राजस्थान में उपचुनाव के लिए कांग्रेस के सातों प्रत्याशी घोषित:6 कैंडिडेंट पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे; पत्नी को टिकट मिला, पति का बीजेपी से इस्तीफा
राजस्थान में उपचुनाव के लिए कांग्रेस के सातों प्रत्याशी घोषित:6 कैंडिडेंट पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे; पत्नी को टिकट मिला, पति का बीजेपी से इस्तीफा

जयपुर : राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस ने सातों सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इनमें से 6 कैंडिडेट पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने झुंझुनूं से वर्तमान सांसद के बेटे को मैदान में उतारा गया है।
वहीं, रामगढ़ विधानसभा सीट से आर्यन जुबेर को टिकट मिला है। वे पूर्व विधायक जुबेर खान के बेटे हैं। इधर खींवसर से रतन चौधरी के नाम की घोषणा के बाद उनके पति ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस ने सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर गठबंधन की चर्चाओं को खत्म कर दिया है।
करीब चार दिन पहले भाजपा भी उपचुनाव के लिए पहली लिस्ट जारी कर चुकी है। इसमें उसने 6 सीटों पर कैंडिडेट की घोषणा की थी। चौरासी सीट पर पार्टी ने प्रत्याशी अब तक घोषित नहीं किया है। वहीं, खींवसर से आरएलपी ने भी अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। जबकि उपचुनाव में नामांकन की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर है।

पत्नी को टिकट मिलते ही भाजपा से इस्तीफा खींवसर सीट पर कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी से गठबंधन नहीं करके खुद का उम्मीदवार उतार दिया है। खींवसर सीट से सवाई सिंह चौधरी की पत्नी रतन चौधरी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है।
सवाई सिंह पिछली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा में चले गए थे, लेकिन कांग्रेस ने उनकी पत्नी को उपचुनाव में टिकट दिया है। रतन चौधरी डॉक्टर रह चुकी हैं। भाजपा नेता सवाई सिंह चौधरी ने पत्नी रतन चौधरी को टिकट मिलते ही बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने देर रात ही इसकी घोषणा कर दी।
कांग्रेस ने भी खेला सहानुभूति कार्ड भाजपा ने सलूंबर से पूर्व विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी को कैंडिडेट बनाया है। तो कांग्रेस ने कांग्रेस ने रामगढ़ से दिवंगत विधायक जुबेर खान के बेटे आर्यन खान को टिकट देकर सहानुभूति कार्ड चला है।
दोनों ही सीट विधायकों के निधन के कारण खाली हुई हैं। अशोक गहलोत राज के समय भी हुए उप चुनाव के दौरान कांग्रेस ने दिवंगत विधायकों के परिवारों से ही टिकट दिए थे और उनमें से सभी जीते थे।
झुंझुनूं से सांसद बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला को टिकट दिया है। कांग्रेस ने रामगढ़ और झुंझुनूं सीटों सीटों पर नेताओं के परिवारों से ही टिकट दिए गए हैं।

ताराचंद भगोरा का टिकट काटा, रेश्मा का विरोध चौरासी सीट से महेश रोत को युवा चेहरे के तौर पर मौका दिया गया है। महेश रोत छात्र नेता रहे हैं, पहले NSUI और फिर यूथ कांग्रेस में रहे। इस सीट पर पिछली बार के उम्मीदवार और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ताराचंद भगोरा का टिकट काट दिया गया है।
सलूंबर से लगातार चुनाव हारे रघुवीर मीणा का उपचुनाव में टिकट काट दिया गया है। सलूंबर से 2018 में बागी होकर चुनाव लड़ी रेशमा मीणा को इस बार उम्मीदवार बनाया है, वे प्रधान भी रह चुकी हैं। इधर, सलूंबर से रेशमा मीणा के नाम का ऐलान होते ही पार्टी में विरोध शुरू हो गया है।
सराड़ा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष गणेश चौधरी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पत्र लिखकर इस्तीफा भेज दिया। इस्तीफे में लिखा कि जिसने पूर्व में रघुवीर सिंह मीणा को हराने का काम किया, उसी को पार्टी ने टिकट दिया है। ऐसे में हम पार्टी का साथ नहीं दे सकते।

जनरल सीट दौसा पर अब SC और ST उम्मीदवार आमने-सामने दौसा में डीसी बैरवा को नए चेहरे के तौर पर मौका दिया गया है। बीजेपी ने यहां से डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया है। इस सीट पर कांग्रेस ने एससी जबकि भाजपा ने ST उम्मीदवार उतारा है। दौसा की सीट जनरल है जबकि यहां एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। इसके चलते सामान्य वर्ग के वोटर्स का एक तबका नाराज है।
नरेश मीणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से बोले- सबको निपटा दूंगा
देवली-उनियारा सीट से कांग्रेस ने केसी मीणा को टिकट दिया है। इस सीट से दावेदारी पेश करने वाले नरेश मीणा ने टिकटों की घोषणा के पहले से ही बागी तेवर अपना लिए थे। बुधवार को उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नमोनारायण मीणा से मुलाकात की। नरेश मीणा ने नमोनारायण मीणा से मिलकर कहा- अंकल आप तो मुझे आशीर्वाद दीजिए, मैं सबको निपटा दूंगा।
उपचुनाव की 6 सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने
विधानसभा सीट | भाजपा प्रत्याशी | कांग्रेस प्रत्याशी |
झुंझुनूं | राजेंद्र भांबू | अमित ओला |
रामगढ़ | सुखवंत सिंह | आर्यन जुबेर खान |
दौसा | जगमोहन मीणा | डीडी बैरवा |
देवली-उनियारा | राजेंद्र गुर्जर | केसी मीणा |
खींवसर | रेवंत राम डांगा | रतन चौधरी |
सलूंबर | शांता देवी | रेशमा मीणा |
चौरासी | प्रत्याशी घोषित होना बाकी | महेश रोत |