खेतड़ी नगर : खेतड़ी केसीसी के रामलीला मैदान में सनातन धर्म समिति के तत्वाधान में चल रहे दस दिवसीय रामलीला महोत्सव के छठे दिन राम-सुग्रीव मित्रता, बाली वध, और लंका दहन का मंचन किया गया। रामलीला के मुख्य अतिथि समाजसेवी जुगल किशोर सैनी थे, जबकि विशिष्ट अतिथियों में देवेंद्र शेखावत, नवीन अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल और डॉ. अनुराधा निर्वाण उपस्थित रहे।
रामलीला में बालि के वध के बाद सुग्रीव किष्किंधा के राजा बने और अंगद को युवराज नियुक्त किया गया। इसके बाद सुग्रीव ने असंख्य वानरों के साथ भगवान राम की सहायता से सीता माता की खोज शुरू की। हनुमान जी ने सबसे पहले माता सीता का पता लगाया। पहले तो सीता माता हनुमान को देखकर घबरा गईं, पर जब हनुमान ने भगवान राम की अंगूठी दी, तो उन्हें विश्वास हुआ कि यह प्रभु का दूत है। माता सीता ने हनुमान को अपनी व्यथा सुनाई और कहा कि प्रभु श्री राम से कहें कि वे जल्द उन्हें लेने आएं।
जब हनुमान लौटने लगे, तो राक्षसों ने उन्हें पकड़ लिया और रावण के आदेश पर उनकी पूंछ में आग लगा दी। इसके बाद हनुमान जी ने सोने की लंका को जला दिया। लंका दहन का दृश्य देखकर दर्शकों ने “जय श्रीराम” के जयकारे लगाए। हनुमान के लंका दहन से रावण का घमंड चूर-चूर हो गया।
इस दौरान रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने भामाशाहों का सम्मान भी किया। रामलीला में विभिन्न भूमिकाओं को निभाने वाले कलाकारों में राम का किरदार संजय जिंदड़, सीता का राजेश नारवाल, लक्ष्मण का हिमांशु, हनुमान का राजू चौहान, रावण का चुन्नीलाल, विभीषण का राम गोपाल, सुग्रीव का मनोहरलाल, मेघनाद का तिपेश जांगिड़, बाली का सुनील फाइटर, अंगद का हरिश शर्मा, अक्षय कुमार का नरेश मीणा, मंत्री का सीताराम और नृत्य प्रस्तुतियों में बबली शामिल थे।
इस अवसर पर समिति महामंत्री अभिषेक पारीक, राजेश डांढेल, अश्वनी गुरावडिया, घनश्याम दास, मुकेश मीणा, रमेश कुमार, एनके कोशिक, अम्मीलाल जांगिड़, राजकुमार जलंधरा, नेमीचंद कुमावत, नारू, मुरारी कर्मचंदानी, महेश शर्मा, विजय शर्मा, राधा कृष्ण, माता दीन शर्मा, आलोक जैदिया, अमित ठोलिया, रामवीर, बंसल, घनश्याम दास सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन विमल शर्मा ने किया।