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पिलानी में 5 नई ग्राम पंचायतों की मांग:20 जनवरी से शुरू होगी पुनर्गठन का काम, 21 मार्च तक कर सकेंगे आपत्ति


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पिलानी में 5 नई ग्राम पंचायतों की मांग:20 जनवरी से शुरू होगी पुनर्गठन का काम, 21 मार्च तक कर सकेंगे आपत्ति

पिलानी में 5 नई ग्राम पंचायतों की मांग:20 जनवरी से शुरू होगी पुनर्गठन का काम, 21 मार्च तक कर सकेंगे आपत्ति

पिलानी : राजस्थान सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन की महत्वपूर्ण प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कार्य 20 जनवरी से 15 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें नई ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों का गठन किया जाएगा। इस बार सरकार ने नई पंचायतों के गठन के लिए जनसंख्या और दूरी के पुराने मापदंडों में विशेष छूट प्रदान की है।

प्रक्रिया के तहत जिला कलेक्टर 20 जनवरी से 18 फरवरी तक नई ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के प्रस्ताव तैयार करेंगे। इसके बाद 20 फरवरी से 21 मार्च तक जनता से आपत्तियां मांगी जाएंगी।

पिलानी क्षेत्र में इस पुनर्गठन को लेकर विशेष सरगर्मी देखी जा रही है। यहां 5 नई ग्राम पंचायतों की मांग उठ रही है। वर्तमान में पिलानी पंचायत समिति के अंतर्गत 24 ग्राम पंचायतें आती हैं। पिलानी पंचायत समिति की स्थापना 2019 में हुई थी, जब चिड़ावा और सूरजगढ़ क्षेत्र की कुछ ग्राम पंचायतों को अलग कर नई पंचायत समिति का गठन किया गया था।

स्थानीय लोगों की मुख्य समस्या यह है कि उन्हें कई तरह की राजनीतिक व प्रशासनिक असुविधाओं का सामना करना पड़ता है, जिसको देखते हुए ग्रामीण लगातार नई पंचायतों की मांग को लेकर ज्ञापन सौंप रहे हैं।

पिलानी पंचायत समिति क्षेत्र के लाडून्दा, बिजोली, छापड़ा, जखोड़ा और बनगोठड़ी खुर्द को ग्राम पंचायत बनाए जाने की मांग यहां के ग्रामवासी कर रहे हैं। अब आपको बताते हैं कि नई ग्राम पंचायतों की मांग कर रहे लोगों का क्या कहना है।

1.लाडून्दा

ग्राम पंचायत बनाने के लिए लाडून्दा के ग्रामीणों ने तहसीलदार, उपखण्ड अधिकारी और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे हैं। सोमवीर छाब्बा ने बताया कि पंचायत समिति पिलानी के अन्तर्गत आने वाली समस्त ग्राम पंचायतों में लाडून्दा सबसे बड़ा राजस्व ग्राम है। जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार लाडून्दा की जनसंख्या 3108 थी, जो अब वर्ष 2025 तक बढकर लगभग 5000 के आस-पास हो चुकी है। गांव का भौगोलिक क्षेत्रफल 1189.39 हेक्टेयर है। वर्तमान में गांव में उप स्वास्थ्य केन्द्र, डाकघर, वाटर फिल्टर प्लांट, रा.प्र. संस्कृत विद्यालय, रा.उ.मा. विद्यालय तथा गैर सरकारी विद्यालय, पशु चिकित्सालय, दो आंगनबाड़ी संचालित हैं और राजकीय भवन भी बना हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान में ग्राम लाडून्दा हर उस मानक को पूर्ण करता है, जो एक ग्राम पंचायत में होना आवश्यक है।

2.छापड़ा

बनगोठड़ी कलां ग्राम पंचायत का सबसे बड़ा गांव छापड़ा है। छापड़ा ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष दीपचंद लखवान, वार्ड पंच रतनलाल और दवा व्यवसायी समुंदर सिंह शेखावत ने बताया कि गांव की आबादी वर्तमान में 5000 है। मौजूदा ग्राम पंचायत से दूरी 5 किलोमीटर है। गांव में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय है जिसमें तीनों संकाय हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालय है, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। ग्राम पंचायत के लिए जरूरी समस्त बुनियादी सुविधाएं गांव में मौजूद हैं।

3.जखोड़ा

जखोड़ा ग्राम चिड़‌ावा-मण्ड्रेला मुख्य सड़क मार्ग पर स्थित है। गांव के लीलाधर अवाना ने बताया कि गांव में पोस्ट ऑफिस, सभी संकाय युक्त राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, सामुदायिक अस्पताल, बीएसएनल का भवन, 32 केवी ग्रिड सब स्टेशन, सहकारी मिनी बैंक, सहकारी गोदाम, किसान सेवा केन्द्र व गोदाम तथा ग्राम सेवक भवन व क्वार्टर पहले से उपलब्ध हैं। जखोड़ा, भवानीपुरा, भैरुगढ व मैनपुरा को मिला कर ग्राम पंचायत बनाई जा सकती है। सभी चारों गाँव 2 किमी के कैचमेंट एरिया में डामर सड़क मार्ग से जुड़े हुए हैं। विकास कार्य के लिए पर्याप्त भूमि भी है। ग्राम पंचायत बनाने के लिए विभिन्न स्तर पर ज्ञापन दिये गए हैं।

4.बनगोठड़ी खुर्द

बनगोठड़ी खुर्द गांव ग्राम पंचायत बनगोठड़ी कलां में शामिल है। यहां के संजय बांगड़वा, पवन पूनिया व विरेन्द्र सिंह पूनिया ने बताया कि दोनों ही गांवों की सीमा आपस में जुड़ी हुई है। जनसंख्या की बात करें तो 2011 की जनगणना में बनगोठड़ी खुर्द की जनसंख्या 2840 थी, जो अब बढ़ कर 4800 से अधिक हो चुकी है। चुनाव में गांव में 3 हजार से अधिक वोट पोल हुए हैं। सभी बुनियादी सुविधाएं भी मौजूद हैं। यहां तक कि बनगोठड़ी कलां ग्राम पंचायत का अटल सेवा केन्द्र का भवन भी बनगोठड़ी खुर्द में बनाया गया है, लेकिन ग्रामवासियों का कहना है कि गांव के विकास के लिए जरूरी है कि अब बनगोठड़ी खुर्द को भी ग्राम पंचायत बनाया जाए।

5.बिजौली

ग्राम पंचायत बनाने की सबसे पुरानी मांग बिजौली गांव की है। पिलानी पंचायत समिति के अस्तित्व में आने पर दोबड़ा को ग्राम पंचायत बनाया गया था। इसके लिए सूरजगढ़ पंचायत समिति की ग्राम पंचायत फरट से हटा कर राजस्व ग्राम बिजौली, बास बिजौली, अमरसिंहपुरा को नई बनी दोबड़ा ग्राम पंचायत से जोड़ा गया था। बिजौली गांव के विजय सिंह ने बताया कि राजनीतिक कारणों से बिजौली को फरट से हटाया गया था। विजय सिंह ने बताया कि बिजौली, अमरसिंहपुरा तथा बास बिजौली की भौगोलिक स्थिति क्षेत्रफल व आबादी के दृष्टिकोण से देखें तो वर्तमान में ग्राम पंचायत नवसृजन के लिये हर मानक को पूर्ण करते हैं। ये तीनों ही गांव एक किलोमीटर की परिधि में स्थित हैं जो कि तहसील सूरजगढ़ के अधीन आते हैं तथा पुलिस थाना भी सूरजगढ़ ही लगता है। सूरजगढ़ से इनकी दूरी मात्र छः किलोमीटर है। दोबड़ा ग्राम पंचायत में आने के बाद यहां के लोगों को पंचायत समिति से संबंधित कार्यों के लिए पिलानी जाना पड़ता है, जिसकी दूरी 25 किमी है। गांव में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, उप स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी केन्द्र, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्र, पावर हाउस, राज्य स्तरीय खेल मैदान तथा गैर सरकारी विद्यालय, पशु चिकित्सालय भी संचालित हैं। यहां के लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायत के पुनर्सीमांकन के बाद से ही दोबड़ा के अलावा उनके गांव का नाम पोर्टल पर नहीं दिखाया जाता, जिसके चलते किसी भी सरकारी योजना का लाभ यहां के लोगों को नहीं मिलता। यहां तक कि गांव की छात्राओं को भी सरकार की स्कूटी योजना का लाभ पिछले 5 साल से नहीं मिला।

बिजौली के ग्रामीण नई ग्राम पंचायत सृजित किए जाने की ही मांग नहीं कर रहे, बल्कि उनकी मांग है कि उनकी पंचायत को पंचायत समिति पिलानी से हटाकर पंचायत समिति सूरजगढ़ में सम्मिलित किया जाए। ग्रामवासी इसके लिए निरंतर संघर्षरत हैं और कई बार इसके लिए अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जा चुका है।

2011 की जनगणना रहेगी आधार
राजस्थान में बनने वाली नई ग्राम पंचायत और पंचायत समितियां के लिए जनसंख्या का आधार 2011 की जनगणना ही रहेगी। सामान्य इलाकों में ग्राम पंचायत के पुनर्गठन और नई ग्राम पंचायत बनाने के लिए कम से कम 3000 की जनसंख्या की सीमा रखी गई है। अधिकतम 5500 की जनसंख्या सीमा रहेगी। बता दें नई ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के लिए कलेक्टर 20 जनवरी से 18 फरवरी तक प्रस्ताव तैयार करेंगे। पुनर्गठन करने के बारे में 20 फरवरी से लेकर 21 मार्च तक आपत्तियां मांगी जाएगी।

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