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काजड़ा गांव में शहीद विनोद सिंह शेखावत पंचतत्व में विलीन, 10 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि


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काजड़ा गांव में शहीद विनोद सिंह शेखावत पंचतत्व में विलीन, 10 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

शहीद के बेटे-बेटियाें ने किया सेल्यूट, फिर बोले-पापा पर गर्व

सूरजगढ़ सेना में हवलदार विनोद सिंह शेखावत की मंगलवार को उनके पैतृक गांव काजड़ा में सैनिक सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। सुबह उनकी पार्थिव देह सूरजगढ़ पहुंची। जहां से तिरंगा यात्रा के साथ पार्थिव देह उनके गांव काजड़ा स्थित निवास पर ले जाई गई। रास्ते में जेसीबी से फूल बरसाए गए। जिला कलक्टर रामावतार मीणा ने दो पुष्प चक्र अर्पित किए। एक मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की तरफ से, दूसरा जिला प्रशासन की तरफ से। वहीं बेटी नैंसी और खुशी ने कहा कि हमारे पापा की शहादत पर गर्व है। वहीं 10 साल के बेटे राज्यवर्धन ने मुखाग्नि दी। गांव में गमगीन माहौल रहा। सेना के अधिकारियों व जिला कलक्टर ने दोनों बेटियों तथा पुत्र को शहीद की सेना की ड्रेस तथा तिरंगा भेंट किया । इससे पहले जब पार्थिव देह पहुंची और वीरांगना सुमन कंवर को अंतिम दर्शन के लिए लाया गया तो वीरांगना पार्थिव देह से लिपट कर रो पड़ी। यह देखकर सभी लोग भावुक हो गए। वहीं बेटियां भी जिला सैनिक कल्याण अधिकारी से लिपटकर अपने पिता को वापस लाने के लिए बिलख पड़ी।

शहीद हवलदार विनोद सिंह शेखावत

सर्विलांस ड्यूटी पर थे

सेना से आए अधिकारियों ने बताया कि 23 नवंबर को रात 11:40 बजे सर्विलांस ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ी थी। उन्हें इम्फाल (मणिपुर) स्थित शिजा हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट ले जाया गया था।

वहां रात करीब 2:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली थी। इसके बाद मंगलवार सुबह पार्थिव देह गांव पहुंची। इससे पहले सोमवार देर शाम को शहीद की पार्थिव देह जयपुर एयरपोर्ट पहुंची। जहां सेना की यूनिट ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद जयपुर स्थित आर्मी हॉस्पिटल ले जाया गया था। जयपुर स्थित आर्मी हॉस्पिटल से मंगलवार को सुबह 5:30 बजे सेना की टुकड़ी के साथ पार्थिव देह गांव काजड़ा के लिए रवाना हुई। करीब 10 बजे पार्थिव देह सूरजगढ़ और काजडा पहुंची।

युवाओं ने बाइक पर बैठकर निकाली तिरंगा यात्रा

शहीद विनोद सिंह शेखावत की पार्थिव देह पहुंचने पर चिड़ावा-लोहारू बाईपास स्थित काजड़ा चुंगी नाका पर बड़ी संख्या में युवा शहीद की अगवानी के लिए जुटे। बाइकों से तिरंगा यात्रा निकाली गई। काजड़ा के विनोद सिंह पुत्र जगमाल सिंह 2004 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। वे सेना की इन्फैंट्री बटालियन 2 महार रेजिमेंट में हवलदार के पद पर तैनात थे। जवान विनोद सिंह के चार भाई हैं। उनके एक बेटा और दो बेटी हैं। पत्नी सुमन कंवर बच्चों की पढ़ाई के कारण जयपुर में रहती है। शहीद विनोद सिंह शेखावत की बड़ी बेटी नैंसी 11वीं, छोटी बेटी खुशी 9वीं और बेटा राज्यवर्धन सिंह शेखावत छठी कक्षा में पढ़ता है। नैंसी ने काजड़ा से 10वीं कक्षा पास की थी, जिसके बाद जुलाई में तीनों बच्चे आगे की पढ़ाई के लिए जयपुर शिफ्ट हो गए थे। उनके साथ विनोद की पत्नी सुमन कंवर भी जयपुर ही शिफ्ट हो गईं। शहीद के माता-पिता का पहले ही निधन हो चुका है। गांव में विनोद सिंह के 4 भाई अपने परिवारों के साथ रहते थे। इस मौके पर भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं पूर्व सांसद संतोष अहलावत, एसपी शरद चौधरी, जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरी, विधायक श्रवण कुमार, सरपंच मंजू तंवर, पूर्व विधायक जेपी चंदेलिया, पूर्व चेयरमैन हीरालाल, जिला व्यापार संघ अध्यक्ष सेवाराम गुप्ता, छैलूराम भड़िया, मंजीत तंवर, पीओ ममता यादव, कर्नल बलराज पूनियां, नायब सूबेदार विक्रम सिंह शेखावत, सैनिक कल्याण बोर्ड ऑफिसर झुंझुनूं, कर्नल सुरेश जांगिड़ वेलफेयर ऑफिसर चिड़ावा जयकरण डांगी ने पुष्प चक्र अर्पित किए और कहा कि परिवार के साथ पूरा प्रशासन खड़ा है।

2004 में सेना में भर्ती हुए थे

  • काजड़ा (झुंझुनूं) के विनोद सिंह पुत्र जगमाल सिंह 2004 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे।
  • वे सेना की इन्फैंट्री बटालियन 2 महार रेजिमेंट में हवलदार के पद पर तैनात थे।
  • उनकी शहादत की खबर सुनते ही गांव में शोक की लहर छा गई।
  • जवान विनोद सिंह के चार भाई हैं। उनके एक बेटा और दो बेटी हैं।
  • पत्नी सुमन कंवर बच्चों की पढ़ाई के कारण जयपुर में रहती हैं।

तीन महीने पहले ही गए थे छुट्‌टी से

  • विनोद सिंह (शहीद) के छोटे भाई रूपसिंह शेखावत ने बताया कि वे छह महीने पहले जयपुर शिफ्ट हो गए थे।
  • करीब तीन महीने पहले परिवार से मिलकर वापस ड्यूटी पर गए थे।
  • वो (विनोद) अक्सर कहा करते थे कि देखना एक दिन तिरंगे मैं लिपटकर आऊंगा।
  • रूपसिंह ने भावुक होकर कहा कि देश के लिए कुर्बान होना बहुत बड़ी बात है। हमारा दुख इतना गहरा है कि शब्दों में बयां करना मुश्किल है।
  • दुख के साथ थोड़ी सी खुशी भी है कि उन्हें देश के लिए शहीद होने का सौभाग्य मिला। यह सम्मान हर किसी को नहीं मिलता।

फोटो में देखिए शहीद की अंतिम विदाई…

मंगलवार दोपहर सैन्य सम्मान के साथ शहीद विनोद सिंह शेखावत का अंतिम संस्कार पैतृक गांव सूरजगढ़ के काजड़ा (झुंझुनूं) में किया गया।
मंगलवार दोपहर सैन्य सम्मान के साथ शहीद विनोद सिंह शेखावत का अंतिम संस्कार पैतृक गांव सूरजगढ़ के काजड़ा (झुंझुनूं) में किया गया।
शहीद की पार्थिव देह को सूरजगढ़ (झुंझुनूं) के काजड़ा हॉस्पिटल के पीछे अंतिम संस्कार के लिए लाया गया है।
शहीद की पार्थिव देह को सूरजगढ़ (झुंझुनूं) के काजड़ा हॉस्पिटल के पीछे अंतिम संस्कार के लिए लाया गया है।
मंगलवार को शहीद के बच्चों ने पिता की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि और सलामी दी।
मंगलवार को शहीद के बच्चों ने पिता की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि और सलामी दी।
मंगलवार को पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंचने के बाद वीरांगना सुमन कंवर को बड़ी मुश्किल से संभाला गया। वीरांगना ने पार्थिव देह को काफी देर तक पकड़े रखा।
मंगलवार को पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंचने के बाद वीरांगना सुमन कंवर को बड़ी मुश्किल से संभाला गया। वीरांगना ने पार्थिव देह को काफी देर तक पकड़े रखा।
शहीद पिता के अंतिम दर्शन करते समय बड़ी बेटी नैंसी फफक पड़ी। उसे बड़ी मुश्किल से संभाला गया।
शहीद पिता के अंतिम दर्शन करते समय बड़ी बेटी नैंसी फफक पड़ी। उसे बड़ी मुश्किल से संभाला गया।
सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल सुरेश कुमार जांगिड़ के पहुंचते ही शहीद की दोनों बेटियां उनसे लिपटकर रोने लगीं।
सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल सुरेश कुमार जांगिड़ के पहुंचते ही शहीद की दोनों बेटियां उनसे लिपटकर रोने लगीं।
झुंझुनूं कलेक्टर रामावतार मीणा, SP शरद चौधरी और सूरजगढ़ विधायक श्रवण कुमार ने शहीद को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
झुंझुनूं कलेक्टर रामावतार मीणा, SP शरद चौधरी और सूरजगढ़ विधायक श्रवण कुमार ने शहीद को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
शहीद पिता की पार्थिव देह देखने के बाद छोटी बेटी खुशी का बुरा हाल हो गया था।
शहीद पिता की पार्थिव देह देखने के बाद छोटी बेटी खुशी का बुरा हाल हो गया था।
मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे शहीद की पार्थिव देह पैतृक गांव (सूरजगढ़ के काजड़ा) पहुंची थी।
मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे शहीद की पार्थिव देह पैतृक गांव (सूरजगढ़ के काजड़ा) पहुंची थी।
शहीद की बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल था। छोटी बेटी खुशी तो बस यही रट लगाए थी- मुझे मेरे पापा को दो।
शहीद की बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल था। छोटी बेटी खुशी तो बस यही रट लगाए थी- मुझे मेरे पापा को दो।
शहीद की पार्थिव देह के घर पहुंचने के साथ ही हर आंख नम हो गई। इस दौरान शहीद के बेटे राज्यवर्धन सिंह शेखावत को सरपंच मंजू तंवर ने संभाल रखा था।
शहीद की पार्थिव देह के घर पहुंचने के साथ ही हर आंख नम हो गई। इस दौरान शहीद के बेटे राज्यवर्धन सिंह शेखावत को सरपंच मंजू तंवर ने संभाल रखा था।
शहीद विनोद सिंह शेखावत की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। झुंझुनूं के कजाड़ा स्थित पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद विनोद सिंह शेखावत की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। झुंझुनूं के कजाड़ा स्थित पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया।
मंगलवार को शहीद जवान सिंह शेखावत की पार्थिव देह के सूरजगढ़ (झुंझुनूं) स्थित काजड़ा चुंगी पोस्ट पहुंचने पर लोगों ने श्रद्धांजलि दी।
मंगलवार को शहीद जवान सिंह शेखावत की पार्थिव देह के सूरजगढ़ (झुंझुनूं) स्थित काजड़ा चुंगी पोस्ट पहुंचने पर लोगों ने श्रद्धांजलि दी।

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