107 अधिवक्ताओं पर वकालत करने से रोक:जारी की संशोधित लिस्ट, बार काउंसिल ऑफ इंडिया का फैसला
107 अधिवक्ताओं पर वकालत करने से रोक:जारी की संशोधित लिस्ट, बार काउंसिल ऑफ इंडिया का फैसला

झुंझुनूं : बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने एक अहम फैसला लेते हुए 2010 के बाद एलएलबी (LLB) करने वाले और ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) पास नहीं करने वाले अधिवक्ताओं पर कार्रवाई की है। इस आदेश के तहत झुंझुनूं जिले के 107 वकीलों को डी-बार (De-bar) कर दिया गया है। ये सभी वकील अब राजस्थान की किसी भी अदालत में पैरवी नहीं कर सकेंगे।
इस फैसले से जिले के कानूनी जगत में हड़कंप मच गया है, क्योंकि इसमें कई ऐसे वकील शामिल हैं जो पिछले 10-12 साल से प्रैक्टिस कर रहे थे।
18 दिन पहले जारी हुई थी पहली सूची, अब संशोधित सूची जारी
बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने हाल ही में एक संशोधित सूची जारी की है, जिसमें उन अधिवक्ताओं के नाम दर्ज हैं जिन्होंने निर्धारित समय सीमा में AIBE परीक्षा पास नहीं की। इससे पहले, 18 दिन पहले जारी की गई सूची में 236 अधिवक्ताओं के नाम थे, लेकिन संशोधित सूची में 107 वकीलों के नाम शामिल किए गए हैं।
झुंझुनूं जिला अभिभाषक संस्था के अध्यक्ष सुभाषचंद्र पूनिया ने बताया- बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने झुंझुनूं जिले के 107 वकीलों की सूची भेजी है, जिनका नाम डी-बार कर दिया गया है। इस सूची में प्रत्येक वकील का नाम, एनरोलमेंट नंबर और एलएलबी पासिंग वर्ष दिया गया है। ये सभी वकील तब तक न्यायालय में पैरवी नहीं कर सकेंगे जब तक वे AIBE परीक्षा पास नहीं कर लेते।
2010 के बाद एलएलबी करने वालों के लिए AIBE पास करना अनिवार्य
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार, 1 जुलाई 2010 के बाद एलएलबी करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को दो साल के भीतर AIBE परीक्षा पास करनी अनिवार्य है। जो वकील इस परीक्षा को पास नहीं कर पाते, उनकी प्रैक्टिस पर रोक लगा दी जाती है।
बार काउंसिल का यह आदेश उन निष्क्रिय अधिवक्ताओं पर लागू हो रहा है जिन्होंने लंबे समय तक AIBE परीक्षा नहीं दी या पास नहीं की। जिन वकीलों का नाम इस सूची में शामिल है, उन्हें अब अनिवार्य रूप से AIBE पास करनी होगी, अन्यथा उनका पंजीयन निरस्त कर दिया जाएगा और वे किसी भी अदालत में वकालत नहीं कर सकेंगे।
झुंझुनूं जिले में कुल 570 पंजीकृत वकील, 107 पर गिरी गाज
झुंझुनूं जिले में कुल 570 वकील पंजीकृत हैं, जिनमें से 107 ऐसे वकील हैं जिन्होंने अभी तक AIBE परीक्षा पास नहीं की है। ऐसे वकीलों के नाम डी-बार सूची में आने के बाद अब उन्हें वकालत करने के लिए यह परीक्षा पास करनी होगी। इस आदेश से सबसे अधिक प्रभावित वे वकील हुए हैं जो पिछले 10-12 वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे थे, लेकिन उन्होंने AIBE नहीं दी थी।
बार संघ में सूची चस्पा, वकीलों में मचा हड़कंप
बार काउंसिल द्वारा जारी सूची को बार संघ झुंझुनूं में चस्पा कर दिया गया है। यह सूची जारी होते ही वकीलों में हड़कंप मच गया है। कई ऐसे वकील, जो वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे थे, अब अचानक इस स्थिति में आ गए हैं कि वे अदालत में पैरवी नहीं कर सकते।
क्या है ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE)?
AIBE परीक्षा बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित की जाती है और इसे पास करने के बाद ही वकील को अदालत में पैरवी करने का अधिकार मिलता है। यह परीक्षा वकालत के पेशे में गुणवत्ता बनाए रखने और कानूनी ज्ञान का आकलन करने के लिए अनिवार्य की गई है। जो वकील इस परीक्षा को पास नहीं करते, उनके वकालत करने पर रोक लगा दी जाती है।
नियमों का पालन अनिवार्य: बार काउंसिल ऑफ इंडिया
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अधिकारियों का कहना है कि इस आदेश का सख्ती से पालन किया जाएगा और किसी भी निष्क्रिय वकील को प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कि वह AIBE परीक्षा पास न कर ले।