खेतड़ीनगर : केसीसी टाउनशिप में रहने वाले लीज धारक व लीज दुकानदारों के पास एक ऐसा मैसेज आया कि जिसको देख रातों की नींद उड़ गई। मामला केसीसी प्रशासन द्वारा नवंबर माह में केसीसी प्रोजेक्ट की आवासीय क्वाटरों में रहने वाले करीब 250 लीज धारकों के अप्रेल 2023 से नवंबर 2024 तक करीब पचास लाख रुपए का बकाया बिल भेज दिया। मंगलवार को पीड़ित लीज धारकों ने पत्र देकर केसीसी मैनेजमेंट के अधिकारियों से बिल में संशोधन करने की मांग की। जानकारी के अनुसार केसीसी प्रोजेक्ट ने टाउनशिप के आवासीय क्वार्टरों व दुकानों को लीज पर दे रखा है। जिनका बिल प्रत्येक माह मोबाईल के मार्फत भेजा जाता है। नवंबर माह में जब लीजधारकों के मोबाईल पर बिल का मैसेज आया। जिसमें करीब 250 लोगों का अप्रेल 2023 से बिल बकाया दिखाया गया। कई लीजधारकों ने बताया कि प्रत्येक माह बिल का पैसा ऑन लाईन कंपनी में जमा करवा रहे है। वहीं कई लीज धारकों ने कंपनी के कर्मचारी के मार्फत जमा करवाने की बात कही। लीजधारकों ने बताया कि अगर किसी माह जमा नहीं करवा पाते तो अगले माह में बकाया बिल जुड़कर आ जाता है। जबकी कंपनी अप्रेल 2023 से बकाया बिल बता रही है। उन्होंने बताया कि कंपनी का नियम है कि अगर बिल पहले से बकाया चल रहा था तो पहले वाले बिलों में एरियर जोड़ कर भेजा जाता है, लेकिन उक्त लीजधारकों को 18 माह में एक बार भी बकाया एरियर जोड़ कर नहीं भेजा गया। इस संबंध में कई लीजधारकों ने केसीसी प्रोजेक्ट में कार्य करने वाले कर्मचारी पर आरोप लगाया। केसीसी अधिकारियों को दिए गए पत्र में बताया कि एचसीएल के कर्मचारी को बिल के पैसे जमा करवाने को दिए थे। जानकारी के अनुसार सैंट्रल मार्केट की एक दुकानदार के करीब साढे तीन लाख रूपए, हैयर ड्रेसर दुकानदार के करीब एक लाख 26 हजार रूपए, सब्जी मंडी में करीब एक दुकानदार के 74 हजार, एक लाख नौ हजार, एक लाख 48 हजार, कईयो के पचास हजार से ऊपर के बिल बकाया सामने आए। अब सभी पीड़ित दुकानदार एचसीएल प्रशासन से दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे है।
केसीसी प्रशासन ने 18 माह बाद करीब 250 के बिलों में करीब पचास लाख रुपए का निकाला बकाया
30 नवंबर तक जमा करवाने होंगे बिल
केसीसी प्रशासन द्वारा दिए गए बिलों के भुगतान की अंतिम तिथि 30 नवंबर दी गई है। नियम के अनुसार अगर लगातार दो माह तक बिलों का भुगतान नहीं होता है तो उस आवासीय क्वार्टर या दुकान की बिजली और पानी सप्लाई कट कर दी जाएगी। अब पीड़ित दुकानदारों और क्वार्टर वासियों को नियमों की आड़ में प्रशासन द्वारा कार्रवाई करने का डर लग रहा है। इस घोटाले में कई लोग तो ऐसे है। जिनकी पूरे साल की आय एक माह के दिए बिलों की राशि से कम है।
पिछले माह मेरा 1200 रुपयों का बिल आया था। इस बार एक दम से बिल एक लाख 9 हजार का रुपयों का बिल दे दिया। मेरी केसीसी टाउनशिप में ज्यूस की दुकान है। मेरी दुकान में एक माह में बिजली की इतनी खपत भी नहीं है। मैंने एचसीएल को लिखित में भी प्राथना पत्र दिया है। मेरी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। हिमांशु, जूस दुकानदार
केस नंबर दो
मेरी केसीसी टाउनशिप के सेंट्रल मार्केट में सैलून की दुकान है। पिछले माह मेरा 2618 रुपयों का बिल आया था। इस माह मुझे 21 नवंबर को मैसेज आया कि आपका 126888 रुपयों का बिल है। पूर्व में किसी भी माह में एरियर जोड़ कर बिल नहीं आया है। इस बार एक साथ जोड़ कर दिया है। एचसीएल प्रशासन ने प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई करने की बात कही है।
-रविन्द्र कुमार, सैलून दुकान मालिक
व्यापार मंडल के कुछ सदस्य आए उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा नवंबर माह में जो बिल भेजे गए है। उनमें पिछले 18 माह का बकाया बिल दिखाया जा रहा है। मामले को संज्ञान में लेते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मामले की उचित जानकारी प्राप्त करे, साथ ही इस प्रकार के बिल किस कारण आएं है उसकी जांच करे।
-एस शिवदर्शी, केसीसी प्रोजेक्ट के उपमहाप्रबंधक (मानव संसाधन)
वहीं केसीसी प्रोजेक्ट के उपमहाप्रबंधक (मानव संसाधन) एस शिवदर्शी ने भी जांच के आदेश दे दिए है। उन्होंने बताया कि जो भी दोषी होगा कंपनी उस पर कार्रवाई करेगी। लीजधारकों की जो समस्या है उसका भी समाधान करेंगी। उन्होंने बताया कि ऑन लाईन पैमेंट सिस्टम है और जो अन्य इससे जुड़े हुए है उनमें कही पर कुछ गड़बड़ी हुई है जिसके कारण मामले की जांच की जा रही है। कहीं पर कमी मिली उसको सुधारा जाएगा। एस शिवदर्शी ने बताया कि कंपनी के कुछ कर्मचारियों को लीजधारकों ने बिल जमा करवाने के लिए पैसे दिए है। इस प्रकार की उन्हें शिकायत मिली है, उस शिकायत पर भी फोकस कर जांच करने की बात कही, अगर कंपनी का कोई भी कर्मचारी इस मामले में लिप्त पाया गया उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।