नीमकाथाना : सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर ने कहा कि हर संभाग मुख्यालय पर सैनिकों की अलग से आवासीय कॉलोनी बसाने के लिए सरकार तक आवाज पहुंचाने का काम करेंगे। करीब 50 करोड़ रुपए के खर्चे पर शेखावाटी में 1700 शहीदों की प्रतिमाएं लगाने वाले बाजौर ने कहा कि पहले युद्ध में शहीद होने पर परिजन सैनिक के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाते थे। लेकिन करगिल युद्ध से अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने शहीदों की शहादत को अमर बनाने की पहल की।
राजस्थान की सरकार ने भी नौकरी से वंचित 1999 से पहले के शहीदों के परिवारों को नौकरी देने का काम किया है। उन्होेंने शहीदों के सम्मान में शहीद सम्मान यात्रा निकाली। 19 महीने तक लगातार करीब एक लाख किलोमीटर यात्रा कर वे हर परिवार और शहीद के घर पहुंचे और उनकी समस्याएं सुनी। मौके पर उनका निस्तारण कराया। इस कार्य के लिए लिम्का बुक ऑफर रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि सैनिक परिवारों के प्रति हर व्यक्ति का धर्म बनता है। देश की सरहदों की चौकसी के लिए जिन्होंने जान दी, उनसे युवा पीढ़ी प्रेरणा ले सके इसलिए उन्होंने 1700 शहीदों की प्रतिमाएं तैयार कराई।
बाजौर ने कहा कि भाजपा की सरकार ने सत्ता में आते ही यमुना जल के लिए हरियाणा सरकार से एमओयू किया। डीपीआर बनाने की तैयारी चल रही है। इस प्रोजेक्ट से सीकर, नीमकाथाना, चूरू व झुंझुनूं जिले के लोगों को यमुना का पानी मिल सकेगा।