डीडवाना-कुचामन : प्रसव पीड़ा में तड़पती महिला का ANM ने इलाज नहीं किया तो सड़क पर ही डिलीवरी हो गई। डिलीवरी के बाद लकड़ी से नाल को काटना पड़ा। मामला डीडवाना-कुचामन जिले के लाडनूं कस्बे में सींवा गांव के उपस्वास्थ्य केंद्र का बुधवार रात 12 बजे का है। डिलीवरी के बाद परिजन मां और बच्चे को लाडनूं के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां से उन्हें डीडवाना के बांगड़ अस्पताल रेफर कर दिया। मां और नवजात, दोनों स्वस्थ हैं। गुरुवार को अस्पताल से दोनों को छुट्टी दे दी गई। परिजनों का आरोप है कि घुमंतू जाति का होने के कारण स्वास्थ्यकर्मी ने इलाज नहीं किया। उन्होंने इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को शिकायत भी दी है।
एएनएम ने हॉस्पिटल का गेट तक नहीं खोला
पिता महेंद्र ने बताया कि सींवा गांव निवासी मेरी बेटी कानूड़ी (25) पत्नी जयपाल को बुधवार देर रात प्रसव पीड़ा हुई। परिजन कानूड़ी को सींवा उपस्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जहां पर ताला लगा हुआ था। पास के मकान में एएनएम परमजीत कौर के होने की जानकारी मिली। परिजन उससे मदद मांगने पहुंचे तो उसने आने से इनकार कर दिया।
कानूड़ी प्रसव पीड़ा में तड़पती रही, लेकिन एएनएम ने हॉस्पिटल का गेट तक नहीं खोला। इसके बाद उपस्वास्थ्य केंद्र के बाहर ही सड़क पर कानूड़ी की डिलीवरी हो गई। डिलीवरी के बाद ग्रामीणों की मदद से मां-बच्चे को एंबुलेंस के जरिए लाडनूं के सरकारी अस्पताल लेकर गए।
लाडनूं अस्पताल के चिकित्साकर्मियों ने इलाज करने के बजाय डीडवाना जिला अस्पताल रेफर कर दिया। सुबह 4:30 बजे परिजन मां-बच्चे को लेकर डीडवाना के बांगड़ जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उसे भर्ती किया गया। इलाज के बाद मां-बच्चे को छुट्टी दे दी गई।
BCMO बाेले- मामले में कार्रवाई करेंगे
ब्लॉक चीफ मेडिकल ऑफिसर (BCMO) शक्ति सिंह ने बताया- ग्रामीणों के कहने पर मैं मौके पर जाकर देखकर आया था। मां और बच्चा, दोनों स्वस्थ हैं। एएनएम परमजीत कौर के पति नहीं होने के कारण वह दूसरे के घर जाकर सो रही थी। रात करीब 1 बजे परिजन प्रसूता को लेकर आए थे। इसके बाद प्रसूता को 108 एंबुलेंस से डीडवाना रेफर कर दिया था। मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जा चुकी है। उन्होंने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।