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आर्टिकल : सेना दिवस-आज है भारतीय सेना दिवस, जानें इस दिन का इतिहास और सेना की पांच प्रमुख उपलब्धियां


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आर्टिकल : सेना दिवस-आज है भारतीय सेना दिवस, जानें इस दिन का इतिहास और सेना की पांच प्रमुख उपलब्धियां

भारतीय सेना दिवस इस दिन को मनाने की शुरुआत क्यों हुई? 15 जनवरी को ही क्यों भारतीय सेना दिवस मनाते हैं? और  भारतीय सेना के गौरवपूर्ण इतिहास के बारे में सब कुछ जानें।

आर्टिकल : सेना दिवस-धार्मिक महत्व से आज यानी इस वर्ष 15 जनवरी का दिन महत्वपूर्ण है। आज देश मकर संक्रांति का पर्व मना रहा है। हालांकि भारत के लिए एक और खास मौका है। आज भारतीय सेना दिवस है। हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के इतिहास में गौरवपूर्ण मौका होता है। इस गौरव को बढ़ाने के लिए इस दिन सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों का सम्मान किया जाता है। आज देश 75वां भारतीय सेना दिवस मना रहा है। नई दिल्ली और सभी सेना मुख्यालयों में सैन्य परेड, सैन्य प्रदर्शियां और अन्य रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। देश की थल सेना की वीरता, शौर्य और कुर्बानियों को याद किया जा रहा है। भारतीय सेना दिवस इस दिन को मनाने की शुरुआत क्यों हुई? 15 जनवरी को ही क्यों भारतीय सेना दिवस मनाते हैं? और  भारतीय सेना के गौरवपूर्ण इतिहास के बारे में सब कुछ जानें।
भारतीय सेना दिवस 2023
सेना के पहले भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल?

जब देश अंग्रेजों के अधीन था, तभी भारतीय सेना का गठन हो गया था। उस समय सेना के वरिष्ठ अधिकारी ब्रिटिश हुआ करते थे। 1947 में देश की आजादी के बाद भी सेना के अध्यक्ष ब्रिटिश मूल के ही थे। हालांकि 1949 में आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर के जाने के बाद उनकी जगह एक भारतीय ने ली। लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सैन्य अधिकारी बने। देश के लिए यह मौका खास था और के एम करियप्पा भी।

केएम करियप्पा – फोटो : Social Media
कौन हैंं लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा

देश की सेना के पहले भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल के एम करिअप्पा थे। उनके नाम एक बड़ी उपलब्धि है कि भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध का नेतृत्व उन्होंने ही किया था और जीत हासिल की थी। बाद में उनका पद बढ़ा और वह फील्ड मार्शल बन गए। 1949 में जब फील्ड मार्शल करियप्पा को सेना प्रमुख बनाया गया तो भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। वर्ष 1953 में करियप्पा रिटायर हो गए थे। बाद में 1993 में 94 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उस समय तक करियप्पा के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हो चुकी थीं।

भारतीय सेना दिवस 2023
के एम करियप्पा की उपलब्धियां

1947 में भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ तो के एम करियप्पा ने ही भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। वहीं दूसरे विश्व युद्ध में भी करियप्पा शामिल हुए थे। बर्मा में जापानियों को शिकस्त देने के लिए के एम करियप्पा को ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर का सम्मान भी मिला था।

भारतीय सेना। – फोटो : एएनआई
15 जनवरी को क्यों होता है सेना दिवस

सवाल ये है कि 15 जनवरी को ही भारतीय सेना दिवस क्यों मनाते हैं। जवाब है कि देश के पहले भारतीय सेना प्रमुख फील्ड मार्शल केएम करियप्पा 15 जनवरी को ही इस पद पर आसीन हुए थे। यह दिन इतिहास में काफी महत्वपूर्ण रहा कि देश की सेना का नेतृत्व एक भारतीय के हाथों में पहुंचा। इसलिए हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा।

भारतीय सेना दिवस 2023

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