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प्रधानमंत्री कुसुम योजना:प्रदेश में 60 हजार सोलर पंप संयंत्र लगाए जाएंगे, सबसे ज्यादा जयपुर,‎ बीकानेर, चूरू व जैसलमेर जिलों में


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प्रधानमंत्री कुसुम योजना:प्रदेश में 60 हजार सोलर पंप संयंत्र लगाए जाएंगे, सबसे ज्यादा जयपुर,‎ बीकानेर, चूरू व जैसलमेर जिलों में

प्रधानमंत्री कुसुम योजना:प्रदेश में 60 हजार सोलर पंप संयंत्र लगाए जाएंगे, सबसे ज्यादा जयपुर,‎ बीकानेर, चूरू व जैसलमेर जिलों में

भरतपुर : सिंचाई के लिए बिजली की कमी से परेशान होने वाले किसानों को प्रधानमंत्री कुसुम योजना बी से राहत मिलेगी। इस योजना के तहत इस साल प्रदेश में 60 हजार खेतों में सोलर पंप संयंत्र लगाए जाएंगे। इसमें किसानों को 60 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी। योजना के तहत 3, 5, 7.5 और 10 एचपी तक के सोलर पंप लगवाने पर अनुदान दिया जाएगा।

राज्य सरकार ने इस वर्ष की गाइडलाइन जारी करते हुए जिले वार लक्ष्य आवंटित किए हैं। सबसे ज्यादा सोलर पंप सेट जयपुर जिले में 5500 का लक्ष्य दिया गया है। जबकि बीकानेर, चूरू, जैसलमेर व श्रीगंगानगर में 3500–3500 सोलर पंप सेट स्थापित किए जाएंगे। अन्य जिलों में भी 500 से लेकर 2500 सोलर पंप का लक्ष्य तय किया गया है।

उद्यान विभाग सोलर के उप निदेशक गणेश मीणा ने बताया कि पीएम कुसुम योजना बी के तहत सभी कृषकों को एसी एवं डीसी संयत्रों पर नियमानुसार अनुदान दिया जाएगा। इसमें किसान की हिस्सा राशि 3 एचपी पर 1,01,125, पांच एचपी पर 1,29,221, 7.5 एचपी एसी पर 1,81,437 और डीसी पर 2,14,638 रुपए रहेगी। बाकी राशि केंद्र और राज्य सरकार वहन करेगी। इस योजना में आवेदन करने वाले किसानों के पहले से बिजली कनेक्शन नहीं होना चाहिए।

किसान के पास कम से कम 0.4 हेक्टेयर यानी 1 एकड़ जमीन होना जरूरी है। तभी वह इस योजना का लाभ ले सकेगा। ई मित्र के जरिए या कृषि विभाग के राज किसान साथी पोर्टल पर जनाधार या आधार नंबर से आवेदन कर सकता है। इसके लिए जमाबंदी, सिंचाई जल स्त्रोत व बिजली कनेक्शन नहीं होने का शपथ पत्र देना जरूरी है। खेत में जल संग्रहण का ढांचा, डिग्गी–फार्म पोंड या जल हौज हो, इसके अलावा बूंद–बूंद सिंचाई और फव्वारा पद्धति से सिंचाई कर रहा है। इसका भौतिक निरीक्षण के बाद ही आवेदन पर कार्रवाई की जाएगी।

सोलर पंप सेट से किसानों का सबसे बड़ा फायदा है कि उसे सिंचाई की बिजली के लिए ग्रिड आधारित सप्लाई पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। यही नहीं, दिन में ही सिंचाई करने की सुविधा मिलेगी। ग्रिड आधारित सप्लाई में सर्दी के समय भी रात में सिंचाई करना किसानों की मजबूरी होती है।

रिसर्च खत्म करना भी गलत

डोनाल्ड ट्रम्प ने डॉलर की गिरावट शुरू नहीं की है लेकिन वे उसे तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। वे उसकी हर बुनियाद को कमजोर कर रहे हैं। वे इनोवेशन और आर्थिक विकास के स्रोत देश के टॉप विश्वविद्यालयों में रिसर्च खत्म करने पर आमादा हैं। ट्रम्प द्वारा कानून के शासन को चुनौती देने से भी डॉलर पर असर पड़ा है।

एससी श्रेणी में 9600 व एसटी के लिए 10 हजार संयंत्र

एससी में सबसे ज्यादा चूरू व श्रीगंगानगर में 1000–1000, जयपुर में 950, बीकानेर व जैसलमेर में 700–700, अजमेर में 400, बाड़मेर में 170, भीलवाड़ा में 380, डीडवाना–कुचामन में 280, हनुमानगढ़ में 500, जालोर में 450, पाली में 200, सीकर में 400, टाेंक में 600 सोलर पंप स्वीकृत किए जाएंगे। जबकि एससीएसटी के लिए सबसे ज्यादा बांसवाड़ा जिले के लिए 1550 पंप का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद सर्वाधिक 1050, प्रतापगढ़ में 1000, उदयपुर में 800, सिरोही में 700, सवाई माधोपुर 780, दौसा में 485, बूंदी में 400 व भीलवाड़ा में 250 संयंत्र।

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