बेटा चाहती थी लेकिन बेटी हुई, मां ने 20 दिन की बेटी को टंकी में डूबो कर मार डाला
दूसरी बेटी भी ऑपरेशन से हुई तो लगा-वह बेटे को जन्म नहीं दे सकेगी, इसी चिंता में जान ले ली

झुंझुनूं : बेटा नहीं होने से दुखी शहर के वार्ड 53 के नयाबास में 17 दिन की मासूम की हत्या करने वाली निशा उर्फ आचकी को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। वह अपनी करतूत पर शर्मिंदा नजर आई। बाद में उसे कोर्ट ने जेल भेज दिया। इससे पहले पुलिस पूछताछ में बीए तक पढ़ी लिखी निशा ने कहा कि उसके दो साल पहले ऑपरेशन (सीजेरियन प्रसव) से बेटी हुई थी।
इस बार उसे बेटा होने की उम्मीद थी। इसलिए नौ महीने तक काफी तकलीफें उठाई। इस बार भी प्रसव सीजेरियन ही हुआ। डॉक्टर ने कह दिया था कि दो बार से ज्यादा सीजेरियन प्रसव नहीं करा सकते। इस कारण वह दूसरी बेटी होने से निराश थी। बेटा होने की उम्मीद भी टूट गई थी। अब वह बेटे को जन्म नहीं दे सकती थी।
रात-दिन उसे यही चिंता सताती थी। इसी उधेड़बुन में उसका दिमाग खराब हो गया और उसने बेटी को पानी के होद में फेंक दिया। होद पर ढक्कन लगा दिया। दो मिनट बाद ही उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और दौड़कर फिर से होद के पास पहुंची, लेकिन बेटी डूब चुकी थी। इसलिए वह घबरा गई और ढक्कन लगाकर अंदर चली गईं।

पुलिस ने उससे सवाल किया कि बेटी को मारने की बजाय पालना गृह में छोड़ देती, तो निशा ने कहा कि उससे बड़ी गलती हो गई। बेटी को मारने के मामले में गिरफ्तार निशा सोमवार को अपनी करतूत पर शर्मिंदा नजर आई। अपनी सास फूली देवी व बहन आशा के साथ थाने में निशा उर्फ आचकी गुमुसुम व उदास नजर आई। निशा की सास फूली देवी ने बताया कि काश बहू मेरे को ही बता देती तो कम से कम यह दिन तो नहीं देखना पड़ता। बच्ची को वह खुद ही पाल लेती। पुलिस की मौजूदगी में वह बार-बार एक ही रट लगाए रही कि उससे गलती हो गई। बेटा पाने की उसकी उम्मीदें टूट जाने से वह तनाव में रहने लगी थी। 17 दिन की बेटी को पानी की होद में डुबोकर मारने वाली वार्ड 53 निवासी निशा उर्फ आचकी का पुलिस ने दोपहर में मेडिकल चैकअप कराया। शाम चार बजे निशा को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
इस मामले में कोतवाल नारायण सिंह कविया ने मौका मुआयना कर नक्शा बनाया। एफएसएल व एमओबी टीमों ने भी निशा के घर पहुंचकर घटना स्थल से साक्ष्य उठाए।
दो बार से ज्यादा सीजेरियन डिलीवरी नहीं हो सकती, यह सिर्फ भ्रांति है। यदि कोई दंपती तीसरी संतान चाहें तो तीसरी बार भी सीजेरियन कराया जा सकता है। लेकिन रिस्क रहता है। इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि दो बार सीजेरियन हो गया तो बाद में प्रसव से बचना चाहिए। मतलब यह नहीं है कि तीसरी बार बच्चे को जन्म दे ही नहीं सकती। – पुष्पा रावत, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ
निशा से पूछताछ जारी
घटना के समय परिवार के अन्य सदस्य लावणी करने खेतों पर गए थे। ससुर जब खेत पर गया तो आगे से गेट के कुंदा लगाकर गया था। घर पर मां, बेटी व ढाई साल की एक बालिका थी। दीवार इतनी ऊंची है कि कोई उसे आसानी से नहीं फांद सकता। ऐसे में शक होने पर महिला से पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। अपराध करना स्वीकार कर लिया। अभी तक महिला निशा के अलावा परिवार के किसी अन्य सदस्य की भूमिका सामने नहीं आई है। निशा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। उल्लेखनीय है कि 16 मार्च को शहर के वार्ड 53 नयाबास निवासी 17 दिन की मासूम सोनिया को उसकी मां निशा ने घर में बने पानी के होद में डुबोकर मार दिया था। – कोतवाली थाना प्रभारी नारायणसिंह कविया