जयपुर : हे भगवान! मरीज कराह रहे …और रेजिडेंट पूल पार्टी मना रहे हैं। रेजिडेंट की हड़ताल आमजन के दर्द को और बढ़ा रही है। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में वार्डों के बेड खाली पड़े हैं।
हालात ये हैं कि इलाज नहीं मिलने से मरीज परिसर में ही तड़प रहे हैं। ओपीडी के आंकड़े आधे हो गए हैं। सामान्य दिनों में 8000 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन मंगलवार को 4500 से भी कम पहुंचे।
इसके बावजूद मरीजों की कतारें गेट तक पहुंच गईं। दो से तीन घंटे में नंबर आया। आईपीडी के आंकड़े तीन गुना तक गिर गए। एसएमएस में रोजाना 550 मरीज भर्ती होते हैं, लेकिन मंगलवार को 150 ही किए। करीब 600 सर्जरी को भी टाल दिया गया।
बता दें कि रेजिडेंट्स तीन दिन से स्टाइपेंड और वेतन बढ़ाने जैसी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। हमारे मीडिया कर्मी ने पड़ताल की तो स्टाइपेंड देश के कई राज्यों से अधिक निकला। ऐसे में रेजिडेंट की बिना वजह की हड़ताल पर सरकार मानेगी, इस पर संदेह है। वहीं, सीनियर डॉक्टर ओपीडी में मरीज देख रहे हैं।
सुबह नौ से दोपहर 12 बजे तक ही मरीजों की भीड़ दिखी, लेकिन बाद में कम हो गई। डॉक्टर्स ने बताया कि हड़ताल की सूचना के बाद से ही मरीजों की संख्या कम हुई है। हड़ताल कितनी सही? क्योंकि स्टाइपेंड तो एमपी से 25% तक पहले ही ज्यादा
राजस्थान में रेजिडेंट्स को मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, केरल सहित कई अन्य राज्यों से अधिक स्टाइपेंड मिलता है। साथ ही हॉस्टल में रहने और खाने की सुविधा भी अच्छी है।
इसके बावजूद हर बात में हड़ताल और मरीजों की परेशानी का फायदा उठाने वाले रेजिडेंट एक बार फिर से सरकार पर दबाव बना रहे हैं। इस समय वायरल, डेंगू और अन्य मौसमी बीमारियां चरम पर हैं। रोजाना सैकड़ों मरीज भी आ रहे हैं।
देखें – कहां कितना है स्टाइपेंड….
रेजिडेंट्स | राजस्थान | मध्यप्रदेश |
एमबीबीएस इंटर्न | 14000 | 13409 |
एमडी/एमएस-1 | 82800 | 72633 |
एमडी/एमएस-2 | 87975 | 74867 |
एमडी/एमडी-3 | 91425 | 77102 |
डीएम/एमसीएच-1 | 94875 | 73368 |
डीएम/एमसीएच-2 | 98325 | 73368 |
डीएम/एमसीएच-3 | 100050 | 73368 |
क्यों न हो ऐसे डॉक्टर्स पर कार्रवाई
- एसएमएस के रेजिडेंट्स की पूल पार्टी का वीडियो हमारे मीडिया कर्मी को मिला है। पड़ताल में सामने आया कि अधिकांश रेजिडेंट या तो घर जा चुके हैं या फिर जयपुर में छुट्टियां एंजॉय कर रहे हैं।
- रेजिडेंट्स का यह वीडियो रविवार का है। सवाल है कि रेजिडेंट्स अपनी मांगों को मनवाने के लिए मरीजों के दर्द को हथियार क्यों बना रहे हैं?
10 माह में रेजिडेंट्स की यह पांचवीं हड़ताल
रेजिडेंट्स की लगातार हो रही हड़ताल से सीनियर्स डॉक्टर्स में भी काफी गुस्सा है। वे बार-बार हड़ताल करने वाले रेजिडेंट्स पर कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं।
बीते 10 माह में हुई 5वीं बार हड़ताल से हार्ट्र, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी में ऑपरेशन की वेटिंग बढ़ गई है। अब मरीजों को 15 दिन तक के लिए इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। इससे कई मरीजों की जिंदगी पर भी खतरा मंडराने लगा है।
जयपुर के बड़े हॉस्पिटल्स में डेली मरीजों की संख्या
अस्पताल | हड़ताल में | सामान्य दिन |
एसएमएस | -4500/-150 | 8000+/550+ |
जेके लोन | -2000/-100 | 4000+/300+ |
महिला | -1000/-80 | 2200+/250+ |
जनाना | -900/-60 | 2000+/200+ |