस्थता पसंद नहीं आई

सांसद ने कहा- सीजफायर होना ही चाहिए। भारत ने हमेशा शांति में विश्वास रखा है। भारतीय सेना या भारत ने पहल नहीं की है। उनके उकसावे के जवाब में हमनें कार्रवाई की। आतंकवाद का सफाया होना जरूरी था, लेकिन सीजफायर में तीसरे देश की मध्यस्थता के बारे में सोशल मीडिया पर चल रहा है।

बेनीवाल ने कहा- बेनीवाल ने कहा कि लोगों को इस चीज का मलाल है कि अमेरिका के दबाव में आकर ऐसा नहीं करना चाहिए था। आपसी बातचीत करके करना चाहिए था।

हम इस समय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद करते है। उनके अंदर अदम्य साहस, हिम्मत थी। जब 1971 में युद्ध हो रहा था, तब अमेरिका ने धमकी दी थी कि हमारा सातवां बेड़ा भी आ रहा है। आप युद्ध बंद कर दो। वो आयरन लेडी किसी के दबाव में नहीं आई।

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