झुंझुनूं : जिले के राशन डीलरों को जून माह के बाद से राशन वितरण का कमीशन नहीं मिल पाया है। जिले के 725 राशन डीलरों के एक करोड़ रुपए ज्यादा की रकम बतौर कमीशन अटका हुआ है। कमीशन के लिए राशन डीलर खाद्य विभाग कार्यालय के चक्कर लगा रहे है, लेकिन उन्हें राहत नहीं दी जा रही।
राशन डीलरों का कहना है कि कमीशन का भुगतान नहीं होने से मुसीबत खड़ी हो गई है। घर चलाना मुश्किल हो गया है। आगे दिवाली का त्यौहार है, कमीशन नहीं मिलने से यह त्यौहार इनके लिए फीका साबित हो सकता है।
जिले में 3.17 परिवार चयनित झुंझुनूं जिले में करीब 3 लाख 17 हजार 796 परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत चयनित हैं। इन परिवारों में सदस्यों की संख्या 13 लाख 51 हजार 279 है। प्रत्येक सदस्य को हर माह पांच किलो गेहूं दिया जाता है। जिले भर में करीब 725 राशन डीलर हैं और इतनी ही दुकानें हैं। यह सब डीलर सिर्फ गेहूं के कमीशन से ही परिवार का पेट पालने का असफल प्रयास कर रहे हैं। राशन डीलर को एक क्विंटल गेहूं पर करीब सवा सौ रुपए कमीशन मिलता है। दस से बारह हजार रुपए कमीशन में दुकान का किराया, तौल में फर्क व छीजत, पोस मशीन का चार्ज, मजदूर का भुगतान भी शामिल है।
सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों फिर सरकारी स्तर पर राशन डीलरों को अतिरिक्त कमाई का झांसा दिया गया। सरकारी स्तर पर रसद विभाग अधिकारियों से कई बार ऐसे प्रस्ताव मांगे कि राशन की दुकानों की अतिरिक्त आय कैसे हो। प्रस्ताव भेजने के बाद भी कुछ नहीं हो पाया। पांच किलो तक का सिलेंडर, पशु आहार, दाल, ई-मित्र जैसी व्यवस्था कर राशन डीलरों की अतिरिक्त कमाई कराने की बात कही गई। घर के राशन का जरूरी सामान, राशन डीलरों को बैंक, फाइनेंस के पार्ट टाइम काम जैसे बहुत से प्रस्ताव बने और कागजी कार्रवाई तक भी पहुंचे पर बाद में इस बारे में चर्चा तक नहीं हुई।
पहले 15 हजार देने का वादा, फिर नहीं मिले
मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर अगस्त में राशन डीलरों ने विरोध प्रदर्शन किया था। जिसके बाद सरकार ने पंद्रह हजार देने का वादा किया था। लेकिन सरकार अब 15 हजार से भी हाथ खींच रही है। इसके अलावा दाल, पशु आहार, चाय पत्ती सहित अन्य सामग्री के बेचान पर भी चर्चा तो हुई पर निर्णय नहीं हुआ। बातचीत में राशन डीलरों ने स्वीकारा कि इस बारे में सरकार तक कई बार मांग उठा चुके हैं। हालात यह कि गेहूं का कमीशन नहीं बढ़ाया जा रहा। पोस मशीन खरीद के नाम पर हर राशन डीलर से प्रति क्विंटल गेहूं के कमीशन में से दस रुपए सरकारी कोष में जमा हो रहे हैं।
ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर फेडरेशन झुंझुनूं के जिलाध्यक्ष अनिल ने बताया- जून तक का गेहूं का कमीशन दिया जा चुका है। कमीशन का भुगतान नहीं करने के कारण उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। घर चलाना मुश्किल हो गया है।