नीमकानाथा जिला रद्द होने पर उदयपुरवाटी में बंटी मिठाई:बोले- एक साल बाद हमारा गौरव वापस मिला, झुंझुनूं जिले से बाहर होने पर शहरवासी थे दुखी
नीमकानाथा जिला रद्द होने पर उदयपुरवाटी में बंटी मिठाई:बोले- एक साल बाद हमारा गौरव वापस मिला, झुंझुनूं जिले से बाहर होने पर शहरवासी थे दुखी

उदयपुरवाटी : कैबीनेट की बैठक में शनिवार को नीमकाथाना जिले को वापस निरस्त करने के निर्णय पर उदयपुरवाटी में पांच बत्ती के नजदीक लोगों ने मिठाई बांटकर और पटाखे फोड़कर खुशी मनाई। लोगों को नीमकाथाना जिले के निरस्तीकरण से ज्यादा खुशी झुंझुनूं जिले में वापस शामिल होने की थी।
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा केबीनेट की बैठक में नीमकाथाना जिले को निरस्त करने के निर्णय के बाद उदयपुरवाटी के लोगों ने खुशी जाहिर की। शहर के लोग पांच बत्ती के नजदीक एकत्रित हुए और सरकार के इस निर्णय पर मिठाई बांटकर और पटाखे फोड़कर अपनी खुशी का इज़हार किया।

पार्षद पिंटू स्वामी ने कहा कि नीमकाथाना जिले के निरस्त होने की खबर से अपार खुशी हुई है। उन्होंने कहा कि सैनिकों के जिले में बने रहना हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है और हमें खुशी है कि एक साल बाद हमारा गौरव वापस मिला है।
पार्षद संदीप सोनी ने कहा कि झुंझुनूं जिले के हर कोने में देशभक्ति की भावना बसी हुई है, और जिले में वापस शामिल होने पर वे अपने आप को भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। भाजपा नेता नितेश सैनी ने कहा कि झुंझुनूं जिले में हर जगह शहीदों की छांव मिलती है और शहीदों के दर्शन मात्र से पुण्य मिलता है।
यूथ कांग्रेस के राहुल चेजारा ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा शहीद देने वाले जिले के झुंझुनूं में वापस शामिल होने पर उन्हें बेहद खुशी है। ऐसा महसूस हो रहा है जैसे खोया हुआ बहुमूल्य सामान वापस मिल गया हो।
खुशी प्रकट करने वालों में पार्षद शिवदयाल स्वामी, हरिप्रसाद शर्मा, राहुल ओला, पिंटू शेखावत, पवन शाह, सुभाष शर्मा, कृष्णकांत सोनी आदि मौजूद थे। लोगों ने “नीमकाथाना बाय-बाय” के नारे लगाकर अपनी खुशी का इज़हार किया।
इनका कहना हैं
कुछ जिले ऐसे थे जो जिला बनने के मापदंड पूरे नही कर रहे थे। लेकिन नीमकाथाना जिला बनने के लिए वर्षो से यहां की जनता की मांग थी। नीमकाथाना जिला बनने के मापदंड पूरे कर रहा था। नीमकाथाना पाटन सहित कई इलाकों की दूरी सीकर से करीब 100 किलोमीटर हैं। हम इसे सरकार का नाकारात्मक फैसला कहेंगे।
राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, पूर्व मंत्री, राजस्थान।
नीमकाथाना जिले में उदयपुरवाटी को शामिल करने से काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। वर्तमान सरकार ने जो फैसला लिया है वह उदयपुरवाटी की जनता के लिए सराहनीय है। हम झुंझुनूं जिले में रहना चाहते है।
गिदाराम सैनी, पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष, उदयपुरवाटी।
उदयपुरवाटी के पहाड़ी इलाके के गांवों की दूरी झुंझुनूं से करीब 80 किलोमीटर पड़ती है। इन गांवों का लगाव झुंझुनूं की बजाय नीमकाथाना से ज्यादा है। नीमकाथाना जिला बनाना कांग्रेस सरकार का सही फैसला था। और नीमकाथाना हटाना भाजपा सरकार का गलत फैसला है। पहाड़ी क्षेत्र के लोगों के विकास में अब फिर से वही बाधा आएगी।
भगवानाराम सैनी, विधायक, उदयपुरवाटी।
कांग्रेस सरकार ने छोटे-छोटे जिले बनाकर विकास की सोच को आगे बढ़ाने का काम किया था। नीमकाथाना जिले को यथावत रखा जाएं।
विश्वेश्वरलाल सैनी, प्रतिपक्ष नेता, उदयपुरवाटी।
हम सरकार से यह मांग करते है कि उदयपुरवाटी नगरपालिका सहित आस-पास के गांवों के सर्वोगीण विकास में कोई कमी नही आनी चाहीए। लोगों को किसी प्रकार की असुविधा नही होनी चाहिए।
रामनिवास सैनी, चेयरमैन, न.पा, उदयपुरवाटी।
प्रदेश सरकार ने नीमकाथाना जिला निरस्त करके सराहनीय काम किया है। हमें झुंझुनूं जिले में रहकर बड़ा गर्व महसूस हो रहा है।
रवि दाधीच, उदयपुरवाटी।
झुंझुनूं ही एक ऐसा जिला है जिसने पूरे देश में सबसे ज्यादा सैनिक दिए हैं, झुंझुनूं जिले का नाम लेने से हमे गौरव महसूस होता है।
संदीप सोनी, पार्षद, न.पा.
आमजन की समस्या बढ़ गई है। लोगो को अपने कागजात बनाने के लिए चक्कर नहीं काटने पड़े, इसके लिए सरकार को स्पेशल शिविर लगाकर कागज बनाने चाहिए। दिनेश ओलखा इंद्रपुरा
फिर से झुंझुनूं जिले में आकर उदयपुरवाटी क्षेत्र का विकास होगा। आम जनता को सरकारी कार्य करवाने में परेशानियां नही होगी।
इदरीश बारूदगर, उदयपुरवाटी।