नीमकाथाना में नवंबर तक पूरा होगा 100 बेड के मातृ-शिशु अस्पताल के भवन का काम, मल्टीस्पेशलिटी सुविधा मिलेगी
नीमकाथाना में नवंबर तक पूरा होगा 100 बेड के मातृ-शिशु अस्पताल के भवन का काम, मल्टीस्पेशलिटी सुविधा मिलेगी

नीमकाथाना : जिला मुख्यालय पर करीब 125 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला 100 बेड का 3 मंजिला मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल का काम धीमी गति से चल रहा है। भवन का काम अब नवंबर अंत तक पूरा होने की संभावन है। अस्पताल भवन निर्माता कंपनी के प्रतिनिधि जितेंद्रसिंह राठौड़ ने बताया कि नवंबर अंत तक अस्पताल भवन की चाबी चिकित्सा विभाग को सौंप दी जाएगी। इसके बाद अस्पताल के उपकरण आदि लगाने का काम चिकित्सा विभाग का है। उनको लगाने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। फरवरी तक इसे शुरू किया जा सकता है।
फिलहाल अस्पताल भवन के चारों तरफ सड़क बनाने, फायर फाइटिंग सिस्टम और एयर कंडीशनर, सीवरेज के लिए अंडर ग्राउंड लाइनें डालने, फॉल सिलिंग आदि का काम चल रहा है। दिवाली तक काम पूरा हो चुका होता, मगर त्योहार पर लेबर घर जाने के कारण इसका काम कुछ दिन आगे सरक गया। इस भवन के आगे के तीन ब्लॉक तीन मंजिला और पीछे के दो ब्लॉक दो मंजिला हैं। ठेका फर्म ने अप्रैल शुरू में दावा किया था कि 3 महीने में अस्पताल भवन का निर्माण पूरा कर चिकित्सा विभाग को चाबी सुपुर्द कर दी जाएगी। जून के आखिरी सप्ताह या फिर जुलाई के पहले सप्ताह में आधुनिक सुविधाओं से युक्त जनाना अस्पताल भवन तैयार कर जुलाई-अगस्त तक मरीजों को शिफ्ट करने की उम्मीद थी, मगर निर्माण और बाकी कार्य वादे के मुताबिक पूरे नहीं हुए।
अस्पताल कैंपस में गार्डन, फव्वारे भी लगाए जाएंगे
फर्म को भुगतान नहीं होने से काम में हुई देरी अत्याधुनिक एमसीएच अस्पताल वातानुकूलित होगा। इसके कैंपस में गार्डन और फव्वारे भी लगाए जाएंगे। लेबर रूम और बाहर से आनेवाली गंभीर प्रसूताओं को वार्ड में शिफ्ट करने के लिए लिफ्ट की सुविधा होगी। वहीं आधुनिक मशीनों से युक्त ऑपरेशन थिएटर होगा। 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए जनरेटर भी लगेगा। साथ ही भवन में फायर फायटिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा।
अस्पताल तैयार होने से राजकीय कपिल जिला अस्पताल के आउटडोर में मरीजों की भीड़ कम होगी। मरीजों और उनके परिजनों के लिए अस्पताल कैंपस गार्डन से युक्त होगा। इस मे मरीजों को शुद्ध वातावरण भी मिलेगा। साथ ही गार्डन में अनेक प्रकार के पौधे भी लगाए जाएंगे। जिससे अस्पताल का वातावरण अनुकूल होगा।
ढाई साल से चल रहा निर्माण : अस्पताल का निर्माण ढाई साल से चल रहा है। 27 जनवरी 2022 को पूर्व कांग्रेस सरकार के कांग्रेस के पूर्व चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा ने शिलान्यास किया था। उस समय से लगातार निर्माण कार्य तेज गाति से चल रहा है। लेकिन कुछ महीनों से ठेकेदार का भुगतान नहीं होने से अस्पताल का काम रुक गया था।
उल्लेखनीय है कि भवन निर्माण में जितनी देरी हो रही है, उतना ही मातृ एवं शिशु चिकित्सा सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है, वहीं शहर के बीचों-बीच अति व्यस्त इलाके में स्थित जिला अस्पताल पर मरीजों का दबाव कम नहीं हो पा रहा। निर्माण के देरी की क ई वजह रही। इसमें समय पर ठेका फर्म को भुगतान ना होना भी बड़ी वजह रही। ठेका फर्म का करीब 6 महीने से भुगतान अटका रहा था, इसलिए बिल्डिंग का काम भी रुक गया था लेकिन फिर कलेक्टर शरद मेहरा के प्रयास से करीब 2 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ तो अस्पताल का निर्माण फिर से शुरू हुआ। एक कारण यह भी रहा कि इसी फर्म के पास भूदोली रोड पर जिला अस्पताल के भवन का निर्माण का ठेका भी है। वहां भी निर्माण कार्य साथ-साथ हो रहा है। बरसात को देखते हुए वहां निर्माण की स्पीड बढ़ानी जरूरी थी। मातृ एवं शिशु अस्पताल भवन निर्माण में लगी लेबर को जिला अस्पताल भवन निर्माण में लगाना पड़ा। फिलहाल जिला अस्पताल भवन की फाउंडेशन का काम पूरा हो चुका है। कालम कास्टिंग का काम चल रहा है।
शुरू होने बाद मिलेगी सुपर स्पेशियलिटी सुविधा : मातृ एवं शिशु अस्पताल शुरू होने के बाद नीमकाथाना और इसके आसपास लगती झुंझुनूं और हरियाणा सीमावर्ती गांवों के लिए मरीजों को अब सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सुविधाओं के लिए जयपुर और अन्य जगहों पर उपचार के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वर्तमान जिला अस्पताल में 24 घंटे में 20 से 25 प्रसव होते हैं। इनमें कई बार प्रसूता की हालत गंभीर होने पर जयपुर रेफर कर दिया जाता है।
एमसीएच शुरू होने के बाद यह दिक्कत नहीं आएगी। छावनी स्थित डाक बंगला की जगह 125 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जा रहे मातृ शिशु एवं स्वास्थ्य अस्पताल (एमसीएच) में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं होंगी। एक लाख 32 हजार 934 वर्ग फीट में आवंटित भूमि पर वातानुकूलित भवन बन रहा है।