SDM थप्पड़कांड, एसटी आयोग की रिपोर्ट में पुलिस-प्रशासन दोषी:मुख्य सचिव-डीजीपी से 30 दिन में कार्रवाई के लिए कहा, जवाब भी मांगा
SDM थप्पड़कांड, एसटी आयोग की रिपोर्ट में पुलिस-प्रशासन दोषी:मुख्य सचिव-डीजीपी से 30 दिन में कार्रवाई के लिए कहा, जवाब भी मांगा

टोंक : टोंक के समरावता थप्पड़कांड में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने एरिया मजिस्ट्रेट और मालपुरा उपखंड अधिकारी पर आरोप लगाए हैं। कमेटी ने पुलिस के एक्शन पर भी सवाल खड़े किए हैं। रिपोर्ट 2 अप्रैल 2025 को राज्य सरकार को सौंपी गई है। कमेटी ने 30 दिन में प्रशासन व पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। सरकार से जवाब भी मांगा गया है।
दरअसल, 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा उपचुनाव में वोटिंग के दौरान निर्दलीय कैंडिडेट नरेश मीणा ने एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी के थप्पड़ मार दिया था। मजिस्ट्रेट का कहना था कि नरेश मीणा जबरन बूथ में घुस रहा था उसे रोका तो उसने थप्पड़ मार दिया। इसके पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में लिया था, लेकिन ग्रामीणों ने उसे छुड़ा लिया। घटना की रात व अगले दिन नरेश मीणा की गिरफ्तार को पुलिस व ग्रामीण भिड़ गए थे। इसमें दोनों ओर से कई लोग घायल हुए थे।

6 मेंबर की कमेटी ने तैयार की 23 पेज की रिपोर्ट
थप्पड़कांड को लेकर एनसीएसटी आयोग ने 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया। निरूपम चमका की अध्यक्षता वाली कमेटी ने तीन महीने जांच की। कमेटी ने 23 पेज की रिपोर्ट में थप्पड़कांड के कारण, एसडीएम और एरिया मजिस्ट्रेट ने उस दिन क्या किया और पुलिस के एक्शन के बारे में भी लिखा है। इसमें एरिया मजिस्ट्रेट और मालपुरा उपखंड अधिकारी (एसडीएम) को थप्पड़ मारने को अनुचित माना है। लेकिन एसडीएम पर जबरन वोटिंग कराने के भी आरोप लगाए हैं।
जांच कमेटी के अनुसार थप्पड़ मारने के बाद पुलिस ने संभवत: बदले की कार्रवाई की थी। जिसमें ग्रामीणों के साथ मारपीट, झूठे मुकदमों सहित कई आरोप रिपोर्ट में पुलिस पर लगाए हैं। आयोग ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव सुधांशु पंत, डीजीपी उत्कल रंजन साहू, जनजाति क्षेत्र विकास विभाग के सचिव आशुतोष एटी पेडणेकर को रिपोर्ट भेजी है। इनसे 30 दिनों के भीतर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।


