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महिला सशक्तिकरण की संकल्पना धराशाई, सरकार बनी मूकदर्शक


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महिला सशक्तिकरण की संकल्पना धराशाई, सरकार बनी मूकदर्शक

महिला सशक्तिकरण की संकल्पना धराशाई, सरकार बनी मूकदर्शक

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान

चूरू : प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार और वर्तमान भाजपा सरकार महिला सशक्तिकरण के नाम पर महिलाओं से छलावा कर रही है। संविदा पद पर कार्यरत यशोदाओ ने आखिरकार चूरू जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा के माध्यम से राजस्थान सरकार को मानदेय बढ़ाने की मांग की। सामाजिक संगठन चूरू एकता मंच के माध्यम से मातृ शक्ति के शोषण को खत्म कर आर्थिक संबल प्रदान करने बाबत। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मानदेय में वृद्धि करने की मांग की।

मंच के जिलाध्यक्ष सलीम खान और यशोदा पुष्पा वर्मा ने बताया कि यशोदा जननी सुरक्षा योजना के तहत कार्यरत महिलाओं को 9 माह तक महिलाओं को प्रसव की जानकारी और उसके बाद बेस्ट फीडिंग की जानकारी प्रदान करती है. यशोदाओं की अस्पताल में 24 घंटे ड्यूटी लगती है जिसमें दिन और रात शामिल है जबकि इनका मानदेय केवल ₹6000 /प्रतिमाह है जो बहुत कम है. पिछले 12 वर्षों से यशोदा के मानदेय में किसी भी प्रकार की कोई वृद्धि नहीं की गई है जिसके कारण इस आर्थिक युग में इन महिलाओं को अपने भरण पोषण और परिवार का पालन करने में बहुत कठिनाई आ रही है।  एकता मंच के माध्यम से इनका प्रतिमाह 6000 से बढ़ाकर 15000 किया जाए और इन्हें संविदा रूल 2022 में शामिल किया जाए।

इस अवसर पर सुनीता सोनी, सुमित्रा, विजय शर्मा, रेनू शर्मा, सरोज, सुनीता चौधरी, संतोष शर्मा, पुष्पा दर्जी, बेबी दर्जी, सुनीता सारस्वत, सुमन सरोज रामपुरा, इंदिरा सैनी, जबकि एकता मंच के उपाध्यक्ष कपिल चंदेल ,विनोद राठी, सत्यनारायण व्यास ,प्रमोद शर्मा, मुकेश निर्वाण, सुशील शर्मा, भानु प्रकाश सेवदा, राकेश वर्मा, डॉ संगीता वर्मा आदि उपस्थित रहे।

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