डोटासरा बोले-कांग्रेस से जुड़े कर्मचारियों को बॉर्डर इलाकों में भेजा:सर्वदलीय बैठक में सत्ताधारी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को भी नहीं बुलाया
डोटासरा बोले-कांग्रेस से जुड़े कर्मचारियों को बॉर्डर इलाकों में भेजा:सर्वदलीय बैठक में सत्ताधारी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को भी नहीं बुलाया

जयपुर : कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पाकिस्तान से तनाव और सीजफायर के मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा। डोटासरा ने कहा- कांग्रेस पृष्ठभूमि के कर्मचारियों को बॉर्डर वाले इलाकों में भेजा जा रहा है। महीनों से एपीओ चल रहे कर्मचारियों को अचानक बॉर्डर वाले जिलों में भेज दिया गया है। कांग्रेस पृष्ठभूमि के कर्मचारी बॉर्डर पर जाने से नहीं डरते हैं, लेकिन सरकार इसमें भी भेदभाव कर रही है। डोटासरा सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
डोटासरा ने शनिवार को जयपुर में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में पार्टी प्रदेशाध्यक्षों को नहीं बुलाए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा- सर्वदलीय बैठक में सत्ताधारी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को नहीं बुलाया। सरकार में पूरे तरीके से ब्यूरोक्रेट हावी है, जो नहीं चाहते कि सर्वदलीय बैठक में सबको बुलाया जाए।
कश्मीर के मामले में कोई तीसरा देश पंचायती न करे
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा- हमारी सेना ने वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तान के घुटने टिका दिए थे। लेकिन, इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके युद्ध विराम की घोषणा की। इसके बाद केंद्र ने की। ट्रंप ने कश्मीर के मामले को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुलझाने की बात कही है, जो हर देशवासी के लिए पीड़ादायक है।
डोटासरा ने कहा- देश जानना चाहता है कि केंद्र सरकार को अमेरिका से मध्यस्थता क्यों करवानी पड़ी? इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऑल पार्टी मीटिंग और संसद का विशेष सत्र बुलाकर स्थिति साफ करनी चाहिए।
देश का कोई भी नागरिक कतई स्वीकार नहीं कर सकता कि कश्मीर के मामले में कोई तीसरा देश पंचायती करे। यह पूरे तरीके से सरकार के ऊपर सवाल खड़े करता है।
देश के सभी राजनीतिक दल और जनप्रतिनिधि भी जानना चाहते हैं कि अमेरिका के किस दबाव के चलते सीजफायर की बात माननी पड़ी? जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे, तब एक के बदले सौ सिर लाने की बात करते थे।
कारगिल युद्ध में वाजपेयी ने अमेरिका की बात नहीं मानी थी, मोदी ने क्यों मानी?
डोटासरा ने कहा- 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने भी अमेरिका की बात को मानने से इनकार कर दिया था। कह दिया था कि हमें किसी की पंचायती की जरूरत नहीं है। हम अपनी लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे। उन्होंने ऑपरेशन विजय चलाकर कारगिल जीता।
सर्वदलीय बैठक में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष तक को नहीं बुलाया
डोटासरा ने कहा- सर्वदलीय बैठक में मुझे कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते नहीं बुलाया गया, ये तो समझ में आती है। लेकिन, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष को भी नहीं बुलाया गया, जबकि मदन राठौड़ दिल्ली से चलकर आए थे। यह बात समझ से परे है। राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को ही सर्वदलीय बैठक में नहीं बुलाया जाएगा तो फिर वो किस तरह की सर्वदलीय बैठक हुई?
डोटासरा ने कहा- समय रहते सरकार को इसकी सुध लेनी चाहिए। क्योंकि जिस तरह से सरकार में नौकरशाह हावी है, मंत्रियों की नहीं चल रही है। उससे आने वाले दिनों में सरकार के खिलाफ जनता में आक्रोश पनप सकता है।
मोदी देश को बताएं अमेरिका की बात क्यों माननी पड़ी?
डोटासरा ने कहा- जिस तरह से प्रधानमंत्री नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक और कई अन्य मामलों के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन किया करते थे। ऐसे ही उन्हें अब भी राष्ट्र के नाम संबोधन करके बताना चाहिए कि आखिर उन्हें अमेरिका की बात क्यों माननी पड़ी?
सभी पड़ोसी देश हमारे खिलाफ, विदेश नीति पर स्थिति साफ करें
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा- आज सभी पड़ोसी देश हमारे खिलाफ हैं। चीन तो खुलकर पाकिस्तान के साथ खड़ा हो गया और कह रहा है कि वो पाकिस्तान की संप्रभुता के साथ खड़ा है। बांग्लादेश सहित कई अन्य राष्ट्र भी हमारे साथ नहीं खड़े हैं। ऐसे में हमारी विदेश नीति क्या होनी चाहिए, यह भी साफ करें।