सड़क चौड़ीकरण में मनमानी पर हाईकोर्ट सख्त:बिना मुआवजा दिए मकान तोड़ने पर रोक, पीडब्ल्यूडी सचिव को 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने के आदेश
सड़क चौड़ीकरण में मनमानी पर हाईकोर्ट सख्त:बिना मुआवजा दिए मकान तोड़ने पर रोक, पीडब्ल्यूडी सचिव को 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने के आदेश
उदयपुरवाटी : राजस्थान हाईकोर्ट ने एनएच-52 से उदयपुरिया मोड़ तक सड़क चौड़ीकरण के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बिना मुआवजा दिए मकान तोड़ने पर रोक लगा दी है। पीडब्ल्यूडी ने इस सड़क के चौड़ीकरण के लिए 19.36 करोड़ रुपए की परियोजना शुरू की थी। ग्राम पंचायत रानोली ने सड़क के दोनों तरफ पांच-पांच मीटर जमीन खाली करने के आदेश दिए थे। इससे कई कच्चे-पक्के मकान प्रभावित हो रहे थे।
झाबरमल और केशरदेव ने एडवोकेट इंद्रराज सैनी व निखिल सैनी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी को सिर्फ 7 मीटर चौड़ी सड़क बनानी थी। लेकिन ग्राम पंचायत और पंचायत समिति मनमाने तरीके से घरों और दुकानों को तोड़ना चाहती है। जज सुदेश बंसल ने पीडब्ल्यूडी के जवाब से असंतुष्ट होकर विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादियों की कार्रवाई स्वीकार्य नहीं है। अधिकारियों को 15 दिन में मौके का निरीक्षण कर तथ्यात्मक रिपोर्ट और मुआवजे का प्रस्ताव पेश करने के निर्देश दिए हैं।
याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने तर्क दिया कि कानूनी प्रक्रिया के तहत उचित मुआवजा देकर ही जमीन का अधिग्रहण किया जा सकता है। कोर्ट ने अगली सुनवाई तक लोगों के मकान नहीं तोड़ने के आदेश दिए हैं।