नीमकाथाना जिला हटाने पर खेतड़ी संघर्ष समिति ने मिठाई बांटकर जताई खुशी
खेतड़ी को जिला बनाओ संघर्ष समिति ने बताई पहले मोर्चे पर जीत, किया था आंदोलन

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : विजेन्द्र शर्मा
खेतड़ी : खेतड़ी जिला बनाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में शनिवार को नीमकाथाना जिला हटाने पर संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने मिठाई बनाकर खुशी जताई। खेतड़ी जिला बनाओ संघर्ष समिति द्वारा खेतड़ी को जिला बनाने व खेतड़ी को जिला नहीं बनाया जाए तो खेतड़ी को झुंझुनू जिले में ही रखने की मांग को लेकर धरने प्रदर्शन किए गए थे।भजनलाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए शनिवार को शाहपुरा, नीमकाथाना, जोधपुर ग्रामीण, जयपुर ग्रामीण, सांचौर, दूदू, केकड़ी, गंगापुर सिटी, अनूपगढ़ जिले खत्म कर दिए। नीमकाथाना जिले को हटाए जाने पर कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि खेतड़ी जिला बनने के सभी मापदंड पूरे करता था लेकिन खेतड़ी की अनदेखी कर नीमकाथाना को जिला बनाया गया जिससे खेतड़ी वासियों में काफी रोष था।
झुंझुनूं से ही हो रहे थे कई विभागों के कार्य
राज्य सरकार ने नीमकाथाना जिला बना दिया था परन्तु इसके कई विभागों के कार्य आज तक झुंझुनूं से ही संचालित हो रहे थे। इनमें पंचायत राज विभाग के समस्त कार्य, न्यायालय के समस्त कार्य, राजस्व विभाग की जमाबंदी व चुनाव कार्यक्रम तथा शिक्षा विभाग का शाला दर्पण पोर्टल व समग्र शिक्षा अभियान कार्यक्रम भी झुंझुनूं से ही संचालित हो रहे हैं। चिकित्सा विभाग में संपूर्ण खेतड़ी तहसील में निशुल्क दवा सप्लाई भी झुंझुनू से ही हो रही है।
इनका कहना हैं
खेतड़ी के लोगों की इच्छा के विरुद्ध उन्हें नीमकाथाना जिले में शामिल कर दिया गया था। खेतड़ी के लोगों का यही कहना था कि खेतड़ी को जिला बनाओ। अन्यथा हमें झुंझुनू में रहने दिया जाए।
– कैलाश स्वामी ,सामाजिक कार्यकर्ता
खेतड़ी को जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले हमने 33 दिन तक उपखंड अधिकारी कार्यालय के सामने धरना दिया था। हमारी प्रमुख मांग यही थी कि या तो खेतड़ी को जिला बनाओ। अन्यथा हमें झुंझुनूं जिले में ही रहने दें। आज हमारी प्रथम सीढ़ी पर जीत दर्ज हुई है।
– दुर्गा प्रसाद सैनी,सदस्य खेतड़ी को जिला बनाओ संघर्ष समिति
खेतड़ी की जनता हमेशा नीमकाथाना को जिला बनाने के विरोध में रही। खेतड़ी की जनता की यही मांग थी कि या तो खेतड़ी को जिला बनाया जाए अन्यथा हमें झुंझुनूं जिले में ही रहने दिया जाए। इसके लिए हम लगातार संघर्ष भी कर रहे थे, हमें जबरदस्ती नीमकाथाना जिले में शामिल कर दिया गया था।
संजय कुमार सुरोलिया, एडवोकेट खेतड़ी
खेतड़ी तत्कालीन राजपूताना में जयपुर के बाद सबसे बड़ी रियासत थी झुंझुनू में कोटपूतली भी इसी के अधीनस्थ आते थे। हमने मांग रखी थी की खेतड़ी को जिला बनाओ अन्यथा हमें झुंझुनूं में रहने दो। आज हमारी इसमें मौलिक जीत हुई है
सत्यनारायण भार्गव,पूर्व पार्षद खेतड़ी
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर गोपाल राम सैनी, दुर्गा प्रसाद सैनी, चंदगीराम सैनी, विमल कुमार सैनी, गजानंद कुमावत, कैलाश स्वामी, सत्यनारायण भार्गव, डॉ सोमदत्त भगत, हरवेन्द्र चनानिया, संजय सुरोलिया, जुगल किशोर कुमावत,पवन कुमार शर्मा, भंवरलाल जयदिया, संजय सैनी, अशोक राजोरिया अभिषेक बेरवाल डालचंद चंचलानी राकेश मेहरा रमेश सैनी पूर्ण मल सैनी, रमेश सैनी, विजेंद्र सैनी ने कहा कि ठिकाना खेतड़ी के समय खेतड़ी तत्कालीन राजपूताना में जयपुर के बाद सबसे बड़ी रियासत थी। इसकी अवहेलना करते हुए खेतड़ी को जबरदस्ती नीमकाथाना जिले में शामिल कर दिया गया था। इसके लिए खेतड़ी के लोगों ने विरोध भी किया था और खेतड़ी को जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले 33 दिन उपखंड अधिकारी कार्यालय के सामने धरना भी दिया था। हमारी यही मांग थी कि खेतड़ी को जिला बनाओ या हमें वीर प्रसूता भूमि झुंझुनू जिले में ही रखा जाए। आज हमारी प्रथम मोर्चे पर जीत हुई है।