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पुष्कर श्रीगुरुनानक साहिब गुरुद्वारे का भोग प्रसाद शुद्ध:केंद्र ने दिया सर्टिफिकेट, श्रीनिम्बार्क पीठ का भोग भी शुद्ध पाया


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पुष्कर श्रीगुरुनानक साहिब गुरुद्वारे का भोग प्रसाद शुद्ध:केंद्र ने दिया सर्टिफिकेट, श्रीनिम्बार्क पीठ का भोग भी शुद्ध पाया

पुष्कर श्रीगुरुनानक साहिब गुरुद्वारे का भोग प्रसाद शुद्ध:केंद्र ने दिया सर्टिफिकेट, श्रीनिम्बार्क पीठ का भोग भी शुद्ध पाया

अजमेर : पुष्कर गुरुद्वारे में बनने वाला हलवा प्रसाद भोग शुद्ध पाया गया है। केंद्र सरकार ने गुणवत्ता जांच के बाद प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। भारत सरकार की संस्था FSSAI के नवाचार भोग (ब्लिसफुल एंड हाइजनिक ऑफरिंग टू गॉड) के अंतर्गत पुष्कर स्थित गुरुद्वारा श्री गुरुनानक साहिब को जारी प्रमाण पत्र को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्सना रंगा ने गुरुद्वारा के मुख्य प्रग्रंथी बाबा सुखविंदर सिंह को सौंपा।

यह प्रमाण पत्र आगामी 2 साल के लिए मान्य होगा। खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुशील चोटवानी ने बताया कि भोग प्रमाण पत्र जारी करने से पहले FSSAI नई दिल्ली की टीम की ओर से गुरुद्वारा में प्री और पोस्ट ऑडिट की गई। जिसमें प्रसाद तैयार करने में उपयोग में ली जा रही सामग्री, पानी तथा प्रसाद तैयार करने वाले व्यक्ति का मेडिकल फिटनेस आदि की जांच की गई।

जानकारी के अनुसार श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम विवाद के बाद देशभर के मंदिरों आदि में बनने वाले प्रसाद की गुणवत्ता जांची जा रही है। केंद्र सरकार की संस्था FSSAI प्रसाद को बनाने के लिए काम में लिए जाने वाले खाद्य पदार्थ, पानी की जांच कर रही है।

श्रीनिम्बार्क पीठ किशनगढ़ का भोग भी शुद्ध पाया गया है। इसका सर्टिफिकेट शीघ्र जारी किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा अधिकारी चोटवानी ने बताया कि भोग प्रमाण पत्र एक लंबी जटिल प्रक्रिया के बाद जारी किया जाता है। धार्मिक संस्था में प्रसाद तैयार करने वाले व्यक्तियों का मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र आवश्यक होता है। नवीनीकरण निर्धारित प्रक्रिया के बाद किया जाता है। दो साल बाद फिर से इस प्रमाण पत्र को रिन्यू करवाने के लिए वही मापदंड अपनाए जाएंगे।

सर्टिफिकेट को जारी करने के लिए करीब 2 महीने की प्रक्रिया

खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुनील चोटवानी ने बताया कि इस सर्टिफिकेट को जारी करने के लिए करीब 2 महीने की प्रक्रिया लगती है। जिसमें जिला स्तर पर मंदिरों की लिस्ट तैयार होती है। जिसमें खासकर उन धार्मिक स्थलों का चयन होता है जिसमें बड़े स्तर पर प्रसाद बनता है।

चोटवानी ने बताया कि पुष्कर के श्रीगुरुनानक साहिब गुरुद्वारा और किशनगढ़ के श्री निंबार्क पीठ को भी लिस्ट में शामिल किया गया। दोनों धार्मिक स्थलों के फूड लाइसेंस चेक किए गए। प्रसाद बनाने वाले स्टाफ का मेडिकल फिटनेस भी चेक किया और पानी की जांच रिपोर्ट भी तैयार की गई। सभी की जांच रिपोर्ट सही पाने के बाद भारत सरकार की संस्था एफएसएसएआई के पोर्टल पर भोग सर्टिफिकेट के लिए डॉक्यूमेंट अपलोड किए गए।

चोटवानी ने बताया कि डॉक्यूमेंट अपलोड करने के बाद एफएसएसएआई की थर्ड पार्टी की टीम धार्मिक स्थल विजिट करने के लिए पहुंची थी। टीम के द्वारा हाइजीनिक, खाद्य पदार्थ की क्वालिटी और स्टाफ के फिटनेस को लेकर रैंडम जांच करवाई गई। टीम के द्वारा दोनों धार्मिक स्थलों के स्टाफ की ट्रेनिंग के लिए कहा गया था। इसके बाद दोनों धार्मिक स्थलों के स्टाफ की ट्रेनिंग करवाई और उसका भी सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड किया गया। इसके बाद एफएसएसएआई के द्वारा सितंबर में दोनों धार्मिक स्थलों को यह पत्र जारी किया गया।

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