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1242 विद्यार्थी फीस के लिए परेशान:डेढ़ साल से दूसरी किश्त का इंतजार, 80 लाख 84 हजार रुपए का भुगतान लंबित


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1242 विद्यार्थी फीस के लिए परेशान:डेढ़ साल से दूसरी किश्त का इंतजार, 80 लाख 84 हजार रुपए का भुगतान लंबित

1242 विद्यार्थी फीस के लिए परेशान:डेढ़ साल से दूसरी किश्त का इंतजार, 80 लाख 84 हजार रुपए का भुगतान लंबित

झुंझुनूं : मुख्यमंत्री बालक व वीर बाला काली बाई फीस पुनर्भरण योजना के तहत जिले के 300 निजी स्कूलों में पढ़ने वाले 1242 विद्यार्थियों को डेढ़ साल से फीस की दूसरी किश्त नहीं मिली है। इससे विद्यार्थियों के परिजनों को निजी स्कूलों की भारी भरकम फीस चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

योजना में 80 लाख 84 हजार रुपए की राशि अभी तक अटकी हुई है, जिससे स्कूली बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।

मुख्यमंत्री द्वारा 2022-23 के बजट में इस योजना की शुरुआत बालिकाओं के लिए की गई थी, जिसे 2023 में बालकों के लिए भी लागू कर दिया गया। इसका उद्देश्य आरटीई (शिक्षा का अधिकार) के तहत 8वीं तक मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर चुके कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में ही 12वीं तक की शिक्षा उपलब्ध करवाना था। योजना के तहत 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को वार्षिक दो किश्तों में फीस पुनर्भरण की राशि सीधे उनके बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से दी जानी थी।

हालांकि, जमीनी हकीकत इससे अलग है। जिले के 1242 बच्चों में से अधिकांश को अब तक केवल एक ही किश्त प्राप्त हुई है, जबकि दूसरी किश्त का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। सबसे बड़ी परेशानी यह है कि 208 विद्यार्थियों के जनाधार से बैंक खाता लिंक न होने के कारण उनका भुगतान तकनीकी कारणों से लंबित है। वहीं, बाकी बच्चों को दूसरी किश्त का इंतजार है क्योंकि सरकार से अब तक बजट ही जारी नहीं हुआ है।

परिजनों और निजी स्कूलों की चिंता

निजी स्कूलों ने कई विद्यार्थियों से फीस मांगना शुरू कर दिया है। इससे कई माता-पिता की परेशानियां बढ़ गई है। इतना ही नहीं, योजना की अस्थिरता के कारण निजी स्कूलों में अब 9वीं कक्षा में नए बच्चों को प्रवेश देने में भी आनाकानी की जा रही है, जिससे वंचित वर्ग के विद्यार्थियों की आगे की पढ़ाई पर संकट मंडरा रहा है।

शिक्षा विभाग की ओर से बताया गया कि योजना के तहत पहले साल की पहली किश्त सत्र के आरंभ में भौतिक सत्यापन के बाद और दूसरी किश्त साल के अंत में दी जानी थी। लेकिन अब तक दूसरी किश्त जारी नहीं की गई है।

जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष ढाका ने कहा कि जैसे ही राज्य सरकार से राशि प्राप्त होगी, छात्र-छात्राओं के खातों में डीबीटी के जरिए भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार स्कीम की पालना की जा रही है।

आरटीई और योजना का महत्व:

गौरतलब है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत कक्षा 1 से 8 तक के कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दी जाती है। मुख्यमंत्री बालक व वीर बाला काली बाई फीस पुनर्भरण योजना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वंचित वर्ग के बच्चों को 12वीं तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य रखती है।

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