सीकर में नर्सिंग अधिकारी के बाथरूम में सोता मिला लेपर्ड:युवक को पंजा मारा, टीचर पर भी हमला; 6 घंटे तक दहशत में रहे 200 परिवार
सीकर में नर्सिंग अधिकारी के बाथरूम में सोता मिला लेपर्ड:युवक को पंजा मारा, टीचर पर भी हमला; 6 घंटे तक दहशत में रहे 200 परिवार

सीकर : राजस्थान में लेपर्ड के हमलों की संख्या हर साल बढ़ रही है। इस साल उदयपुर में लेपर्ड के हमलों में 8 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। करीब दो महीने तक आमखोर लेपर्ड का आतंक रहा। इस बीच अलवर, जयपुर, कोटा में भी लेपर्ड के हमलों की घटना सामने आईं।
अब सीकर में लेपर्ड के हमले से दहशत फैल गई है। गुरुवार को हई इस घटना में लेपर्ड एक युवक का हाथ चबा गया और करीब छह घंटे तक तीन-चार घरों में उत्पात मचाता रहा।
इसके बाद वो एक नर्सिंग अधिकारी के घर के बाथरूम में सो गया। जयपुर से पहुंची वन विभाग की टीम ने उसका रेस्क्यू किया। इसके बाद देर रात फिर से एरिया में एक और लेपर्ड के हमले की अफवाह भी फैली। इस कारण लोग रातभर पहरेदारी करते रहे।

200 परिवार दिनभर दशहत में रहे
सीकर के स्वामियों के ढाणी में लेपर्ड के मूवमेंट से गुरुवार को दिनभर 200 से ज्यादा परिवार दहशत में रहे। इस एरिया के 4 मकान में लेपर्ड ने सबसे ज्यादा उत्पात मचाया। इनमें एक सरकारी टीचर और एक और नर्सिंग अधिकारी का भी घर शामिल है।
नर्सिंग अधिकारी के घर के बाथरूम लेपर्ड करीब 4.30 घंटे तक रहा। इस बीच अधिकारी के मां-बाप घर की छत पर फंसे रहे। इससे पहले लेपर्ड एक मैकेनिक का हाथ चबा गया और एक गाय पर भी हमला किया। लेपर्ड के रेस्क्यू के बाद भी पूरे इलाके में दहशत का माहौल रहा।
उदयपुर वाली घटनाओं की चर्चा करते थे
स्वामियों की ढाणी में कार डेकोर की दुकान करने वाले गोविन्द सुईवाल कहते हैं- हमने उदयपुर के लेपर्ड की खूब घटनाएं पढ़ी थीं। किसी का हाथ चबा गया तो किसी का सिर धड़ से अलग कर लिया। यहां इन्हीं घटनाओं को लेकर चर्चा चलती रहती थी। यहां आसपास के इलाके में घना जंगल है, लेकिन पता नहीं था कि कभी सुबह उठेंगे और ऐसे लेपर्ड का सामना करेंगे।
सरकारी टीचर पर खिड़की से झपटा था
सरकारी टीचर शारदा सुंडा कहती हैं कि श्यामपुरा के सरकारी स्कूल में टीचर हूं। सुबह 9:30 बजे स्कूल जाने के लिए तैयार हो गई थी और निकलने वाली थी। जैसे ही मैंने मकान का गेट खोला तो कुत्ते से बड़े आकर का जीव घर में घुसते देखा। घबरा कर मैंने घर के खिड़की दरवाजे बंद कर दिए और कुछ ही देर में पता चल चुका था कि मेरे घर में लेपर्ड घुसा है।
यह जानने की हिम्मत ही नहीं थी कि आखिर लेपर्ड गया या अभी भी मेरे घर में ही है। बाद में पता चला कि 1 घंटे तक मकान की सीढ़ियों के पास जाकर बैठ रहा। पड़ोसियों को घटना की सूचना दी। इसके बाद मकान के पीछे खाली मैदान में भाग। लेपर्ड के भागते समय सीढ़ियों से एक पत्थर भी नीचे गिरकर टूट गया।

नर्सिंग अधिकारी के बाथरूम में सो गया था लेपर्ड
नर्सिंगकर्मी जितेंद्र सुंडा के घर में ही लेपर्ड को ट्रैंकुलाइज किया गया था। उनकी मां प्रभाती देवी और पिता मदनलाल ही घर पर अकेले थे। उनकी मां प्रभाती देवी ने बताया- बेटा जितेंद्र एसके हॉस्पिटल जाने के लिए घर से 5 मिनट पहले निकला था।
इतने में पशुओं वाले टीन शेड के ऊपर से घर में एक लेपर्ड ने छलांग लगा दी। लेपर्ड को देखते ही हम लोगों ने खिड़की-दरवाजे बंद कर लिए। डर के मारे उसके पति मदनलाल ने खुद को कमरे के अंदर टॉयलेट में बंद कर लिया। इसके बाद बेटे को फोन कर घर वापस बुलाया। लेपर्ड घर के बाथरूम में जाकर बैठ गया और वहीं सो गया।
नर्सिंग अधिकारी के बाथरूम में सो गया था लेपर्ड
नर्सिंगकर्मी जितेंद्र सुंडा के घर में ही लेपर्ड को ट्रैंकुलाइज किया गया था। उनकी मां प्रभाती देवी और पिता मदनलाल ही घर पर अकेले थे। उनकी मां प्रभाती देवी ने बताया- बेटा जितेंद्र एसके हॉस्पिटल जाने के लिए घर से 5 मिनट पहले निकला था।
इतने में पशुओं वाले टीन शेड के ऊपर से घर में एक लेपर्ड ने छलांग लगा दी। लेपर्ड को देखते ही हम लोगों ने खिड़की-दरवाजे बंद कर लिए। डर के मारे उसके पति मदनलाल ने खुद को कमरे के अंदर टॉयलेट में बंद कर लिया। इसके बाद बेटे को फोन कर घर वापस बुलाया। लेपर्ड घर के बाथरूम में जाकर बैठ गया और वहीं सो गया।