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महिला सशक्तिकरण की कड़ी में बगड़ मोनिका आल्हा की बिनौरी निकाल दिया संदेश


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महिला सशक्तिकरण की कड़ी में बगड़ मोनिका आल्हा की बिनौरी निकाल दिया संदेश

महिला सशक्तिकरण की कड़ी में बगड़ मोनिका आल्हा की बिनौरी निकाल दिया संदेश

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले के बगड़ कस्बे के वार्ड नंबर 11 स्थित जोगेंद्र निवास में महेंद्र सिंह आल्हा ने अपनी बेटी मोनिका के लिए एक विशेष बिनौरी निकाली, जो महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनी। महेंद्र सिंह आल्हा ने पुरानी परंपराओं को दरकिनार करते हुए यह संदेश दिया कि बेटी और बेटे में कोई फर्क नहीं है। सामान्यत: लड़कों को घोड़ी पर बैठाकर बिंदोरी निकाली जाती है, लेकिन महेंद्र सिंह आल्हा ने अपनी बेटी मोनिका को दूल्हे की तरह घोड़ी पर बैठाया। मोनिका आल्हा को साफा पहनाया गया और सजी-धजी मोनिका घोड़ी पर बैठी, जिससे हर किसी के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। बगड़ के जोगेंद्र निवास चौक में इस बिंदोरी के दौरान परिजनों ने डीजे पर ठुमके लगाए और पूरे माहौल को उत्साह से भर दिया। मोनिका आल्हा के भाई, भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष विकास आल्हा ने कहा कि, “लड़का घर को संवारता है, लेकिन लड़कियां दो दो घरों को संवारती हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि इस पहल का उद्देश्य यह बताना है कि बेटियां बेटों से कम नहीं हैं। वे चाहते हैं कि समाज में बेटियों को प्रोत्साहित किया जाए और बराबरी का दर्जा दिया जाए। राजस्थान में लिंगानुपात में बेटियों की कमी से उबरने के लिए सरकारी स्तर पर कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सामाजिक स्तर पर जब तक बेटियों और बेटों को समान दर्जा नहीं मिलेगा, तब तक सरकार की योजनाएं पूरी नहीं हो पाएंगी। मोनिका आल्हा की बिंदोरी जैसी पहल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रभावी साबित हो सकती है। इस बिंदोरी के दौरान आल्हा परिवार के आशाराम आल्हा, गुलझारी आल्हा, राहुल, विशाल, देवेंद्र, विजय शुभकरण, आकाश आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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