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IIT खड़गपुर टीम की जांच रिपोर्ट:दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की गारंटी 10 साल, 1 साल में टूटने लगा, 3 बर्खास्त, अब सुधार रहे


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IIT खड़गपुर टीम की जांच रिपोर्ट:दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की गारंटी 10 साल, 1 साल में टूटने लगा, 3 बर्खास्त, अब सुधार रहे

IIT खड़गपुर टीम की जांच रिपोर्ट:दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की गारंटी 10 साल, 1 साल में टूटने लगा, 3 बर्खास्त, अब सुधार रहे

जयपुर : जिस दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता के दावे केंद्र सरकार की ओर से किए गए थे, वो धरातल पर फेल नजर आ रहे हैं। पहली बार 10 साल वारंटी में बनी सड़क सालभर में ही कई जगह से खराब होने लगी है। 373 किमी राजस्थान सीमा वाले एक्सप्रेस वे पर कई जगह ‘राइडिंग क्वालिटी’ खराब हो गई। कई जगह ट्रक के टायरों के ऊबड़-खाबड़ निशान (रटिंग) हो गए। इससे 100-120 किमी प्रति घंटा की स्पीड में गाड़ियों में कंपन होता है।

एनएचएआई ने भी यह बात मानी है। इसके बाद जगह-जगह रोड सरफेस को उखाड़ कर ठीक (मीलिंग) किया जा रहा है। काम में फर्मों की लापरवाही मानते हुए संंबंधित 3 फर्मों (मै. केसीसी बिल्डकॉन प्रा.लि., मै. गावर कंस्ट्रक्शन लि., मै. एचजी इन्फ्रा इंजीनियरिंग लि.) पर 50-50 लाख का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा दो कंसल्टेंसी फर्म ध्रुव एंड चैतन्य व आईसीटी फर्मों के टीम लीडर को बर्खास्त किया है। साथ ही साइट इंजीनियर हेमराज को भी हटाया है। जल्द ही खराब क्वालिटी वाले सरफेस को ठीक करने के निर्देश हैं।

एक्सप्रेस वे की गुणवत्ता और राइडिंग क्वालिटी की शिकायतें ऊपर तक पहुंचने के बाद आईआईटी खड़गपुर की टीम भी मौके से सैंपल लेकर गई है। संबंधित अफसरों की ओर से कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।

48 घंटे में मरम्मत करनी थी, कई दिन लगे

एनएचएआई ने इस प्रोजेक्ट में फर्मों को 10 साल का गारंटी पीरियड दिया है। ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट की गाइड लाइन बनी कि किसी तरह की परेशानी को संबंधित फर्म 48 घंटे के भीतर ठीक करेगी। हालांकि फर्में ऐसा करने में फेल रहीं। इसके पीछे वजह लगातार बरसात को बताया गया है। हालांकि सरफेस की क्वालिटी बिगड़ने को लेकर ज्यादा सवाल खड़े हुए हैं।

इंजीनियरों की जिम्मेदारी क्यों तय नहीं?

अभी तक एनएचएआई ने फर्म, कंसल्टेंट पर कार्रवाई की है। जुर्माना भी प्रोजेक्ट के लिहाज से नाममात्र का माना जा रहा है। मॉनिटरिंग में लगे इंजीनियरों की जिम्मेदारी तय नहीं की। सवाल इसलिए कि सबसे बड़े एक्सप्रेस वे से जुड़ा मसला है, जिसकी गुणवत्ता को लेकर खूब दावे किए गए थे, वहीं इतने कम समय में इसमें खामियां जगजाहिर हुईं। प्रोजेक्ट की खामियों को समय पर काम पूरा नहीं किया, इससे छवि खराब हुई।

जांच रिपोर्ट तय करेगी आगे की कार्रवाई: एनएचएआई

हमने संबंधित फर्मों आदि पर एक्शन लिया है। राइडिंग क्वालिटी को दुबारा मीलिंग करके ठीक कर रहे हैं। टीम सैंपल लेकर गई हैं, उसके बाद आगे की कार्रवाई करेंगे।” -डीके चतुर्वेदी, रीजनल ऑफिसर, एनएचएआई, राजस्थान

जहां कमी, वहां सुधार रहे हैं “बरसात के दिनों में जो तुरंत सुधार 48 घंटे में होना था, उसमें देरी हुई। फर्मों, साइट इंजीनियर, कंसल्टेंसी टीम लीडर पर कार्रवाई की है। जहां कमी है, पूरी लेयर हटाकर बना रहे हैं।” -बीएस यादव, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, दौसा

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