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चैत्र नवरात्रि व हिंदू नववर्ष आज से प्रारंभ, घट स्थापना के शुभ मुहूर्त व विधि


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झुंझुनूंटॉप न्यूज़धर्म/ज्योतिषराजस्थानराज्य

चैत्र नवरात्रि व हिंदू नववर्ष आज से प्रारंभ, घट स्थापना के शुभ मुहूर्त व विधि

जलाराम बापा ज्योतिष संस्थान (रजि.) के अध्यक्ष आचार्य अभिमन्यु पाराशर ने बताया कि चैत्र मास शुक्ल प्रतिपदा के दिन से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होती है।

चैत्र नवरात्र : जलाराम बापा ज्योतिष संस्थान (रजि.) के अध्यक्ष आचार्य अभिमन्यु पाराशर ने बताया कि चैत्र मास शुक्ल प्रतिपदा के दिन से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होती है। चैत्र नवरात्र से हिंदू नववर्ष भी शुरू होता है इसलिए इनका धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व है। चैत्र नवरात्र को बंसत ऋतु का आगमन भी माना जाता है। चैत्र नवरात्र की नवमी को ही भगवान राम ने जन्म लिया था जिसे राम नवमी कहते हैं। इसलिए चैत्र नवरात्रों का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है।

नवरात्रि से हिंदू नव वर्ष शुरू
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हो जाती है। साल 2025 में हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 है। इसका राजा सूर्य होगा और शक संवत के हिसाब से 1947 वां साल आरंभ होगा। वासंतिक या चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी इसी मास में होती है। इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च, रविवार से हो रही है।

चैत्र मास को यह नाम चित्रा नक्षत्र के कारण मिला है। चित्र 27 नक्षत्र में से 14 वां नक्षत्र माना गया है। अमावस्या के बाद जब मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में प्रकट होकर रोजाना एक-एक कला बढ़ती हुई। 15 दिन चित्रा नक्षत्र में पूर्णता को प्राप्त होती है और चित्रा नक्षत्र के कारण चैत्र माह कहलाता है।

कलश घटस्थापना शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना या घटस्थापना करना बेहद जरूरी होता है. घटस्थापना के बाद ही पूजा की शुरुआत की जाती है. रविवार 30 मार्च 2025 को सुबह 6:30 से 10:22 तक का समय कलश स्थापना के लिए बेहद शुभ रहेगा. इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त को भी कलश स्थापना के लिए शुभ माना गया है. इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:01 से 12:50 तक रहेगा।

नवरात्रि कलश स्थापित करने की दिशा और स्थान :
कलश को उत्तर या फिर उत्तर पूर्व दिशा में रखें। जहां कलश बैठाना हो उस स्थान पर पहले गंगाजल के छींटे मारकर उस जगह को पवित्र कर लें। इस स्थान पर दो इंच तक मिट्टी में रेत और सप्तमृतिका मिलाकर एक सार बिछा लें। कलश पर स्वास्तिक चिह्न बनाएं और सिंदूर का टीका लगाएं। कलश के गले में मौली लपेटें।

कैसे करें कलश स्थापना :
नवरात्रि की पूजा में कलश स्थापना का विशेष महत्व है. कलश को श्रीविष्णु का रूप माना जाता है, इसलिए नवरात्रि से पहले घटस्थापना या कलश स्थापना की जाती है। कलश स्थापना अगर शुभ मुहूर्त में की जाए तो इसका विशेष फल मिलता है। कलश स्थापना से पहले घर के मंदिर को अच्छी तरह से साफ कर लें. इसके बाद पूजा के स्थान पर लाल कपड़ा बिछाएं. कलश के लिए वैसे तो मिट्टी का कलश सबसे शुभ होता है लेकिन अगर वो नहीं है तो तांबे का कलश भी चलेगा. इसे लगातार 9 दिनों तक एक ही स्थान पर रखा जाता है. कलश में गंगा जल या स्वच्छ जल भर दें. अब इस जल में सुपारी, इत्र, दूर्वा घास, अक्षत और सिक्का डालें. इसके बाद कलश के किनारों पर अशोक या आम के पत्ते रखें और कलश को ढक्कन से ढक दें. एक नारियल पर लाल कपड़ा या चुन्नी लपेट दें. अब नारियल और चुन्नी को रक्षा सूत्र या मोली से बांधें. इसे तैयार करने के बाद चौकी या जमीन पर जौ वाला पात्र (जिसमें आप जौ बो रहे हैं) रखें. अब जौ वाले पात्र के ऊपर मिट्टी का कलश और फिर कलश के ढक्कन पर नारियल रखें।

उसके बाद आप विधि विधान से पाठ- पूजा उपासना करें, माता का ध्यान स्मरण करें व मंत्र जप करें, माता के प्रसाद का भोग लगाएं और माता की आरती करें।।

नवरात्री में करें यह उपाय

आर्थिक तंगी से छुटकारा दिलाएगा ये उपाय
चैत्र में मां दुर्गा को 9 दिन तक रोज दो लौंग का जोड़ा अर्पित करें। साथ ही मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें। अगर आप भी लंबे समय से पैसों की तंगी के कारण परेशान है या पैसा आपके हाथ में नहीं टिकता तो चैत्र नवरात्रि के दौरान लौंग का यह उपाय आपकी मुश्किल को कम कर सकता है।

कर्ज से छुटकारा दिलाएगा ये उपाय
अगर आपने किसी से कर्ज ले रखा है और आप उसे चुका पाने में असमर्थ है तो नवरात्रि के दौरान हर दिन एक लौंग को जलाकर उसकी राख को मां दुर्गा को अर्पित करें।

मनोकामना पूर्ति के लिए उपाय
नवरात्रि में रोज अपने हाथ में एक लौंग लेकर मां का मंत्र जपकर उनको अर्पित करें। इस उपाय से मनोकामना पूर्ति होती है।

बुरी नजर के उपाय
अगर आप बुरी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो एक लौंग को काले कपड़े में बांध कर अपने पास रखें. ऐसा करने से देवी मां आपकी बुरी नजरों से रक्षा करती हैं।

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